गांव और दूसरे तबकों में तो तरह-तरह की खेती होती ही रहती है परंतु शहरों का खेती से नाता अब टूट चुका है. लोग-बाग शहरों में कमाने-खाने और ओढ़ने-पहनने में व्यस्त हैं. कृषि क्या होती है जैसे उन्हें पता ही नहीं.
ऐसे में दिल्ली और दूसरे शहरों में इनदिनों औषधीय पौधे उगाने का एक नया ट्रैंड सा चल पड़ा है और इसी बहाने शहरों में भी लोगों का कृषि के प्रति झुकाव बढ़ रहा है और लोग कृषि को जान रहे हैं.
गिलोय है ट्रैंड
शहरों में जिन औषधीय पौधों की खेती की जा रही है, उनमें सबसे आगे है 'गिलोय'. गिलोय एकमात्र ऐसा औषधीय पौधा है जो अब शहरों में सबसे अधिक देखने को मिल रहा है. लोगों ने गिलोय को अपने आस-पास की पर्याप्त भूमि पर उगा दिया है और चूंकि गिलोय एक बेल पौधा है तो यह अपने-आप फैल जाता है. गिलोय को शहरों में उगाने का एक मकसद बीमारियां भी हैं. शहरों में बुखार, नज़ला, हैजा और पेट संबंधी तमाम बीमारियां लोगों में पाई जाती हैं और लोग भी अब एलोपैथी दवाईयों से तंग आ गए हैं. ऐसे में लोग बीमारियों से पूरी तरह निजात पाना चाहते हैं और गिलोय उनकी मदद करता है.
दोगुनी आमदनी
गिलोय की खेती के बारे लोग कम ही जानते हैं परंतु वह यह नहीं जानते की गिलोय की खेती आपको लाखों और करोड़ों का मालिक बना सकती है क्योंकि गिलोय का दवाई बनाने में बहुत इस्तेमाल होता है. गिलोय अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में बहुत महंगा और बहुत उच्च स्थान रखता है. गिलोय से सिरप, गोलियां और कईं तरह के भस्म बनाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं.
तीसरे स्तर के कैंसर में लाभदायक
गिलोय का असर इतना प्रभावी है कि यह तीसरे स्तर पर पहुंचे कैंसर को भी नियंत्रित कर उसे ठीक कर सकता है. गिलोय हमारे शरीर के खून में मौजूद कैंसर के कणों और सैल्स को नष्ट कर देता है और हमारे शरीर को निरोगी बना देता है.
प्लेटलेट
गिलोय हमारे शरीर में गिरते प्लेटलेट को बढ़ाने में बहुत मददगार है. जब भी किसी को बुखार या कमज़ोरी आती है तो उस समय गिलोय का सेवन करने से शरीर में शक्ति का संचार हो जाता है और शरीर एक नई ऊर्जा से भर जाता है.
घर से शुरु कर सकते हैं स्टार्टअप
गिलोय का व्यापार और बिज़नेस आप घर से ही शुरु कर सकते हैं क्योंकि गिलोय एक बेल पौधा है. आपको गिलोय लगाने के वक्त थोड़ा सतर्क रहने की ज़रुरत है. बस ! उसके बाद गिलोय अपने आप बढ़ेगा और गिलोय बढ़ने के साथ-साथ आपका बिज़नेस भी बढ़ेगा.
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