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कैसे एक उचित प्रजनन नीति से डेयरी किसानों की आय में वृद्धि होती है

जब आप एक डेयरी फार्म लगाते हैं तो आपको दूध व दूध उत्पाद बेचकर, खाद बेचकर और अच्छी गुणवत्ता वाले पशु बेचकर आय प्राप्त होती है. कुछ प्रगतिशील किसान अपने पशुओं को अच्छी कीमतों पर बेचते हैं, केवल इसलिए क्योंकि उनके पास एक अच्छी प्रजनन पद्धति होती है. ऐसे ही एक प्रगतिशील किसान हैं श्रीमान रंजीत . ये पिछले 10 वर्षों से 20 गायों के मालिक हैं और साइलेज की उपलब्धता वाला एक अच्छा पशुपालन फार्म है.

विवेक कुमार राय
विवेक कुमार राय
Animal Husbandry
चित्र 1: प्रगतिशील किसान श्री रंजीत अपने डेयरी पशुओं के साथ

जब आप एक डेयरी फार्म लगाते हैं तो आपको दूध व दूध उत्पाद बेचकर, खाद बेचकर और अच्छी गुणवत्ता वाले पशु बेचकर आय प्राप्त होती है. कुछ प्रगतिशील किसान अपने पशुओं को अच्छी कीमतों पर बेचते हैं, केवल इसलिए क्योंकि उनके पास एक अच्छी प्रजनन पद्धति होती है. ऐसे ही एक प्रगतिशील किसान हैं श्रीमान रंजीत. ये पिछले 10 वर्षों से 20 गायों के मालिक हैं और साइलेज की उपलब्धता वाला एक अच्छा पशुपालन फार्म है.

टेपलू की टीम ने उनसे पूछा कि वो अपनी गायों को किस कीमत पर बेचते हैं और वो इतनी कीमत क्यों लेते हैं. उन्होंने कहा " मैं अपनी गायों को कम से कम 1,20,000 और इससे अधिक दर पर बेचता हूं, हालांकि बाजार की दर 60,000 से 80,000 रहती होगी. मेरे पास पिछले दस वर्षों के सभी प्रजनन रिकॉर्ड है. मैंने अच्छी गुणवत्ता वाले सांडों का सर्वोत्तम परिणामों वाला वीर्य प्रयोग किया.

मैं केवल प्रतिष्ठित कंपनियों द्वारा ही वीर्य खरीदता हूं. इससे मुझे अधिक दुधारु और अधिक रोग प्रतिरोधी गायों की नस्ल तैयार करने में मदद मिली. उदाहरणार्थ, ये मेरी गायें हैं जो औसतन 25किलो दूध दे रही है. लेकिन कुछ वर्ष पहले जब मैंने शुरुआत की थी तो दूध उत्पादन प्रति गाय 10-12 किलो था. मैं ये अच्छी प्रजनन पद्धति के बदौलत कर पाया हूं. इसलिए लोग मेरी गायों की अच्छी कीमत देने के लिए तैयार होते हैं."

आप चाहें दो गायों के मालिक हो या 500 गायों के, यदि आपकी प्रजनन पद्धति अच्छी है तो यह आपको अनेक लाभ और अतिरिक्त आय देगी. उदाहरण के लिए, यदि आपके पास ऐसी गायें है जो आशाओं के अनुरूप दूध नहीं दे रही है, तो आप आसानी से अपने फार्म पर अच्छी गायें पनपा सकते हैं जो आपको आवश्यक दूध उत्पादन देंगी.

प्रजनन क्या है?

प्रजनन का तात्पर्य है वांछित गुणों वाली संतान प्राप्त करने के लिए नर तथा मादा प्रजनकों का संगम करवाना. शुद्ध नस्ल का पशु वह होता है जिसके प्रजनक एक निश्चित पहचान व समान नस्ल के हो. संकर नस्ल गायों की दो अलग प्रजातियों का समागम करवाकर पैदा की जाती है. क्यों? ताकि बढ़िया संतान या बच्चे पैदा किए का सके.

जब आप प्रजनन लक्ष्यों के बारे में सोचते हो, तो आपको अपने फार्म की विशिष्ट स्थिति पर सावधानीपूर्वक ध्यान देना चाहिए. अंततः चयन का लक्ष्य अधिक आशा अनुरूप गायें प्राप्त करना हो, ऐसी गायें जो आपको अधिकतम लाभ  दें.

प्रजनन लक्ष्यों कैसे हासिल करें?

एक फार्म पर कृत्रिम गर्भाधान के लिए सही प्रजनक का चुनाव करना, आनुवंशिक लक्ष्यों की और बढ़ने का सबसे प्रभावी और सस्ता तरीका है. एक डेयरी किसान के रूप में आपको रिकॉर्ड रखना चाहिए और गायों के दूध उत्पादन और उनके आहार ग्रहण की ध्यान से निगरानी करनी चाहिए. वे पशु जो अच्छी मात्रा में आहार लेते हुए अधिक दूध उत्पादन करते हैं उनको अगली पीढ़ी में दूध उत्पादन बढ़ाने के आपके लक्ष्यों के लिए ध्यान में रखना चाहिए. उनका समागम श्रेष्ठ प्रजनन से करवाना चाहिए.

