किसानों के लिए एक अच्छी खबर है. अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत हर किसान परिवार के बालिग सदस्य 6000 रूपए की सलाना मदद ले सकेंगें. इसके लिए बस रेवेन्यू रिकॉर्ड में उसका नाम होना जरूरी है. इस स्किम की मदद से परिवार में पति-पत्नी और 18 साल से कम उम्र के बच्चों को छोड़कर अगर किसी का नाम खेती के कागजात में है तो वो अलग से इसका फायदा उठा सकता है. इसका फायदा संयुक्त या एकल परिवार में रहने वाले लोग भी उठा सकते हैं.
6000 की आर्थिक मदद
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय एक ही खेती योग्य जमीन के भूलेख पत्र पर एक से ज्यादा व्यस्क सदस्यों को योजना के तहत लाभ देने जा रहा है. इस स्कीम के तहत तीन किश्तों के सहारे 6000 रूपए की नगद आर्थिक मदद मिलेगी.
नियम और शर्ते
कृषि मंत्रालय ने जो गाइडलाइन जारी किया है उसके मुताबिक ऐसे किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा जो भूतपूर्व या वर्तमान में संवैधानिक पदों को धारण कर चुके हैं या धारण किए हुए हैं. कोई भी किसान जो वर्तमान या पूर्व में मंत्री है या रह चुका है. इसके साथ ही मेयर या जिला पंचायत अध्यक्ष या विधायक, एमएलसी, लोकसभा और राज्यसभा सांसद भी इसका फायदा नहीं उठा सकते हैं.
इसके साथ ही केंद्र या राज्य सरकार द्वारा 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को भी इसका लाभ नहीं मिलेगा. अगर कोई किसान खेती के अलावा भी पेशेवर रूप से डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील या आर्किटेक्ट जैसे पदों पर है तो उसे उसे इसका लाभ नहीं मिलेगा.
कितने किसानों को हुआ फायदा
इस योजना की अनौपचारिक शुरुआत पहले ही हो चुकी थी. जिसके लगभग 15 महीने बाद भी सिर्फ 6.43 करोड़ किसानों को ही इसका फायदा हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक 7 लाख से भी कम किसानों को तीन किश्तों में 6000 रूपए मिल पाया है. इसका प्रथम चरण ही सफल नहीं हो पाया था, क्योंकि 1 दिसंबर 2018 को तय योजना के अनुसार पैसा आना शुरू हो गया था, जबकि इसकी औपचारिक शुरुआत ही 24 फरवरी 2019 को हुई थी.
फिलहाल स्कीम का दूसरा चरण जारी है. इस चरण में 2000 रूपए की पहली किश्त 3.39 करोड़ किसानों को मिल चुकी है. सरकार ने देश के सभी 14.5 करोड़ किसानों को इस स्कीम का फायदा देने का लक्ष्य रखा था. इसलिए अब चाहती है जिस भी बालिग व्यक्ति का नाम रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज है वो इसका अलग से फायदा लेकर अपनी खेती-किसानी को आगे बढ़ाए. योजना के तहत अब तक 51 हजार करोड़ रूपए से अधिक की रकम किसानों के अकाउंट में भेजी जा चुकी है.
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