कई बार हम सेहत के प्रति काफी लापरवाही बरत देते हैं, जिससे हमें कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं, इसलिए हर व्यक्ति को गंभीर रोगों के प्रति जागरुक होना चाहिए. आज हम आपको एक ऐसे ही रोग के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे आंखों का लकवा कहा जाता है.
यह आंखों से जुड़ी एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जिसकी अनदेखी करने पर व्यक्ति बुरी तरह प्रभावित हो सकता है. आइए आपको इस रोग के लक्षण और बचाव के तरीके बताते हैं.
क्या है आंखों का लकवा
ऑक्यूलर पैरालिसिस (Ocular Paralysis) को आंखों का लकवा कहा जाता है. यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें आंखों की पुतलियों का चलना-हिलना बंद हो जाता है. इसकी वजह से व्यक्ति को देखने में काफी परेशानी होती है. बता दें कि हर व्यक्ति की आंखों में 6 एक्स्ट्राऑक्युलर मसल्स (Extraocular muscles) होते हैं. इसमें से 4 रेक्टाइ और 2 ऑबलिक मसल्स होते हैं.
इसके साथ ही एक्स्ट्राऑक्युलर मसल्स की मदद से ही आंखों को दाएं-बाएं, ऊपर-नीचे हिलाया जाता है. ऐसे में अगर किसी की एक्स्ट्राऑक्युलर मसल्स में आंशिक रूप से लकवा हो जाए, तो इससे आइबॉल का मूवमेंट प्रभावित होता है. इससे व्यक्ति चाहते हुए भी अपनी आइबॉल को गति में नहीं ला पाता है और इस तरह आंखों का लकवा हो जाता है.
आंखों के लकवा के लक्षण (Symptoms of Eye Paralysis)
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आंखों में तेज दर्द
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आंखों का लाल होना
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लगातार पानी बहते रहना.
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पुतलियों का अचानक से एक ही दिशा में बने रहना
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पलकें नीचे गिर जाना.
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डबल विजन, जिसमें व्यक्ति को एक वस्तु दो दिखाई देती है.
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जी मिचलाना
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चक्कर आना
आंखों के लकवा का इलाज (Treatment of Eye Paralysis)
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इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को किसी अच्छे नेत्र रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए. थेरेपी से इलाज
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इस रोग का इलाज करने के लिए पेन मैनेजमेंट के साथ स्टेरॉयड और मिथाइल कोबाल्मीन और पायरीडोक्सिन की थेरेपी बहुत प्रभावशाली होती है.
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आंखों की पुतलियों के आंशिक विचलन को सिनेप्टोफोर एक्सरसाइज और प्रिज्म युक्त चश्मे से सही कर सकते हैं.
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अगर रोगी की आंखों की पुलतियों का विचलन 6 महीने में सही नहीं हो रहा है, तो वह सर्जरी का विकल्प चुन सकते हैं.
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