कोरोना काल में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए औषधीय गुणों से भरपूर फल और सब्जियों की मांग बढ़ रही है. सहजन (मुनगा), जिसे अंग्रेजी में ड्रमस्टिक कहते हैं. इसका वानस्पतिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा है. सहजन एक बहु उपयोगी, पौष्टिकता से भरपूर पौधा हैं. इसका निरंतर उपयोग करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इसमें दूसरे फल और सब्जियों से अधिक पोषक तत्व पाया जाता है.
सहजन में पोषक तत्व
सहजन की पत्तियों में संतरे से 7 गुना अधिक विटामिन सी, दूध से 4 गुना अधिक कैल्शियम, केले से 3 गुना अधिक पोटेशियम, गाजर से 4 गुना अधिक विटामिन ए तथा दही से 2 गुना अधिक प्रोटीन मिलता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन ए, सी और बी काम्प्लेक्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. एक अध्ययन के अनुसार सहजन में 90 तरह के मल्टी विटामिन्स, 45 तरह के एंटी ऑक्सीडेंट, 35 तरह के दर्द निवारक गुण, 17 प्रकार के अमीनो एसिड पाए जाते हैं.
सहजन का उपयोग
सहजन के फल से सब्जी बनती है. पत्ते, गोंद और जड़ से आयुर्वेदिक दवाइयां बनाई जाती हैं. इसके बीज के तेल का भी अलग-अलग रूपों में उपयोग किया जाता है. अतः सहजन युक्त आहार लेने से से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
सहजन के तने, पत्ते, छाल, फूल, फल का अलग-अलग तरीकों से उपयोग किया जाता है, क्योंकि सहजन का पेड़ जड़ से लेकर फल तक बहुत ही गुणकारी होता है. पत्तियों को कच्चा, पानी में उबालकर शहद और नींबू मिलाकर, पाउडर या जूस के रूप में, सूप और करी में उपयोग किया जाता है. सहजन में एंटीफंगल, एंटीवायरल, एंटी डिप्रेसेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं. इसकी पत्तियों में विटामिन-सी होता है. इसका उपयोग बीपी कम करने और वजन घटाने में भी ये सहायक होता है. औषधीय गुणों से भरपूर सहजन नियमित एक चम्मच या लगभग 2 ग्राम उपयोग करने से और डायबिटीज रोगियों के ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है.
सहजन में आयुर्वेदिक गुण
सहजन को आयुर्वेद में अमृत समान माना गया है, क्योंकि इसमें 300 से अधिक औषधीय गुण पाए जाते हैं. इसकी नर्म पत्तियां और फल, दोनों ही सब्जी के रूप में उपयोग किए जाते हैं. सहजन की फली, हरी पत्तियों व सूखी पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-ए, सी और बी कॉम्प्लेक्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
सहजन की सब्जियों की उपयोगिता
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सहजन आपकी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने एंव मजबूत करने में सहायक होता है.
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कैल्शियम से भरपूर होने की वजह से साइटिका, गठिया में सहजन का उपयोग बहुत ही लाभप्रद होता है.
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सुपाच्यग होने की वजह से सहजन लिवर को स्वस्थ रखता है.
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पेट दर्द या पेट से जुड़ी गैस, अपच और कब्ज जैसी समस्याकओं में सहजन के फूलों का रस पीने से या इसकी सब्जी खाने से या इसका सूप पीने से ज्यादा फायदा होता है.
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आंखों की रोशनी के लिए सहजन की फली, पत्तियां और फूल का उपयोग करना चाहिए.
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कान के दर्द में ताजी पत्तियों के रस की कुछ बूंदें कान डालने से आराम मिलता है.
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पथरी की समस्या में सहजन की सब्जी और सूप पीने से ज्यादा लाभ होता है.
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बच्चों के पेट में यदि क्रीमी हों तो उन्हें सहजन के पत्तों का रस देना चाहिए.
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दांतों की समस्या में इसकी छाल का काढ़ा पीना चाहिए.
