ऋषियों ने हजारों साल पहले ही पौधों में औषधीय गुणों को पहचान कर बीमारियों में उनका इस्तेमाल शुरू कर दिया था. वहीं, आज के समय में भी आयुर्वेदिक दवाओं में बड़े पैमाने पर औषधीय पौधों का उपयोग किया जाता है. बाजार में ऐसे कुछ पौधों की मांग काफी बढ़ गई है. जिसकी वजह से उनकी कीमत में भी उछाल देखने को मिल रहा है. किसान उन औषधीय पौधों से जमकर मुनाफा कमा रहे हैं. तो आइए उन पौधों के बारे में जानें
तुलसी का पौधा
औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी के पौधे के प्रति धार्मिक आस्था भी है. हिंदू धर्म में इसकी बड़ी मान्यता है. बता दें कि तुलसी से सर्दी-खांसी, कान दर्द-सूजन और तनाव की समस्या आदि दूर होती है. बाजार में तुलसी के पौधों की डिमांड तेज हो गई है. इसका एक पौधा 15-25 रुपये के बीच बिक रहा है. इसके अलावा, बड़ी-बड़ी कंपनियां एक क्विंटल तुलसी की पत्तियों को लगभग 7000 रुपये में खरीदती हैं.
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गिलोय का पौधा
गिलोय भी कई बीमारियों के इलाज में काम आती है. इसका सेवन करने से बुखार, पीलिया, गठिया, डायबिटीज, कब्ज, एसिडिटी और मूत्र संबंधी रोगों से आराम मिलता है. बाजार में गिलोय के एक पौधे की कीमत 50-80 रुपये हो गई है. किसान इसकी खेती से भी बंपर मुनाफा कमा रहे हैं.
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सतावर का पौधा
सतावर भी उन पौधों में शामिल है, जिसकी बाजार में डिमांड काफी बढ़ गई है. इसका पौधा भले ही ग्रामीण इलाकों में आसानी से मिल जाता है लेकिन शहर में ये करीब 70-80 रुपये में बिक रहा है. अगर इसके औषधीय गुणों की बात करें तो इसका सेवन करने से कैंसर, मधुमेह, त्वचा, कब्ज जैसी समस्या दूर रहती है.
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गुड़मार का पौधा
नर्सरी में गुड़मार की मांग भी इन दिनों काफी बढ़ी है. इससे मधुमेह, लिवर, डायरिया, पेचिश, पेट दर्द को दूर किया जा सकता है. इसके अलावा, गुड़मार के जड़ों का इस्तेमाल वात रोग और पुराने बुखार को खत्म करने के लिए किया जा सकता है. बाजार में इसके एक पौधे की कीमत 50 रुपये हो गई है. कई किसान इसकी खेती से बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं.
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