हम अपनी दिनचर्या में अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड को अधिक शामिल करने लगे हैं. सुबह हो या शाम बाजार से चिप्स खरीदना हमारी आदत में से एक बनती जा रही हैं. घर के फ्रिज में कोल्ड ड्रिंक की बोतल पड़ी रहती है और जब मन में आता है तो एक दो गिलास कोल्ड ड्रिंक पी ही लेते हैं. आज छोटे बच्चों की चाहत अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड की तरफ बढ़ती ही जा रही हैं. मार्केट में कई तरह के चटपटे चिप्स के पैकेट, और चॉकलेट आ रहीं हैं जिसे छोटे बच्चे से लेकर बड़े तक खाते हैं.
अगर ऐसी बात है तो हो जाइये सावधान और जितनी जल्दी हो सकें अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड को खाने से बचिए. यदि बच्चा चॉकलेट और चिप्स के लिए जिद्द कर रहा है तो उसे रोकिये और समझाइए.
अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड बीमारियों का घर
हमारे घरों में बिस्किट, चिप्स, भुजिया, कोल्ड ड्रिंक, ब्रेड और चॉकलेट जैसे अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड किसी ना किसी रुप में शामिल हैं. इन फूड की लत हमें कई बीमारियों की तरफ धकेल रहीं है. इन जंक फूड की वजह से देश में डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियों के मामले हर रोज बढ़ते जा रहे हैं. पोषण पर काम करने वाली गैर-सरकारी संगठन न्यूट्रिशन एडवोकेसी इन पब्लिक इंटरेस्ट ने बिस्किट, चिप्स, भुजिया, कोल्ड ड्रिंक, ब्रेड और चॉकलेट जैसे 43 पैकेज्ड फूड का अध्ययन किया. साथ ही इसमें पाया गया कि एक भी उत्पाद ऐसा नहीं है, जिसमें शुगर, फैट और सोडियम तीनों की तत्व डब्ल्यूएचओ की ओर से तय मानक के अंदर हों. करीब एक तिहाई उत्पाद तो ऐसे है., जिनमें शुगर, फैट और सोडियम तीनों की मात्रा तय मानक से कहीं अधिक थी. ये सभी ऐसे उत्पाद हैं, जिनकी हमारे घरों में रोज इसकी खपत होती है और खासतौर पर बच्चे इन्हें काफी पसंद करते हैं. जोकि हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी ही हानिकारक है.
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क्या कहती है मेडिकल रिसर्च
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च का अध्ययन बताता है कि देश में डायबिटीज के 10 करोड़ मरीज हैं. हर 4 में से 1 भारतीय या तो डायबिटीज या प्री-डायबिटीज या मोटापे से परेशान है. पोषण ट्रैकर के आंकड़े बताते हैं कि पांच साल से कम उम्र के 43 लाख बच्चे मोटापे या अधिक वजन के शिकार हुए हैं, जो ट्रैक किए गए कुल बच्चों का 6% है. विशेषज्ञ इस समस्या के पीछे बड़ी वजह जंक फूड की बढ़ती खपत को बता रहें है.
बीते अगस्त महीने में आई विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक अध्यन में बताया गया कि भारत में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की खुदरा बिक्री वर्ष 2011 और 2021 के बीच 13.37% की चक्रवृद्धि दर से बढ़ी है.जंक फूड सिर्फ अमीर और शहरी वर्ग तक सीमित नहीं रह गया है.आक्रामक मार्केटिंग के दम पर इसने ग्रामीण भारत और गरीब वर्ग के बीच भी जगह बना ली है.
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