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नारियल के तेल का प्रयोग देश में पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है. कई अलग-अलग प्रकार से इसका प्रयोग किया जाता है. भारत ही नहीं बल्की दुनिया के कई ऐसे देश हैं जहां नारियल के तेल का प्रयोग किया जाता है. नारियल तेल के बारे में ऐसा माना जाता है कि इसमें सैच्युरेटेड फैट अधिक मात्रा में पाया जाता है जो इसे हेल्दी बनाता है. नारियल तेल तलने-भुनने के लिए काफी सहायक माना जाता है और इसके बारे में ऐसा माना जाता है की दूसरी तेलों की तरह ये शरीर में जमता नहीं है, यही वजह है की इसका ज्यादातर प्रयोग वजन कम करने के लिए किया जाता है.
लेकिन हाल ही में हार्वर्ड के एक प्रोफेसर ने इन सभी बातों को नकार दिया है. प्रोफेसर ने कहा कि नारियल का तेल इस्तेमाल होने वाला सबसे खतरनाक तेल है. उनका मानना है की इसमें सैचुरेटेड फैटी एसिड्स होते हैं, जो सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं. वहीं इसके बाद हार्वर्ड के एक और प्रोफेसर डॉ. वाल्टर सी विलेट ने इस विषय पर कहा है कि नारियल तेल हाइड्रोजेनेटेड तेलों की तुलना में तो अच्छा है, लेकिन अनसैचुरेटेड वेजिटेबल ऑयल (जैसे जैतून) से बेहतर नहीं है.
वहीं इन सबके बीच अगर इसके प्रयोग की बात करें तो कई देशों में नारियल के तेल का इस्तेमाल पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है. इसका ज्यादातर इस्तेमाल बालों के लिए किया जाता है लेकिन आजकल इसका इस्तेमाल खाना बनाने के लिए भी किया जा रहा है. हालांकी इस विषय पर जानकारों के बीच अब एक नई बहस छीड़ गई है. कई हेल्थ से जुड़े विशेषज्ञ और जानकार इकसा इसका इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं.
कृषि जागरण डेस्क
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