एक जैसी या बिल्कुल एक समान आनुवंशिक चरित्र वाली गायें जब अलग-अलग वातावरण में होंगी तो उनकी दूध उत्पादन की मात्रा भी भिन्न होगी. इसलिए आपको संबंधित वातावरण में गायों के प्रदर्शन के अनुसार प्रजनन के लिए उनका चयन करना चाहिए. ऐसे पशुओं को खरीदते समय आपको अपने आप को उन वातावरणों से परिचित करवाना चाहिए जिनके कारण बेहतरीन प्रदर्शन हुआ है.

अतः प्रजनन या इनब्रीडिंग क्या है और आप इससे कैसे बचाव कर सकते हैं?

जब आप आनुवंशिक देह में अच्छे-खासे अंतर वाले दो असंबद्ध पशुओं का समागम करवाते हो, तो वंशज बछड़े में दोष की संभावना अत्यंत कम होती है. दोनों प्रजनक अपने आनुवंशिक गुणों का 50-50 प्रतिशत योगदान देते हैं. लेकिन, यदि आप एक सांड का उसकी मां या बेटी या बहन के साथ समागम करवाते हो, तो 75% आनुवंशिक गुण समान होंगे और दोनों श्रंखलाओं में दोष की संभावना बहुत अधिक होती है. इसे अंतःप्रजनन कहा जाता है और इससे जब और जहां भी हो बचना चाहिए. यदि आपके पास अपने फार्म में दुधारु पशु है और इसका समागम सांड के साथ करवाया जाता है, उसके बाद बछड़ा पैदा होता है. फिर यदि आप उसी सांड से समागम करवाते हैं तो इसे अंतःप्रजनन कहा जाता है.

अंतःप्रजनन से बचने के लिए आपको सभी प्रजनन रिकॉर्ड जैसे सांड नंबर या नाम, वीर्य कंपनी, दूध उत्पादन, माता का नंबर या नाम, कृत्रिम गर्भाधान की तिथि, पशु डॉक्टर या कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता का नाम आदि रखना चाहिए. अपने सभी आंकड़ों का आसानी से रिकॉर्ड रखने के लिए बहुत सारे सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं. आप समय-समय पर प्रजनन गतिविधियों के नोटिफिकेशन भी प्राप्त कर सकते हैं.

आपको अपने डेयरी पशुओं के लिए अच्छी गुणवत्ता का वीर्य पुआल कैसे चुनना चाहिए?

डेयरी फार्मिंग में पशुओं का प्रजनन एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है. सही वीर्य का चयन डेयरी फार्म को सही दिशा में ले जाता है. कई डेयरी फार्म मालिक अभी भी इस विषय को अनदेखा  करते हुए कहते हैं कि उनके पास जानवरों की संख्या कम है. प्रजनन समस्याओं पर पाठ्यक्रम में आपने इनब्रडिंग, ग्रेडिंग अप , शुद्ध नस्लों और क्रॉसब्रीड  के बारे में व्यावहारिक पहलुओं को सीखा है. अब आप सीखेंगे कि नस्ल सुधार के संदर्भ में इस ज्ञान को व्यावहारिक रूप से कैसे इस्तेमाल  किया जाए. अधिकतर किसान सायर  डायरेक्टरी के बारे में पता लगाने के लिए  उत्सुक नहीं होते हैं, सायर डॉयरेक्टरी में  बैल के वीर्य देने की सारी जानकारी उपलब्ध होती है. किसान  वीर्य पुआल पर दी गई जानकारी को भी नहीं पढ़ते. वे यह भी नहीं जानते हैं कि किस प्रकार के वीर्य का उपयोग किया जाना चाहिए. तो आइये अब  यह सब समझते  हैं-

चित्र 2: डेयरी पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान में इस्तेमाल किया जाने वाला वीर्य पुआल
चित्र 2: डेयरी पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान में इस्तेमाल किया जाने वाला वीर्य पुआल

अपने डेयरी पशुओं के गर्भाधान के लिए आप निम्न प्रकार के वीर्य का उपयोग कर सकते हैं-

वंशज का परीक्षण किया हुआ (साबित) बैल का वीर्य, जहां उसके वीर्य के अच्छी क्षमता और महत्त्व की जानकारी है.
यदि परीक्षित बैल का वीर्य उपलब्ध नहीं है, तो उच्च वंशावली के बैल के वीर्य का उपयोग किया जाना चाहिए.
उपयुक्त नस्ल और वंशानुक्रम के अनुसारअर्थात विदेशी नस्ल (HF / जर्सी) का स्तर और प्रजनन लक्ष्य को ध्यान में रखते हुवे  वीर्य चयन करें.

विश्वसनीय और प्रतिष्ठित संगठनों से ही वीर्य की खरीदी करें.
इम्पोर्टेड वीर्य जो अन्य देशों से लाया जाता है
सेक्स सॉर्टेड वीर्य जो मादा बछड़ों को अधिक पाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

प्रजनन के बारे में अधिक जानने के लिए और प्रजनन समस्याओं को समझने में विशेषज्ञ बनने के लिए कृपया नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

https://teplu.in/p/hindi-breeding-and-reproductive-problems-in-dairy-animals/?affcode=357385_imflcu2u

English Summary: How a proper breeding policy increases income of dairy farmers Published on: 22 January 2021, 05:24 IST

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