 
            जायडेक्स कंपनी विगत कई दशकों से औद्योगिक क्षेत्र में निर्बाध रूप से कार्यरत है. इसके अद्भुत जैविक उत्पादों से भारतीय किसानों के जीवन में व्यापक स्तर पर बदलाव आया है. इसी के मद्देनजर कृषि जागरण के वरिष्ठ पत्रकार विवेक राय ने जायडेक्स ग्रुप के चेयरमैन एंड एमडी डॉ. अजय रांका से बातचीत कर जाना कि मौजूदा वक़्त में कंपनी किस तरह की उत्पाद बनाने के अलावा, किसानों को कैसे लाभ पहुंचा रही है. पेश है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश-
आप अपने और अपनी कंपनी बारे में हमें बताइए?
मैंने पॉलिमर इंजीनियरिंग एंड साइंस में अमेरिका से 1984 में पीएचडी की. उसके बाद अमेरिका में 3 साल काम करके मैं हिंदुस्तान आ गया और जायडेक्स कंपनी बनाई. इस कंपनी का उद्देश्य हमनें यही रखा कि जिन चीजों का मौजूदा वक़्त में हम इस्तेमाल कर रहे हैं, उनको हम अपनी अगली पीढ़ी को अनुसंधान करके ज्यों का त्यों कैसे सौपें? उस पर काम करेंगे, क्योंकि हमारी जो जीवन शैली है वो गलत होती जा रही है और हम बहुत सारी चीजों का नुकसान कर रहें हैं. जैसे- हम पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं, हमारे खेतों की जमीन खराब हो रही है, तो इसी के मद्देनज़र हमारी कंपनी बहुत काम करती है और नए-नए अनुसंधान इसके बारे में निकालती है.
मौजूदा वक़्त में आपकी किन-किन राज्यों में पहुँच है?
मौजूदा वक़्त में हमारे प्रोडक्ट की पहुँच तमिलनाडु, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य में है. वहीं, इन राज्यों के किसान हमारे उत्पादों को बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रहें है. इसके अलावा, हमारे उत्पादों के प्रति उनकी अच्छी प्रतिक्रिया भी है.
आपके मुताबिक मृदा स्वास्थ्य के लिए किसान क्या करें?
मृदा स्वास्थ्य को ठीक करने के लिए किसानों को जैविक ताकत बढ़ाना पड़ेगा, उसकी जो कर्ब मात्रा है जिसको हम ऑर्गेनिक कार्बन कहते हैं, उसकी भी मात्रा को किसानों को बढ़ाना पड़ेगा. और इन दोनों के लिए मिट्टी को पहले नरम हवादार और भूरभूरा करना पड़ेगा. साथ ही हमारा जो जैविक गोबर खाद है, उसको अच्छा पाचन कराना पड़ेगा. और ये विशेष रूप से फूफूंद का जैव पाचन का प्रयोग कराना चाहिए, ताकि हमारा जो ह्युमस कंटेंट है, ह्यूमिक एसिड कंटेंट है, वो हमारे गोबर के खाद में बढ़ें. हमारा गोबर का खाद काला हो, बिना दुर्गंध वाला हो और पूरा पचा हुआ हो और साथ ही भूरभूरा भी हो. ऐसी गोबर खाद कम मात्रा में १ टन प्रति एकड़ हर फसल में अब इस्तेमाल करें. साथ ही जो अच्छे बायो फर्टिलाइजर हैं, उनका प्रयोग करें, ताकि जो पौष्टिक तत्व हैं, इनकी उपलब्ध करने की ताकत भी बढ़ जाए और यदि हमनें पौधे की पोषण लेने की ताकत और पौष्टिक तत्व उपलब्ध कराने की ताकत को बढ़ा दिया तो रासायनिक खाद बिना खेती बढ़िया होगी और जमीन का स्वास्थ्य अपने आप सुधर जाएगा.
आपकी कंपनी किस तरह की प्रोडक्ट बनाती है?
हमारी कंपनी 4 अलग-अलग डिवीजन के लिए काम करती है. पहला डिविजन है कि हम दुनिया कि बड़ी से बड़ी कंपनियों के लिए टेक्सटाइल केमिकल्स बड़े पैमाने पर बनाते हैं. जिससे कपड़ा बनाता है. दूसरा हम रोड कंस्ट्रक्शन के लिए केमिकल्स बनाते हैं, जिससे मिट्टी पत्थर जैसी हो सकती है, वॉटर प्रूफ हो सकती है. और आज जितनी सड़कें अमेरिका से लगाकर, पेरु से लगाकर, हिंदुस्तान के हाइवे से लगाकर, सभी लोग हमारी टेक्नॉलॉजी डामर की रोड में इस्तेमाल करते हैं, ताकि डामर की रोड वर्षात में टूट ना सकें, तो इस तरह के हम कई प्रोडक्ट बनाते हैं. हम वॉटर प्रूफिंग और पेंट भी नए किस्म के बनाने लगे हैं और हम कृषि के लिए पूरी बायोलॉजिकल रेंज भी अब बनाते हैं और उनके लिए जो क्रॉप केयर केमिकल्स हैं, उनको भी बनाते हैं.
आपका कौन-सा उत्पाद किसानों के बीच सबसे ज्यादा मशहूर है और क्यों?
हमारा जायटॉनिक-एम (Zytonic-M) किसानों के बीच सबसे ज्यादा मशहूर है, इस उत्पाद की मदद से किसान अपने खेत की मिट्टी को आसानी से नरम, हवादार और भूरभूरा कर सकते हैं. इसकी मदद से मिट्टी में पानी की संग्रहण शक्ति बढ़ा पाते हैं. और साथ में इसके अंदर माइकोराइजा होने की वजह से जो जैविक शक्ति है, जो फूफूंद की संख्या है वह बहुत बढ़ जाती है, उससे पौधों की जड़ों में पोषण लेने की, पानी लेने की ताकत बढ़ जाती है. इसी वजह से जायटॉनिक-एम किसानों के बीच सबसे ज्यादा मशहूर है.
English Summary: Soil health will have to be increased through biological methods 
                 
                     
                     
                     
                     
                                                 
                                                 
                         
                         
                         
                         
                         
                    
                
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