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शुगर के लिए वरदान है इन्सुलिन’ का पौधा, जानिए कब और कैसे लगाएं ये प्लांट

आजकल शुगर की शिकायत होना आम बात हो गई है, बढ़ती उम्र के साथ अधिकतर लोगों को इसकी शिकायत होने लगती है. आम बोलचाल की भाषा में लोग इसे शुगर, डायबिटीज या मधुमेह कहते हैं, जो कि चयापचय संबंधी बीमारियों का एक समूह है.

कंचन मौर्य
कंचन मौर्य
Insulin Plant
Insulin Plant

आजकल शुगर की शिकायत होना आम बात हो गई है, बढ़ती उम्र के साथ अधिकतर लोगों को इसकी शिकायत होने लगती है. आम बोलचाल की भाषा में लोग इसे शुगर, डायबिटीज या मधुमेह कहते हैं, जो कि चयापचय संबंधी बीमारियों का एक समूह है.

इसमें लंबे समय तक रक्त में शर्करा का स्तर उच्च होता है. इसके लक्षणों में अक्सर पेशाब आना, अधिक प्यास लगना और भूख में वृद्धि प्रमुख है. अगर इस बीमारी का समय रहते सही इलाज न कराया जाए, तो रोगी को दवाई व इन्सुलिन इंजेक्शन पर निर्भर होना पड़ता है. इसी संबंध में शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि शुगर के मरीज प्राकृतिक तरीकों से अपने रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को कम रख सकते हैं. इस कारण पिछले कुछ समय से ‘इन्सुलिन’ नामक पौधे की काफी चर्चा हो रही है और इस पौधे को लगाने के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ी है, इस लेख में पढ़ें इन्सुलिन पौधे से जुड़ी जानकारीयां.

क्यों खास है इन्सुलिन पौधा

हमारे देश में इन्सुलिन को स्पाइरल फ्लैग के नाम से भी जाना जाता है. इस पौधे का नाम इन्सुलिन इसलिए है , क्योंकि इसकी पत्तियों को चबाने से रक्त में ग्लूकोज  की मात्रा कम होती है. इस कारण यह शुगर के मरीजों के लिए लाभदायक  है.

इन्सुलिन पौधा होता है खूबसूरत

अगर पौधे की बनावट की बात करें, तो इसके पत्ते बहुत ही खूबसूरत दिखाई देते हैं और पत्ते स्पाइरल तरीके से शाखाओं पर लगे होते हैं. इसे घरों में ऑर्नामेंटल पौधे के रूप में भी लगाया जाता है. आप इस पौधे को आसानी से घर में लगा सकते हैं. इससे आपके घर की सुन्दरता बढ़ेगी .

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

यह प्लांट नॉर्थ और साउथ अमेरिका में बहुतायत में पाया जाता है, इन्सुलिन में एंटी डायबिटिक गुण पाए जाते है. इसमें बहुत फायटोकेमिकल्स पाए जाते हैं, जैसे फ्लैवोनॉइड, स्टेरॉयड, अल्कलॉइड, प्रोटीन्स, सैपोनिन्स आदि. इसकी मदद से आयुर्वेदिक दवाईयां तैयार की जाती है, जो डायबिटीज मरीजों के लिए रामबाण साबित हुई हैं.

शुगर के लिए कैसे प्रयोग करें इन्सुलिन पौधा

मधुमेह के मरीजों को इसकी एक पत्ती चबाकर चूसने से बहुत लाभ होता है. ऐसा कहा जाता है कि रोजाना इसका एक पत्ता खाने से ब्लड ग्लूकोज़ लेवल कम करने में मदद मिलती है.

 इन्सुलिन पौधे के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ

  • यह पौधा ‘जिंजर फैमिली’ से संबंध रखता है, इसलिए आप राइजोम और कटिंग से पौधा लगा सकते हैं.

  • यह 3 से 4 फ़ीट तक बढ़ता है.

  • यह सख्त पौधा है, इसलिए इसे जरूरत के हिसाब से पानी देना चाहिए.

  • इस पौधे को बहुत ज्यादा धूप की जरूरत नहीं होती है.

  • इस पौधे को ऐसी जगह लगाएं, जहां सुबह के समय धूप आती हो.

कब लगाएं इन्सुलिन पौधा

बारिश का मौसम किसी भी पौधे को लगाने का उत्तम समय है. अगर आप इन्सुलिन का पौधा घर में लगाना चाहते हैं, तो यह मौसम सबसे ज्यादा उपयुक्त है. अगर आस-पास कोई कटिंग नहीं मिल रही है, तो आप नर्सरी से भी पौधा खरीद सकते हैं.

कैसे लगाएं इन्सुलिन पौधा?

  • सबसे पहले मध्यम आकार का गमला लें.

  • कटिंग लेते समय ऐसी टहनी का चुनाव करें, जो कि बहुत ज्यादा सख्त न हो और न ही बहुत ज्यादा कच्ची हो.

  • कटिंग लेते समय टहनी को तिरछा काटें.

  • इसके बाद नीचे की तरफ की सभी पत्तियां हटा दें.

  • अब पॉटिंग मिक्स के लिए आधी मिट्टी और आधी खाद लें.

  • पॉटिंग मिक्स को गमले में भर दें.

  • इसमें कटिंग लगा दें.

  • फिर ऊपर से पानी लगाएं.

  • पौधे को सीधी धूप नहीं लगनी चाहिए.

  • नियमित तौर पर पानी दें.

  • जब 2 से 3 हफ्तों में कटिंग विकसित होने लगे, तब इसे धूप में रखें.

  • कुछ ही महीनों में पौधा बढ़ने लगेगा.

  • इसे ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती है.

  • आप महीने में एक बार जैविक खाद का प्रयोग कर सकते हैं.

उपर्युक्त विधि से आप घर में ही लगा सकते है इन्सुलिन का पौधा जिससे होगा शुगर जैसी गंभीर बीमारी का इलाज और बढ़ेगी घर की सुन्दरता.

(ऐसी ही औषधि संबंधी, और कृषि संबंधित हर जानकारी के लिए जरुर पढ़े कृषि जागरण हिंदी पोर्टल.)

English Summary: the plant insulin is beneficial for the treatment of sugar Published on: 16 July 2021, 11:23 IST

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