1. Home
  2. सरकारी योजनाएं

मछली पालन के लिए PMMSY योजना का लाभ उठाएं, 20 हजार करोड़ रूपये खर्च करेगी सरकार

केन्द्र सरकार मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) चला रही है. इस योजना के जरिये सरकार मछुआरों को मछली उत्पादन में इस्तेमाल तकनीकों से प्रशिक्षित कर उनकी आमदानी को बढ़ाना चाहती है. साथ ही सरकार देशभर में केज कल्चर को बढ़ावा दे रही है. माना जा रहा है उत्तर भारत के राज्यों में झींगा उत्पादन की अपार संभावनाएं है. वहीं यहां मछली एक्सपोर्ट हब बनाए जाने की योजना भी है. मछली की बढ़ती मांग को देखते हुए अगले पांच सालों में सरकार देशभर में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 20,050 करोड़ रूपये खर्च करेगी. वहीं मछली निर्यात को भी दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है.

श्याम दांगी
श्याम दांगी
catching-fish
catching-fish

केन्द्र सरकार मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) चला रही है. इस योजना के जरिये सरकार मछुआरों को मछली उत्पादन में इस्तेमाल तकनीकों से प्रशिक्षित कर उनकी आमदानी को बढ़ाना चाहती है. साथ ही सरकार देशभर में केज कल्चर को बढ़ावा दे रही है.  माना जा रहा है उत्तर भारत के राज्यों में झींगा उत्पादन की अपार संभावनाएं है. वहीं यहां मछली एक्सपोर्ट हब बनाए जाने की योजना भी है. मछली की बढ़ती मांग को देखते हुए अगले पांच सालों में सरकार देशभर में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 20,050 करोड़ रूपये खर्च करेगी. वहीं मछली निर्यात को भी दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है.

क्या है योजना उद्देश्य?

इस योजना के जरिए केन्द्र सरकार मछली पालन का निरंतर और जिम्मेदार विकास करना चाहती है. इसके लिए मत्स्य उत्पादन के बुनियादी ढांचे को विकसित किया जाएगा. वहीं मत्स्य विविधीकरण, मछुआरों को स्थायी जीविका देना, विदेशों में निर्यात को बढ़ावा देना है. इसके अलावा मजबूत डेटाबेस तैयार करके मछली उत्पादन को बढ़ावा देना है.

मत्स्य उत्पादन के बुनियादी ढांचे को तैयार करने के बाद आधुनिक प्रौद्योगिकियों के जरिए उनके निवास स्थानों और मछलियों को सुरक्षा प्रदान करना है. इसके लिए मत्स्य विभाग रीसर्कुलेटिंग एक्वाकल्चर सिस्टम, बायो फ्लॉक्स सिस्टम, जलाशय पिंजरा प्रथा जैसी योजनाएं चला रही है. वहीं समुद्री मछुआरों के जोखिम को कम करने के लिए भी सरकार काम कर रही है.

साथ ही सरकार मछली पकड़ने पर प्रतिबंध अवधि के दौरान मछुआरों की आजीविका कैसे चलाई जाए इसपर भी काम कर रही है. इसके लिए महिलाओं को समुद्री शैवाल की खेती के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है. साथ ही सरकार समुद्री पर्यावरण का अनुकूल रखने के लिए भी प्रयासरत है. इसके लिए मछली पकड़ने वाली नौकाओ में बायो-टॉय लेट का निर्माण तेजी से किया जा रहा है.

मत्स्य पालन गांव का निर्माण

सरकार मछली उत्पादन की ऐसी टिकाऊ प्रणाली तैयार करना चाहती है जो पर्यावरण के अनुकूल हो. इसके लिए सरकार एकीकृत आधुनिक तटीय मत्स्य पालन करने वाले गांवों का विकास करेगी. इस योजना के लिए सरकार 750 करोड़ रूपये निवेश करेगी. इस योजना का उद्देश्य  नीली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देकर तटीय मछुआरों को सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत करना भी है. 

मछली पकड़ने की कई विधियां शुरू

केन्द्र सरकार मत्स्य पालन के लिए अगले 2020-21 से अगले पांच सालों के लिए पीएमएमएसवाई योजना के तहत 2881.41 करोड़ रुपये निवेश करेगी. इसके लिए मछली पकड़ने की नई विधियां विकसित की जाएगी. इस योजना के तहत मछली पकड़ने की हुक एंड लाइन, ट्रैप फिशिंग, बॉटम सेट वर्टिकल लांगटाइम, बीच पानी यात्रा, टूना लांगलाइन तथा पॉट फिशिंग जैसी विधियां चलाई जा रही है. 

English Summary: Take advantage of PMMSY scheme for fish farming, will spend 20 thousand crores Published on: 10 June 2021, 04:55 IST

Like this article?

Hey! I am श्याम दांगी. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News