
Profitable Goat Farming: बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जो कम लागत में अच्छा मुनाफा देने की क्षमता रखता है. अगर आप बकरी पालन शुरू करने का विचार कर रहे हैं, तो उन्नत नस्ल की बकरियों का पालन करना आपके लिए एक लाभकारी विकल्प हो सकता है. उन्नत नस्ल की बकरियां दूध और मांस दोनों के उत्पादन में सक्षम होती हैं, जो किसान को अच्छा मुनाफा दिला सकती हैं. कृषि जागरण के इस आर्टिकल में आज हम आपको बकरियों की 5 सबसे उन्नत नस्लों की जानकारी देने जा रहे हैं, जो उच्च गुणवत्ता का दूध और मांस प्रदान करती हैं, साथ ही इनकी प्रजनन क्षमता भी बहुत अच्छी होती है.
सनेने बकरी
सनेने बकरी की नस्ल विशेष रूप से बाजार में अपनी मांग के लिए जानी जाती है. इसका दूध और मांस दोनों ही उच्च गुणवत्ता वाले होते हैं. यह बकरी प्रतिदिन 3 से 4 लीटर तक दूध देती है, जो स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है. इस नस्ल की बकरियां बाजार में काफी लोकप्रिय हैं और इसके मांस की भी भारी मांग रहती है. सनेने बकरी का पालन कम लागत में किया जा सकता है, लेकिन यह काफी अच्छा मुनाफा देती है.
सिरोही बकरी
राजस्थान के सिरोही जिले की सिरोही बकरी बहुत प्रसिद्ध है, यह नस्ल मांस और दूध दोनों के लिए पहचानी जाती है. सिरोही बकरियों की विशेषता यह है कि यह किसी भी वातावरण में सहजता से जीवित रह सकती हैं और इनकी सूखा सहन करने की क्षमता भी अत्यधिक होती है. सिरोही बकरी का रंग भूरा, सफेद और मिश्रित होता है. इनकी एक खासियत यह भी है कि यह एक वर्ष में दो बार बच्चों को जन्म देती है. सिरोही बकरियां प्रतिदिन 1 से 2 लीटर दूध का उत्पादन करती हैं. यह नस्ल अपने उत्कृष्ट दूध और मांस के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है और किसान इसके पालन से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
बीटल बकरी
बीटल बकरी की नस्ल का पालन मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा राज्यों में किया जाता है. इस नस्ल की बकरियां दूध और मांस दोनों उत्पादन के लिए उपयुक्त होती हैं. बीटल बकरी का चमड़ा भी बाजार में उच्च गुणवत्ता के सामान बनाने के लिए बहुत प्रसिद्ध है. यह बकरी प्रतिदिन औसतन 2 से 3 लीटर दूध देती है और इसे डेयरी के साथ-साथ मांस उत्पादन के लिए भी पाला जाता है. पंजाब के अमृतसर, गुरदासपुर और फिरोजपुर जिलों में इसे विशेष रूप से पाला जाता है. इस बकरी का चमड़ा भी बाज़ार में काफी मूल्यवान होता है. बीटल बकरी की कीमत 20 से 25 हजार रुपये तक हो सकती है, जो एक अच्छी निवेश की संभावना है.
जमुनापारी बकरी
जमुनापारी बकरी, जिसे बागर भी कहा जाता है, उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में पाई जाती है. यह बकरी अपनी विशिष्टता के लिए प्रसिद्ध है. इसकी त्वचा पूरी तरह सफेद होती है और इसकी पीठ तथा पूरे शरीर पर लंबे बाल होते हैं. यह नस्ल लंबी और ऊंची होती है, और इसका वजन अन्य बकरियों के मुकाबले अधिक होता है. जमुनापारी बकरियां सालभर में 12 से 14 बच्चे देती हैं और प्रतिदिन औसतन 1.5 से 2 लीटर दूध देती हैं. इस नस्ल का पालन करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
जखराना बकरी
जखराना बकरी की नस्ल भी विशेष रूप से अपनी कई गुणों के लिए जानी जाती है. यह बकरी उच्च गुणवत्ता वाले दूध, मांस और प्रजनन क्षमता के लिए प्रसिद्ध है. जखराना बकरियां प्रतिदिन 1.5 से 2 लीटर दूध का उत्पादन करती हैं. इनकी प्रजनन क्षमता भी बहुत अच्छी होती है और इनकी नस्ल से एक साथ तीन गुण मिलते हैं, जो इसे अन्य बकरियों से अलग बनाता है. इस नस्ल का पालन करके किसान उच्च गुणवत्ता वाले दूध और मांस का उत्पादन कर सकते हैं.
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