गोबर का नाम सुनकर ही ज्यादातर लोग नाक सिकोड़ते हैं लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि प्राचीन काल से ही गाय के गोबर को सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर और पवित्र माना जाता आया है क्योंकि गाय के गोबर में अनेक गुणों का समावेश होता है. लोगों को शायद यह भी नहीं पता होगी कि बेकार दिखने वाली इस चीज की देश-विदेशों में भी मांग है. ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में गाय के गोबर से बनी राख के अद्भुत गुणों के बारे में बताते हैं-
ज़ुकाम से राहत दिलाने में सहायक
राख का उपयोग प्राचीन काल से ही आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता आया है क्योंकि यह शरीर की अत्यधिक नमी को अवशोषित कर ठंड को रोकने में मदद करती है. इसलिए ज्यादातर साधु अपने माथे और नाक पर राख का इस्तेमाल करते हैं.
खाज-खुजली से राहत
गाय के गोबर को अच्छे से सुखाकर उसे जलाएं उसके बाद उसकी राख बना लें. फिर मक्खन में 25 ग्राम राख को मिलाकर रख लें और जब भी आपको खाज-खुजली महसूस हो तो इस लेप को तुरंत लगा लें. ऐसा करने से आपको बहुत जल्दी राहत मिलेगी.
मिर्गी की समस्या से राहत
अगर आपको मिर्गी की समस्या है तो आप सूखे गोबर की राख को पानी में मिलाकर अच्छे से छान ले. इसका हफ्ते में 2 से 3 बार सेवन करने से आपको मिर्गी की बीमारी से काफी हद तक राहत मिलेगी.
पेट के कीड़े से छुटकारा
आजकल ज्यादातर लोग पेट में कीड़े की समस्या से ग्रस्त हैं. जिसके चलते उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जैसे ज्यादा भूख लगना, आलस आना, पेट में दर्द होना, शरीर में खून की कमी होना आदि. तो ऐसे में आप गाय के गोबर की राख को 1 गिलास पानी में 1 चम्मच मिला कर और छानकर 3 से 4 दिन तक सुबह शाम लगातार पिएं, आप कुछ दिनों में ही उक्त समस्या से निजात पा लेंगे.
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