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गाय की देसी नस्ल देंगी 50 लीटर तक दूध, इनका व्यवसाय करना है मुनाफे का सौदा

आज हम पशुपालन व्यवसाय करने वाले पशुपालकों के लिए गाय की उन्नत देसी नस्लों की जानकारी लेकर आएं हैं. इन देसी नस्लों के पालन से पशुपालकों की आमदनी काफी अधिक बढ़ जाएगी.

स्वाति राव
स्वाति राव
Desi Cow Rearing
Desi Cow Rearing

भारत देश में दो ही ऐसे व्यापार हैं, जो किसानों की आमदनी का जरिया हैं. पहला खेतीबाड़ी  और दूसरा पशुपालन व्यवसाय. बता दें कि पशुपालन व्यवसाय में किसान सभी पशुओं जैसे गाय, भैंस, बकरी आदि का पालन करते हैं, लेकिन इन सभी पशुओं की तुलना में गाय पालन किसानों के लिए अच्छी आमदनी का जरिया है, क्योंकि गाय के दूध में कई सारे विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं, जिसका सेवन शरीर को शक्ति प्रदान करता है, साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढाता है.

अगर आप भी पशुपालन व्यवसाय में रूचि रखते हैं, तो आज हम आपको देसी गाय की कुछ अच्छी नस्ल की जानकारी देने जा रहे हैं, जो आपके पशुपालन व्यवसाय को अच्छा और लाभदायी बनाएगा, साथ ही आपकी आय को भी दोगुना करेगा.

देशी गाय की अच्छी नस्लें (Good Breeds Of Cow)

साहिवाल गाय (Sahiwal Cow)

साहिवाल गाय मुख्य रूप से भारत के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में पाई जाती है. साहिवाल गाय देखने में गहरी लाल रंग की होती है. वहीँ साहिवाल गाय के आकार की बात करें, तो इनका शरीर लम्बा ढीला एवं भारी होता है. इस नस्ल की गाय का माथा चौड़ा और सींग मोटे एवं छोटे होते हैं. यह गाय 10 से 16 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है.

गिर गाय (Gir Cow)

गिर नस्ल की गाय मुख्य रूप से गुजरात क्षेत्र में पाई जाती है. गिर नस्ल की गाय की आकार की बात करें, तो इसके सींग माथे से पीछे की तरफ मुड़े हुए होते हैं. इस नस्ल के गाय के कान लम्बे और लटकते होते हैं. पूँछ भी काफी लम्बी होती है, जो जमीन को छूती हैं. गिर गाय का रंग धब्बेदार होता है. इनकी दूध क्षमता करीब 50 लीटर प्रति दिन होती है. 

हरियाणा गाय (Haryana Cow)

हरियाणा गाय मुख्य रूप से हरियाणा क्षेत्र में पाई जाती है. यह नस्ल की गाय के आकार की बात करें, तो इनका रंग सफ़ेद होता है, सींग ऊपर की ओर मुड़े एवं अन्दर की ओर होते है. वहीँ हरियाणा नस्ल की गाय का चेहरा लम्ब और कान नुकीले होते हैं. हरियाणा नस्ल गाय की दूध क्षमता गर्भावस्था के दौरान 16 किलो लीटर होती है और इसके बाद 20 लीटर प्रति दिन के हिसाब से होती है.

लाल सिंधी (Red Sindhi)

लाल सिंधी गाय की बात करें, तो यह गाय मूलरूप से पाकिस्तान के सिंध प्रांत की नस्ल है, लेकिन भारत में भी इस नस्ल की गाय उत्तर भारत क्षेत्र में पाई जाती है. इस नस्ल की गाय  गहरे लाल रंग की होती है. इनका चेहरा चौड़ा तथा सींग मोटे एवं छोटे होते हैं. इनके थन सभी अन्य नस्लों की गाय की अपेक्षा लम्बे होते हैं. यह गाय सालाना 2000 से 3000 लीटर तक दूध देती है.

कैसे मुनाफा कमायें (How To Make Profit)

यदि आप भी गाय पालन से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो आप देसी नस्ल की गायों के दूध, गोबर और गोमूत्र से बने उत्पादों को बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. बाज़ार में देसी गाय का दूध एवं इससे बने उत्पाद यानि खोया, पनीर आदि की कीमत बहुत ज्यादा होती है.

English Summary: These indigenous breeds of cow are profitable deal Published on: 11 April 2022, 10:32 IST

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