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पोल्ट्री फार्मिंग के लिए बेस्ट है देसी नस्ल की यह मुर्गी, अंडों और मांस से कमाएं दोगुना मुनाफा

Hybrid chicken breeds in India: सोनाली मुर्गी एक हाइब्रिड नस्ल है जो कम लागत में ज्यादा अंडा और मांस उत्पादन देती है. इसकी मांग ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही है. आइए जानें सोनाली मुर्गी की विशेषताएं, पालन के फायदे और मुनाफे की जानकारी.

मोहित नागर
मोहित नागर
Sonali desi chicken
पोल्ट्री फार्मिंग के लिए बेस्ट है देसी नस्ल की यह मुर्गी (सांकेतिक तस्वीर)

Profitable poultry farming: ग्रामीण भारत में पशुपालन और मुर्गी पालन किसानों के लिए आय का एक मजबूत जरिया बन चुका है. खासकर देसी नस्लों की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में देसी सोनाली मुर्गी पालकों के लिए वरदान साबित हो रही है. यह नस्ल न केवल कम लागत में तैयार होती है, बल्कि इसके अंडे और मांस की बाजार में जबरदस्त मांग भी है. आइए कृषि जागरण के इस आर्टिकल में सोनाली मुर्गी की विशेषताएं और खासियत जानें.

क्या है देसी सोनाली मुर्गी?

देसी सोनाली मुर्गी एक वैज्ञानिक तरीके से विकसित की गई संकर (हाइब्रिड) नस्ल है, जिसे दो प्रमुख प्रजातियों – रोड आइलैंड रेड (Rhode Island Red) और डेजी लेघॉर्न (Desi Leghorn) – के संयोग से तैयार किया गया है. यह नस्ल दिखने में पारंपरिक देसी मुर्गियों जैसी लगती है, लेकिन इसकी उत्पादन क्षमता ब्रायलर मुर्गियों जैसी अधिक होती है. तेजी से वजन बढ़ाने की क्षमता और कम चारा में बेहतर वृद्धि के कारण यह मुर्गी पालकों के बीच बेहद लोकप्रिय हो रही है. खासतौर पर महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में इसकी मांग तेज़ी से बढ़ रही है.

सोनाली मुर्गी की विशेषताएं

  • सोनाली मुर्गी की सबसे बड़ी खासियत इसका देसी लुक है, जो उपभोक्ताओं को सहज ही आकर्षित करता है.
  • इसका रंग और आकार ग्राहकों को विशेष रूप से पसंद आता है, जिससे बाजार में इसकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है.
  • सोनाली मुर्गी की ग्रोथ रेट भी काफी तेज होती है, यह महज 2 से 3 महीने के भीतर ही 1.5 से 2 किलोग्राम तक वजन प्राप्त कर लेती है.
  • इसे पालतू चारा देने की आवश्यकता नहीं होती है, किसान घर पर बने चारे या खेत से निकले अवशेषों से भी इसे आसानी से पाल सकते हैं.
  • एक और बड़ी विशेषता इसका भारतीय जलवायु के प्रति अनुकूल होना है, चाहे गर्मी हो, सर्दी हो या बरसात यह नस्ल किसी भी मौसम में सहज रूप से जीवित रह सकती है.
  • इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी होती है, जिसके चलते इसे दवाइयों की आवश्यकता कम पड़ती है और पालन में जोखिम भी कम रहता है.

उत्पादन और मुनाफा

सोनाली मुर्गी एक साल में लगभग 180 से 200 अंडे दे सकती है. इसके अंडों की कीमत बाजार में देसी अंडों के बराबर मिलती है, जो 8 से 12 रुपए तक हो सकती है. इसके अलावा, एक मुर्गा या मुर्गी की बाजार कीमत में 250 से 500 रुपए तक जाती है, जो क्षेत्र और वजन पर निर्भर करती है.

यदि कोई किसान 100 सोनाली चूजे पालता है, तो लगभग 4 महीने में वह 60,000 से 1 लाख रुपए तक की आय अर्जित कर सकता है. यदि खुद का चारा और दवा का प्रबंधन किया जाए, तो मुनाफा और भी ज्यादा हो सकता है.

English Summary: start poultry farming with sonali desi chicken farmers get double profits Published on: 07 May 2025, 05:23 IST

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