भोजन कितना भी अच्छा बना हो लेकिन नमक के बिना बेकार है. ऐसा ही नमक में भी एक खनिज आयोडीन होता है जिसके बिना नमक बेकार है. आयोडीन हमारे स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है. इसकी कमी से घेंघा, थायरायड आदि रोग हो जाते है. ज्यादातर लोग ये जानते हैं की आयोडीन युक्त नमक सेहत के लिए कितना अच्छा है लेकिन ये नहीं जानते की इसका इस्तेमाल कैसे करें? हिमाचल प्रदेश में ऐसे लोगों की संख्या लगभग 90 फीसद है जिनकी आयोडीन की कमी से होने वाले बिकारों को दूर नहीं किया जा सकता लेकिन इसे रोका तो जा सकता है. आपको बता दें की आयोडीन युक्त नमक को खुले में न रखें ऐसा करने से नमक से आयोडीन उड़ जाता है.
आयोडीन गर्मी के संपर्क में भी आने से उड़ जाता है इसलिए लोगों को चाहिए की दाल उबालने और सब्जी बनाने के दौरान उसमें नमक न डालें ऐसा करने से आयोडीन उड़ जाता है. आयोडीन को अपने भोजन में बनाये रखने के लिए भोजन पकने के बाद ही नमक डालें.
इसकी कमी से हार्मोन भी होते हैं प्रभावित
आपको ये जानकर हैरानी होगी की मनुष्य को अपने पूरे जीवनकाल में केवल एक ही चम्मच आयोडीन की जरूरत होती है. तो हम इसे एक साथ क्यों नहीं ले लेते. हमारी थायरायड ग्रंथि में इतनी छमता नहीं होती है की इतनी बड़ी मात्रा में आयोडीन एकत्र कर लें. इसकी कमी होने से थायराइड ग्रंथि से निकलने वाला हार्मोन भी प्रभावित होता है. जिससे हाइपोथायरॉइडिज्म हो जाता है. इसका मुख्य स्रोत आयोडाइज्ड नमक को मन गया है. नमक के आलावा और भी आहार हैं जिसमे आयोडीन मिल जाता है.
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इसकी कमी से होने वाले नुकसान
महिलाओं में गर्भपात
1. मृत शिशु पैदा होना.
2. मानसिक रूप से अविकसित, निरुत्साही व बौने बच्चे.
3. बच्चे को सामान्य कार्यकलाप करने, बोलने या सुनने में दिक्कत.
4. घेंघा रोग, थायरायड.
आयोडीन के स्रोत
1. पनीर, दूध, छाछ, दही ( -आलू को छिलके सहित उबालकर खाएं)
2. सेम की सब्जी (नेवी बीन्स).
3. केला, स्ट्रॉबेरी, अंडे.
4. समुद्री शैवाल, कॉड मछली, झींगे, सी-वीड, केल्प
इससे युक्त पदार्थों का करे सेवन
आप को बता दें की मौजूदा समय में लगभग हर अस्पताल में प्रतिदिन 10-15 मामले थायरायड की समस्या के आते हैं. इससे निपटने के लिए हमे आयोडीन युक्त नमक का प्रयोग करना चाहिए.
प्रभाकर मिश्र, कृषि जागरण
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