उत्तर प्रदेश के बारांबकी जिले में खाद का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सहकारी समितियों पर खाद न मिलने से किसान परेशान हैं. रबी सीजन के लिए आलू के साथ गेहूं की बुवाई शुरू हो चुकी है, इसलिए किसानों को उर्वरकों की बहुत जरूरत है. किसानों को एक-एक बोरी खाद के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. इसके चलते आए दिन कोई न कोई घटना सामने आ रही है.
ताजा मामला तहसील रामनगर के कस्बा त्रिलोकपुर की साधन सहकारी समिति का है. जहां खाद न मिलने से एक किसान इतना नाराज हुआ कि वह पेड़ पर चढ़कर आत्महत्या की धमकी देने लगा. सूचना पर पहुंची पुलिस के भी मंजर देखकर हाथ-पांव फूल गए. किसान द्वारा आत्महत्या के प्रयासों का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
समिति पर खाद के लिए सैकड़ों की तादाद में जुटे थे किसान
बारांबकी की तहसील रामनगर के कस्बा त्रिलोकपुर में साधन सहकारी समिति पर खाद वितरण के समय किसान सैकड़ों की तादाद में जुटकर अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे थे. भीड़ देखकर कर्मचारियों ने पुलिस को व्यवस्थाएं संभालने के लिए सूचना दी.
इसी समय कस्बा त्रिलोकपुर का किसान भारत रावत पास ही खड़े एक नीम के पेड़ पर चढ़ गया, उसका आरोप था कि वह लंबे समय से खाद मिलने की प्रतीक्षा कर रहा है लेकिन उसे खाद नहीं मिली. नीचे खड़े साथी किसान उसे समझाने लगे. इसी बीच वह आत्महत्या करने की धमकी देने लगा.
कई जिलों में खाद न मिलने से किसान हैं परेशान
सूचना पर पहुंची पुलिस ने जब यह नजारा देखा तो उसके हाथ-पांव फूल गए. पुलिस ने किसी तरह आत्महत्या की धमकी दे रहे किसान को समझा-बुझाकर नीचे उतारा और उसे अपने साथ थाने ले गई. दरअसल, पिछले काफी समय से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों की साधन सहकारी समितियों पर खाद की किल्लत है. ऐसे में किसानों को खाद प्राप्त करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है.
कभी-कभी किसान और समिति के कर्मचारियों में इसको लेकर विवाद की स्थितियां भी बन जाती हैं. किसानों का कहना है कि पहले ही खरीफ में धान की बुवाई बारिश से खराब हो गई थी. अब रबी में फसल की बुवाई करनी है, तो उन्हें खाद नहीं मिल पा रही है.
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खाद जब गोदाम में आएगी तभी वितरण होगा: इफ्को संचालक
घटना के संबंध में बाराबंकी के इफ्को केंद्र पर खाद वितरक और समिति संचलाकों का कहना है कि जब गोदाम में खाद आएगी, तभी किसानों को इसका वितरण हो सकेगा. खाद जब आती है तो उसे नियम के अनुसार किसानों को वितरण किया जाता है. कभी-कभी खाद समय पर न आने या सर्वर में दिक्कतों के कारण किसानों को खाद नहीं मिल पाती है.
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