अच्छा मुनाफा कमाने के लिए मुर्गी पालन एक बेहतरीन बिजनेस हो सकता है. यह कम लागत और पैसे की उपलब्धता के अनुसार शुरू किया जा सकता है. लेकिन इस व्यवसाय को शुरू करने से पहले आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना होता है. क्योंकि मुर्गी पालन में संक्रमित रोग होने की संभावना ज्यादा रहती है.
जिस कारण एक ही समय में बाड़े की कई मुर्गियों को नुकसान हो सकता है, तो चलिए विस्तार से जानते हैं मुर्गी पालन में हमें किन बातों का विशेष ध्यान रखना होता है.
मुर्गी पालन के लिए इन बातों का रखें ध्यान
मुर्गी पालकों को मुर्गी पालन से संबंधित महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरुरी है.
- मुर्गियों, पक्षियों को बाड़े में बंद रखना चाहिए.
- केवल मुर्गे-मुर्गियों की देखभाल करने वाले व्यक्ति को ही पक्षियों के पास जाने देना चाहिए.
- अनावश्यक लोगों को बाड़े में प्रवेश नहीं करने देना चाहिए तथा मुर्गे-मुर्गियों को दूसरे पशु-पक्षियों के संपर्क में नहीं आने देना चाहिए. पक्षियों के संपर्क में आने वाली हर वस्तु की साफ़-सफाई का ध्यान रखना चाहिए.
- मुर्गियों को रखने के स्थान की और उसके आसपास के क्षेत्र की सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए, ताकि जीवाणुओं और विषाणुओं के प्रकोप से बचा जा सकें.
- पक्षियों के आहार एवं पानी को रोजाना बदलना चाहिए.
- मुर्गियों के बाड़े को नियमित रूप से संक्रमण मुक्त करते रहना चाहिए.
- नए पक्षियों को कम से कम 30 दिनों तक स्वस्थ पक्षियों से दूर रखा जाना चाहिए.
- किसी भी बीमारी को फैलने से रोकने के लिए मुर्गियों के संपर्क में आने से पहले और बाद में अपने हाथों को धोने के साथ ही कपड़ों और जूते-चप्पल को भी साफ़ करके संक्रमण मुक्त करना चाहिए.
- पक्षियों के संपर्क में आने वाले उपकरण, औजार आदि को भी संक्रमण मुक्त करना चाहिए.
- मुर्गियों के स्वास्थ्य पर नियमित नज़र रखना चाहिए. साथ ही पक्षियों के आंखों, गर्दन और सिर के आसपास सूजन, कलगी, पंखों या टांगों का रंग बदलने तथा पक्षियों के कम अंडे देने पर सचेत हो जाना चाहिए, क्योंकि ये सभी बीमारी तथा संक्रमण के संकेत हो सकते हैं.
- मुर्गियों की हर सामान्य बीमारी अथवा मौत की सूचना तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सालय को देनी चाहिए.
मुर्गी पालन के लिए अन्य सावधानियां
इनके अतिरिक्त मुर्गी पालकों को मुर्गियों के बाड़े से संबंधित निम्न बातों का भी ध्यान रखना चाहिए-
- कुक्कुट फार्म में स्वच्छता रखकर एवं कीटाणुनाशन की प्रक्रिया से ही रोगों से बचाव किया जा सकता है.
- कुक्कुट फार्म में चूजे लाने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिस हेचरी से चूजे लेने हैं, वहां गत तीन माह के दौरान मुर्गियों को किसी प्रकार का रोग नहीं हुआ हो.
- मुर्गियों के बाड़ें के प्रवेश द्वार पर फुट बाथ हेतु सोडियम हाइड्रोऑक्साइड का घोल रखना चाहिए.
- फार्म के मुख्य द्वार पर वाहन को कीटाणु रहित करने के पश्चात ही उसे परिसर में प्रवेश करने देना चाहिए.
- पोल्ट्री फार्म परिसर में कुत्ते, बिल्ली व अन्य जंगली जानवरों को प्रवेश नहीं करने देना चाहिए.
- मुर्गियों को प्रवासी पक्षी, वाटर फ़ाउल, बत्तख आदि के संपर्क में नहीं आने देना चाहिए.
- कुक्कुट फार्म में चूहों की रोकथाम के उपाय करने चाहिए और खरपतवार की भी सफाई करते रहना चाहिए.
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- कुक्कुट फार्म में मृत पक्षियों, संक्रमित बिछावन और ख़राब अंडे के निस्तारण हेतु डिस्पोजेबल पिट बनाकर निस्तारित करना चाहिए. इनको जलाकर या गहरे गड्ढें में कीटाणुनाशक दवा या चूने के साथ गाढ़कर नष्ट कर देना चाहिए.
- रोगग्रस्त क्षेत्रों में कुक्कुट पालन हेतु ऑल इन ऑल आउट पद्धति को अपनाकर कुक्कुट फार्म को पूर्ण रूप से कीटाणु रहित करना चाहिए.
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