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अशोक के पेड़ में छिपे कई औषधीय गुण, किसान खेती से कर सकते अच्छी कमाई

कोरोना महामारी के प्रकोप भले ही देश में कम हुआ हो, लेकिन लोगों में कोरोना का डर अभी-भी है तभी तो लोग अब अपनी सेहत पर ज्यादा ध्यान देने लगे हैं और औषधीय पौधों का इस्तेमाल सेहतमंद रहने के लिए कर रहे हैं इसलिए किसानों को भी औषधीय पौधों की खेती से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं जिनमें अशोक का पेड़ भी शामिल है जो औषधीय गुणों से भरपूर है.

राशि श्रीवास्तव
राशि श्रीवास्तव
अशोक के पेड़ का आयुर्वेदिक उपयोग
अशोक के पेड़ का आयुर्वेदिक उपयोग

औषधीय पौधे कितने काम के होते हैं ये देश ही नहीं कोरोना के दौर में पूरी दुनिया देख चुकी है. इसलिए किसान भी औषधीय पौधों की ओर आकर्षित हो रहे हैं इतना ही नहीं सरकार भी औषधीय पौधों की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करती है. इस बीच आपको अशोक के पेड़ की जानकारी दे रहे हैं जो कई तरह के स्वास्थ्यवर्धक गुणों से भरपूर है, इस पेड़ की छाल और पत्तों में कई सेहतमंद लाभ होते हैं आयुर्वेद में भी इस पेड़ से बनने वाली दवाइयों के बारे में बताया गया है. अशोक का पेड़ त्वचा को स्वस्थ रखने, मधुमेह के लक्षणों को कम करने और संक्रमण से लड़ने के साथ ही दस्त रोकने में भी मदद करता है. इस पेड़ से किसान व्यावसायिक तौर पर लगाकर भी अच्छी कमाई कर सकते हैं.

पेड़ लगाने का सही समय- वैसे तो अशोक के पौधे को किसी भी मौसम में लगाया जा सकता है लेकिन बारिश के मौसम में पौध रोपाई करना अच्छा माना जाता है क्योंकि इस दौरान ज्यादा देख-रेख करने की जरूरत नहीं पड़ती.

कलम से पेड़ लगाने का तरीका- सबसे पहले तो एक कटिंग लें इस कटिंग को लगाने के बाद मिट्टी तैयार करें, जिसके लिए मिट्टी में नीमखली और गोबर की खाद को डालें. अब गमले के ऊपर रेत की परत लगाएं ताकि गमले में पानी को रेत रोक सके और कलम खराब होने से बचे. बता दें कलम हमेशा 4-5 इंच वाली ही हो, कलम लगाने से पहले पत्तों की छंटाई करनी चाहिए फिर रूटिंग हार्मोन के पाउडर का घोल बनाकर उसमें सभी कलमों को 4-5 मिनट के लिए छोड़ दें, इस तरह से कलम में जड़ काफी जल्दी आ जाती है 5 मिनट बाद गमलों में लगा दें रूटिंग पाउडर न होने पर चीनी के घोल में भी कटिंग रख सकते है.

बीज से पेड़ लगाने का तरीका- अशोक के बीज लेने के बाद एक गमला लें या फिर प्लास्टिक की बाल्टी में भी बीज लगा सकते हैं, बाल्टी के नीचे कुछ छेद जरूर बनाएं फिर रेतीली मिट्टी या रेत भरें क्योंकि सामान्य भूमि में पौधों को उगने में समय लगता है. अब 3-4 इंच की गहराई में बीज लगाए. बीज लगाने के बाद मिट्टी को बराबर करना चाहिए फिर गमले में पानी भरें. गमले में नमी बनाए रखे और गमले को सूखने न दें जिसके लिए समय-समय पर गमले में पानी डालते रहें. और एक महीन का इंतजार करें और जब पेड़ थोड़ा बड़ा हो जाए तो इन्हें निकालकर दूसरी जगह लगा सकते हैं तब 80% मिट्टी के साथ 20% गोबर की खाद जरूर मिलाएं.

धूप की जरूरत- अशोक के पेड़ को करीब 6 से 8 घंटे की सीधी धूप की जरुरत होती है, क्योंकि कम धूप में पौधा ठीक से विकास नहीं कर पाता और पौधे के स्वास्थ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.

खाद की जरुरत- अशोक के पेड़ को एक साल में 10 किलो गोबर खाद की जरूरत होती है, कुछ महीने तक पौधों को कुछ मात्रा खाद दें और गर्मी में मई-जून और सर्दियों में दिसंबर-जनवरी में पौधों को खाद बिल्कुल न दें. बाकि के महीनो में थोड़ी-थोड़ी खाद देना चाहिए.

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सिंचाई- अशोक के नए पेड़ को हर दो दिन में पानी की जरुरत होती है. हालांकि सर्दियों में 15-20 दिन में पानी दें, और एक महीने बाद हफ्ते में एक बार पानी देना काफी होता है. जब पेड़ों को पानी कम देते हैं तो पेड़ की जड़े पानी की खोज में बढ़ती हैं और पेड़ भी तेजी से विकास करता है.

कटाई-छंटाई- अशोक के पेड़ों की छटाई करने से बचना चाहिए  इसकी शीर्ष कलियों को तो बिल्कुल न काटें इससे पौधे का विकास रुकता है. कई बार पौधे के नीचे प्रून करके लंबाई बढ़ाने की कोशिश की जाती है लेकिन छंटाई लाभकारी नहीं होती.

English Summary: Many medicinal properties hidden in Ashoka tree, farmers can earn well from farming Published on: 17 May 2023, 12:21 IST

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