कोरोना संकट में सरकार दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासियों और राज्य के लोगों को रोजगार देने के लिए कई योजनाएं निकाल रही है.जिससे लोगों का इस मुश्किल घड़ी में गुजर- बसर करना थोड़ा आसान हो पाए. ऐसे में उत्तराखंड सरकार द्वारा एक योजना चलाई जा रही है.जिसका नाम मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (MSY) रखा है. इसमें में एक छत्तरी के नीचे सभी विभागों (Departments) की रोजगार परक योजना (Employment scheme) को शामिल किया गया है. इस योजना के तहत सौर स्वरोजगार योजना (Solar self-employment scheme) में 25 किलोवाट (Kilowatt) क्षमता के छोटे प्रोजेक्ट लगाए जा सकते हैं. इन प्रोजेक्ट को लगाने के लिए 400 वर्गमीटर भूमि की आवश्यकता पड़ती है. इनसे आप सालाना 75 से 80 हजार रुपए तक की कमाई कर सकते हैं.
मिली जानकारी के अनुसार, शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक (Madan Kaushik) ने कहा है कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के पहले चरण में हमने 10 हजार प्रोजेक्ट लगाने का लक्ष्य रखा है.इन छोटे सोलर प्रोजेक्ट (Small Solar Project) को लगाने पर 25 साल के लिए बिजली क्रय (Power purchase) करने का अनुबंध किया जाएगा और बिजली की कीमतें भी ज्यादा निर्धारित की हैं.
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कोरोना महामारी की वजह से बाहरी राज्यों से करीब 5 लाख प्रवासी घर लौटे हैं. जिसमें से 3.27 लाख रजिस्टर्ड हैं. उत्तराखंड सरकार ने अपने लोगों को रोजगार देने के मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (Mukhyamantri Swarozgar Yojana) के तहत कई तरह योजनाओं को शामिल की हैं.जिनमें कृषि, डेयरी, बागवानी, कोल्ड स्टोरेज, मशरूम का उत्पादन, एमएसएमई, मोटरसाइकिल टैक्सी, रेफ्रिजरेटर वैन, फूलों का उत्पादन, नर्सरी, सौर प्लांट, शहरी क्षेत्रों में रेहड़ी-पटरी समेत अन्य स्ट्रीट वेंडरों के लिए कई योजनाएं हैं.इनमें से कई योजनाओं में सब्सिडी का फायदा भी मिलेगा.
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