कहा जाता है कि पांडवों ने वनवास के दौरान मशाल के रूप में एक ऐसी पत्ती का इस्तेमाल किया था, जो बत्ती की तरह जलती है. जी हां, एक ऐसी पत्ती जिसे लाइटर (Lighter Leaf) की तरह इस्तेमाल किया जाता है उसका नाम है प्रियंगू (Priyangu) जिसे "पांडवर बत्ती" (Pandavar Batti) के नाम से भी जाना जाता है. इसका साइंटिफिक नाम कैलिकार्पा मैक्रोफिला (Callicarpa Macrophylla) है. इसके अलावा, प्रियंगू एक ज़बरदस्त आयुर्वेदिक जड़ी बूटी (Priyangu is a powerful ayurvedic herb) भी है, जिसके अनगिनत लाभ हैं.
प्रियंगू पौधे की विशेषताएं (Features of Priyangu Plant)
-
Priyangu एक बारहमासी पौधा है, जो भारत के उत्तर पूर्वी भागों में और हिमालयी क्षेत्र में 3000 फीट की ऊंचाई पर उगता है.
-
प्रियंगू लंबाई 2 मीटर तक बढ़ती है.
-
इसकी शाखाओं में रूई की तरह बालों वाली संरचना होती है.
-
Priyangu की पत्तियां 18 से 30 सेमी लंबी व अंडाकार के रूप में होती है.
-
ऊपरी सतह से चिकनी व बालों वाली होती हैं.
-
Priyangu के फूल छोटे होते हैं जो बैंगनी या गुलाबी रंग के होते हैं.
प्रियंगू के स्थानीय नाम (Local names of Priyangu)
-
अंग्रेजी नाम: फालिनी
-
बंगाली नाम: ब्यूटिबेरी
-
गुजराती नाम: मतारा, मथारा
-
कन्नड़ नाम: प्रियंगु
-
मलयालम नाम: गवला, नलाल, जातिवृक्ष
-
पंजाबी नाम: गढ़ला
-
तमिल नाम: सुमाली
-
तेलुगु नाम: इत्तौदुगा, वेट्टीलाई पट्टाई, सीमाकुलथु, कोडौदुगा
प्रियंगू के औषधीय उपयोग (Medicinal uses of Priyangu)
-
सिर दर्द के इलाज के लिए Priyangu की छाल का लेप माथे पर लगाया जाता है.
-
प्रियंगू की छाल के चूर्ण का उपयोग मसूड़े की सूजन के इलाज के लिए उसपर रगड़ने के लिए किया जाता है.
-
Priyangu चेहरे के रंग को बेहतर बनाने के लिए फेस पैक में इस्तेमाल किया जाता है.
-
छाल के चूर्ण को डस्टिंग पाउडर के रूप में प्रयोग किया जाता है, ताकि रक्तस्राव को नियंत्रित किया जा सके.
-
कैलिकार्पा मैक्रोफिला (Priyangu) की छाल का काढ़ा घाव भरने में मदद करता है.
-
अल्सर और बवासीर जैसी बीमारियों को रोकने के लिए भी सहायक है.
-
बुखार और शरीर में जलन का इलाज करने के लिए भी प्रियंगू का इस्तेमाल किया जाता है.
-
शरीर की ताकत बढ़ाने के लिए प्रियंगू के सूखे चूर्ण को दूध के साथ दिया जाता है.
-
Priyangu का उपयोग सिरदर्द, सामान्य दुर्बलता, बुखार, जोड़ों में दर्द, त्वचा रोगों आदि के उपचार के लिए भी किया जाता है.
Share your comments