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सहजन का उपयोग ब्लडप्रेशर को सामान्य एंव कोलेस्ट्रॉल को कम करता है.
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दिल के रोगियों के लिए भी यह बहुत उपयोगी होता है.
सहजन के फूलों की सब्जियों की पौष्टिकता
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मूत्र विकारों में सहजन के फूलों की चाय पीना भी लाभप्रद होता है.
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इसके सूखे फूलों काढ़ा बनाकर पिलाने से प्रसूताओं को दूध कम आने की समस्या में लाभ होता है.
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सहजन के फूलों को सब्जी, चाय को प्रतिदिन आहार में शामिल करने से इसमें उपस्थित एंटीऑक्सी डेंट नुकसान पहुंचाने वाले फ्री-रेडिकल्सआ के प्रभाव को रोकने में सहायक होते है. जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
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इसके फूलों में फाइबर की मात्रा काफी होती है, तथा इसका उपयोग करने से पाचन तंत्र स्वकस्थ. रहता है.
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सहजन के फूलों में क्लोरिक एसिड नाम का एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो शरीर में उपस्थित अतिरिक्ता वसा को बर्न करने में सहायक होता है, जिससे शारीरिक भार कम होता है.
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इसके फूलों के उपयोग से बालों का झड़ना रुकता है. बालों का विकास होता है, और रूखापन समाप्त होकर इनकी चमक बढ़ती है.
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सहजन के फूलों के सेवन से पुरुष शक्ति में वृद्धि होती है, तथा शारीरिक शिथिलता, थकान और कमजोरी दूर करने में सहायक होते है.
सहजन की पत्तियों की सब्जियों का औषधीय महत्व
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इसकी पत्तियों में प्रोटीन, बीटा कैरोटीन, पोटेशियम और एंटीऑक्सीवडेंट के अतिरिक्त एस्कॉमर्बिक एसिड, फोलिक और फेनोलिक पाए जाते हैं, जिससे विभिन्न रोगों का उपचार किया जाता है.
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सहजन की पत्तियों में एस्कॉर्बिक एसिड, फोलिक और फेनोलिक, एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, इसकी पत्तियों के अर्क में मधुमेह रोधी और एंटीऑक्सीसडेंट गुण होते हैं, जिससे शरीर में इंसुलिन के स्तर को बढ़ाने में सहायक होता हैं, और मधुमेह रोगियों के लिए लाभप्रद होता है.
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इसकी पत्तियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड की अच्छी मात्रा होती है, जिससे रक्तचाप को सामान्य एंव कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है. तथा ह्रदय रोगियों के लिए भी यह बहुत उपयोगी होता है.
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पत्तियों में उपस्थित पोटैशियम रक्तचाप को कम करने में प्रभावी होता है, पोटैशियम वैसोप्रेसिन को नियंत्रित करता है और यह हार्मोन रक्त वाहिकाओं की क्रियाविधि को प्रभावित करता है.
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सहजन की पत्तियों में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट, एंटी कैंसर और अन्यय सक्रिय घटक होते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं और फ्री रेडिकल्स के प्रभावों को कम करने में सहायक होते हैं, कैंसर के लक्षणों को कम करने के लिए इसकी पत्तियों का उपयोग किया जाता है.
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100 ग्राम सहजन पत्ते के पाउडर में 28 मिली ग्राम आयरन होता है, जो अन्यं खाद्य पदार्थों की तुलना में बहुत अधिक है, इसलिए इससे एनीमिया दूर होता है.
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इसमें आयरन, जस्ता, ओमेगा-3 फैटी एसिड और अन्य पदार्थ होते हैं, जो मस्तिष्क की स्मृति को बेहतर बनाने में सहायक होता है.
लेखक: डॉ. (श्रीमती) मनीषा चौधरी1, डॉ.एस.पी.सिंह2 एवं श्रीमती चंचला रानी पटेल3
कृषि विज्ञान केंद्र, रायगढ़ (छ.ग.)1, कृषि विज्ञान केंद्र, बिलासपुर (छ.ग.)2, 3
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