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मात्र 110 रुपए लीटर मिलेगा गाय के गोबर से बना पेंट, जानें इसके 8 बड़े फायदे

अगर आपको अपना गांव याद है, तो शायद आपको यह भी याद होगा कि गांव के घरों में मिट्टी की दीवारें पीली मिट्टी और गोबर से पुती होती थी. मगर अब ऐसा नजारा शायद ही कहीं देखने को मिलता होगा, लेकिन खादी इंडिया यह समय वापस लाने की तैयारी कर रहा है.

कंचन मौर्य
कंचन मौर्य
Cow Dung Paint
Cow Dung Paint

अगर आपको अपना गांव याद है, तो शायद आपको यह भी याद होगा कि गांव के घरों में मिट्टी की दीवारें पीली मिट्टी और गोबर से पुती होती थी. मगर अब ऐसा नजारा शायद ही कहीं देखने को मिलता होगा, लेकिन खादी इंडिया यह समय वापस लाने की तैयारी कर रहा है.

दरअसल, खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने वैदिक पेंट (Vedic Paint) का निर्माण किया है, जिसे 12 जनवरी को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) द्वारा लॉन्च कर दिया गया है. इसे 2 वेरिएंट में लॉन्च किया गया है.

  • खादी प्राकृतिक डिस्टेंपर

  • इमल्शन पेंट

खास बात यह है कि इस पेंट को गाय के गोबर (Cow Dung Paint) से तैयार किया गया है. इसको लेकर बड़े-बड़े दावे भी किए जा रहे हैं. इनमें एक दावा ये भी है कि इस पेंट के जरिए किसानों की आमदनी (Farmers' Income) में इजाफ़ा होगा. बता दें कि किसान को 5 रुपए किलो के हिसाब से गोबर के पैसे दिए जाएंगे.

वैदिक पेंट से होंगे 8 लाभ (8 benefits of Vedic paint)

  • यह पेंट एंटी बैक्टीरियल है

  • एंटी फंगल है

  • इकोफ्रेंडली है

  • गर्मी में राहत देगा

  • सस्ता है

  • हैवी मेटल नहीं हैं

  • नॉन टॉक्सिक

  • गंध रहित

ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड ने किया सर्टिफाई (Bureau of Indian Standard certified)

आपको बता दें कि गोबर से बने इस पेंट को ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (भारतीय मानक ब्यूसरो) ने सर्टिफाई भी कर दिया है.

किसने दिया आइडिया? (Who gave the idea?)

इस पेंट का आइडिया खादी और ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने मार्च 2020 में दिया था. इसके बाद जयपुर के सांगानेर में एक इंस्टीट्यूट में इस पर रिसर्च शुरू किया गया, जिसका नाम कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट है.

किसानों की बढ़ेगी आमदनी (Farmer's income will increase)

बताया जा रहा है कि ये पेंट काफी किफायती है. देश के पीएम मोदी ने किसानों की आमदनी (Farmers' Income) बढ़ाने का वादा किया है, इसलिए खादी ग्रामोद्योग आयोग ने इस परियोजना को तैयार किया है. दावा है कि इससे स्थानीय निर्माताओं को काफी ताकत मिल पाएगी, साथ ही जमीनी स्तर पर रोजगार के मौके पैदा होंगे. बता दें कि इसमें गाय के गोबर को कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है, इसलिए किसानों और गोशालाओं की आमदनी बढ़ पाएगी.

सरकार द्वारा जानकारी मिली है कि हर साल एक गाय से 30 हजार रुपए की आमदनी होगी. खादी प्राकृतिक डिस्टेंईपर और इमल्शन पेंट की की जांच तीन प्रयोगशालाओं में गई है, जो कि नेशनल टेस्ट हाउस मुंबई, श्री राम इंस्टीट्यूट फॉर इंडस्ट्रियल रिसर्च नई दिल्ली और नेशनल टेस्ट हाउस गाजियाबाद है. इस जांच में पेंट सभी मानकों पर खरा उतरा है. इसे जल्द ही बाजार में उतारा जाएगा.

वैदिक पेंट की कीमत (vedic paint price)

खादी इंडिया के अधिकारी का कहना है कि जहां एक लीटर पेंट 500 से 1000 रुपए लीटर मिलता है, वहीं ये वैदिक पेंट 110 रुपए लीटर मिलेगा. इस पेंट को बनाने का उद्देश्य किसानों की आमदनी (Farmers' Income)  बढ़ाना है, साथ ही गाय पालन को बढ़ावा देना है. माना जाता रहा है कि छोटे किसान और लोग गाय को छोड़ देते हैं, लेकिन जब उन्हें गोबर के भी पैसे मिलेंगे, तो इस स्थिति में बदलाव आएगा.

English Summary: Read the advantages of paint made from cow dung Published on: 14 January 2021, 04:59 IST

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