15 दिसम्बर 2021 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के समय में विस्तार कर दिया गया था. अब यह योजना 2026 तक संचालित रहेगी. भारत में प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना का प्रमुख उद्देश्य भारत के सभी खेतों तक पानी की पहुंच को सुलभ बनाना है. वर्तमान में यह योजना भारत के तीन बड़े मंत्रालयों कृषि मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय के द्वारा एक साथ संचालित की जा रही है. इनके द्वारा ही भारत के सभी जिलों में स्थित सभी खेतों तक पानी को पहुंचाने की कवायद शुरू की गयी.
क्या होगी क्रियान्वयन की प्रक्रिया
इस काम को पूरा करने के लिए सरकार हर सक्षम कदम उठाने का प्रयास कर रही है. जिसके अंतर्गत नए कुओं का निर्माण करवाना, पुराने या सूख चुके जल श्रोतों को पुनर्जीवित करने की प्रक्रिया पर जोर देना, जल संचयन के लिए जागरूकता पैदा करने जैसे कई कार्यक्रमों को इस योजना में शामिल किया है.
योजना के प्राथमिक लक्ष्य
इस योजना के प्राथमिक लक्ष्यों में किसान को फव्वारा और बूंद बूंद सिंचाई के लिए पूरी तरह से तैयार करना है. इस विधि से सिंचाई के पानी में 40 से 50 प्रतिशत पानी की बचत संभव हो जाती है. भारत सरकार ने उन क्षेत्रों को भी चिन्हित किया है जहां भूमिगत पानी की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में बनी हुई है. सरकार ऐसे क्षेत्रों में नलकूप के माध्यम से सिंचाई पर जोर देगी.
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क्या होगा बजट
इसके लिए सरकार ने 2016-17 में 5717.13 करोड़ रूपये का प्रावधान किया, साथ ही इस योजना के क्रियान्वयन के लिए नाबार्ड के तहत 2000 हजार करोड़ और 12517 करोड़ आगे की योजनाओं के लिए प्रस्तावित है. इस योजना में कुल खर्च 93068 करोड़ रुपए आने का अनुमान है.
इस योजना के प्रमुख घटक कार्यक्रम
इस योजना को पूरा करने के लिए कई घटक बनाए गए हैं. जिनके माध्यम से योजना के काम को अलग अलग वितरित करके योजना को सफल बनाने पर जोर दिया जा रहा है. सभी प्रमुख घटक निम्न हैं-
त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआईबीपी)
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (हर खेत पानी)
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (प्रति बूँद अधिक फसल)
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पनधारा विकास)
किसान इस योजना के माध्यम से अपने खेत के लिए बहुत सी सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं. खेत में पानी के संचयन के लिए तालाब खुदवाना, नलकूप की व्यवस्था करना, फब्बारा आदि की व्यवस्था करना एवं इन सभी के उपयोग के लिए प्रशिक्षण करना है.
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