
Seed subsidy scheme: राजस्थान सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाएं चला रही है. इन्हीं योजनाओं में से एक है मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना (Mukhyamantri Beej Swavalamban Yojana), जिसे राज्य के लघु और सीमान्त किसानों के लिए शुरू किया गया है. इस योजना के तहत राज्य के सामान्य वर्ग के किसानों को बीज खरीदने पर कृषि विभाग द्वारा 50% तक की सब्सिडी दी जाती है. वहीं गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले किसानों को मुफ्त मिनी किट्स भी प्रदान की जाती हैं.
आइए कृषि जागरण के इस आर्टिकल में मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना की पात्रता, जरूरी दस्तावेज और आवेदन प्रक्रिया जानें.
बीज उत्पादन को बढ़ावा
इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनके खेतों में बीज उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करना है, जिससे वे अपने लिए बीज तैयार कर सकें और बाहरी स्रोतों पर निर्भर न रहें. इससे कम लागत में अच्छी फसल उत्पादन हो सकेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.
पायलट प्रोजेक्ट से शुरू होकर पूरे राज्य में लागू
मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना की शुरुआत कोटा, भीलवाड़ा और उदयपुर कृषि ब्लॉकों में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में की गई थी. लेकिन योजना की सफलता को देखते हुए इसे 2018-19 से पूरे राज्य के सभी ब्लॉकों में लागू कर दिया गया है.
योजना के अंतर्गत क्या-क्या मिलेगा लाभ?
1. फसल का चयन:
- खरीफ सीजन: ज्वार, सोयाबीन, मूंगफली, मूंग, मोठ और उड़द जैसी अधिसूचित किस्मों का बीज उत्पादन.
- रबी सीजन: गेहूं, जौ और चना की 10 वर्ष से कम अवधि वाली किस्मों का चयन.
2. किसान समूहों का गठन:
- हर समूह में 30 से 50 किसानों को शामिल किया जाता है.
- चयनित किसान 50 से 100 हेक्टेयर भूमि पर बीज उत्पादन करते हैं.
3. बीज उत्पादक सदस्यों का चयन:
- प्रत्येक समूह में से 2 से 4 किसान बीज उत्पादक के रूप में चुने जाते हैं.
- शेष किसान अगले वर्ष इन बीजों का उपयोग करेंगे.
4. मुफ्त बीज वितरण:
- बीज उत्पादकों को स्टेज-I के बेस या प्रमाणित बीज निःशुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं.
5. प्रशिक्षण और रोगिंग:
- एक दिन के प्रशिक्षण के लिए प्रति किसान 30 रुपए की राशि और प्रति कार्यक्रम अधिकतम 1500 रुपए तक का प्रावधान.
- तीन चरणों में एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया जाता है.
- रोगिंग के लिए 1000 रुपए प्रति हेक्टेयर किसानों को DBT/RTGS के माध्यम से सीधे खाते में राशि भेजी जाती है.
मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के फायदे
- किसान खुद बीज उत्पादक बनकर बीज की लागत बचा सकते हैं.
- अपने ही समूह द्वारा उत्पादित बीज से विश्वसनीयता और गुणवत्ता सुनिश्चित होती है.
- योजना से जुड़े किसान तकनीकी ज्ञान प्राप्त करते हैं जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है.
मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना की पात्रता
मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना का लाभ उठाने के लिए केवल वही किसान पात्र हैं, जो खेती के प्रति गंभीरता रखते हैं और विशेष रूप से किसी एक फसल के उत्पादन में रुचि रखते हैं. इस योजना का उद्देश्य प्रगतिशील किसानों को बढ़ावा देना है, इसलिए ऐसे किसान जो नई तकनीकों को अपनाने में रुचि रखते हैं, बीज उत्पादन की प्रक्रिया को समझना चाहते हैं और सामूहिक रूप से कार्य करने को तैयार हैं, उन्हें इस योजना में प्राथमिकता दी जाती है. इसके अलावा, किसान की भूमि उपलब्धता और खेती का अनुभव भी पात्रता का एक महत्त्वपूर्ण आधार हो सकता है.
मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के लिए जरूरी दस्तावेज
- आधार कार्ड की प्रति
- बैंक पासबुक की प्रति
इस योजना से जुड़कर किसान न सिर्फ अपनी खेती की लागत घटा सकते हैं, बल्कि राज्य में बीज स्वावलंबन की दिशा में एक मजबूत कदम भी बढ़ा सकते हैं.
मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना की आवेदन प्रक्रिया (ऑफलाइन)
- किसान को अपने जिले के कृषि विभाग कार्यालय या कृषि विज्ञान केंद्र में जाना होगा.
- योजना के लिए आवेदन पत्र प्राप्त करें.
- फॉर्म में सभी जरूरी जानकारी सावधानीपूर्वक भरें.
- जरूरी दस्तावेज संलग्न करें.
- फॉर्म को संबंधित कार्यालय में जमा करें.
Share your comments