राजस्थान में पानी की बढ़ती किल्लत से हर कोई परेशान है. प्रकृति की मार झेल रहे लोगों के लिए यहाँ जीवनयापन करना बहुत मुश्किल हो रहा है और समय के साथ मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं.
किसानों के लिए अच्छी खबर
ख़ासकर अगर किसानों की बात करें, तो उनके लिए पानी की कमी मानो किसी अभिशाप से काम नहीं है. ऐसे में बिजली के जरिए फसलों की सिंचाई करने वाले किसानों के लिए एक राहत की खबर है. दरअसल, नियमित व कटे हुए कृषि बिजली कनेक्शनों को किसान 30 नवंबर 2021 तक का बकाया बिल बिना ब्याज व पेनल्टी के जमा करके जुड़वा सकते हैं. इतना ही नहीं, किसानों को अन्य राहत भी दी गयी हैं. अगर एक बार पैसा नहीं है, तो छह द्विमासिक किस्तों में जमा करवाने की सुविधा दी गई है.
ऊर्जा राज्य मंत्री भवंर सिंह भाटी ने बताया कि राज्य सरकार ने किसानों के हित में ज्यादा बिजली बिल की बकाया राशि वाले कृषि उपभोक्ताओं को राहत देने का फैसला लिया है.
1000 रुपए का मिलेगा अनुदान
इसके लिए किसानों को 31 मार्च, 2022 तक संबंधित सहायक अभियन्ता कार्यालय में आवेदन करना होगा. यह भी निर्णय लिया गया है कि सामान्य श्रेणी के ग्रामीण कृषि उपभोक्ता, जिन्होंने इस योजना का लाभ लिया है एवं समय पर किस्तों का भुगतान कर रहे हैं, उन्हें मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना में प्रतिमाह 1000 रुपए अतिरिक्त अनुदान का लाभ मिलेगा.
दर्ज नहीं होगा मामला (Case will not be registered)
भाटी के बयान के मुताबिक बताया कि कृषि मीटर्ड श्रेणी के उपभोक्ता, जिनके मीटर सही हैं और विजिलेंस जांच के दौरान स्वीकृत लोड से अधिक पाया जाता है. ऐसे मामलों में कोई विजिलेंस जांच प्रतिवेदन तैयार नहीं किया जाएगा. बढ़े हुए लोड को नियमितिकरण शुल्क लेकर नियमित कर दिया जाएगा.
बिजली चोरी के प्रकरण में यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि कृषि उपभोक्ता लीगल दायित्व राशि की 50 प्रतिशत व सम्पूर्ण कंपाउंडिंग रकम जमा करवा देता है, तो सतर्कता जांच प्रतिवेदन का सहायक अभियन्ता के स्तर पर निस्तारण कर दिया जाएगा.
कृषि उपभोक्ताओं के लिए ख़ास राहत (Special relief for agricultural consumers)
वर्तमान में कृषि उपभोक्ताओं के बिजली चोरी के प्रकरणों में लीगल दायित्व राशि का आकलन विनियामक आयोग द्वारा संबंधित कृषि श्रेणी की सम्पूर्ण टैरिफ के अनुसार किया जाता रहा है. जो कि वर्तमान में सामान्य श्रेणी के कृषि उपभोक्ताओं के लिए 5.55 प्रति यूनिट है.
अब यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे मामलों में इस राशि का आकलन कृषि उपभोक्ताओं द्वारा दी जाने वाले दर से किया जाएगा. जो कि वर्तमान में सामान्य कृषि श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए 0.90 पैसे प्रति यूनिट है.
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि सामान की अनुपलब्धता के कारण कनेक्शनों में होने वाली देरी को देखते हुए एक और फैसला किया गया है. इसके तहत किसान भाई-बहन बूंद-बूंद सिंचाई, फव्वारा एवं डिग्गी योजना के बिजली कनेक्शन बिजली निगम के लाइसेंसधारी लोगों से करवा सकते हैं.
कृषि क्षेत्र के लिए अलग कंपनी बनाने की तैयारी (Preparation to form a separate company for agriculture sector)
राजस्थान सरकार कृषि क्षेत्र के लिए अलग विद्युत वितरण कंपनी बनाने की तैयारी में है, ताकि किसानों को पर्याप्त बिजली की उपलब्धता हो और कृषि क्षेत्र में बिजली से संबंधित समस्याओं का असानी से निदान हो सके.
अगर कृषि के योगदान की बात करें, तो राजस्थान की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का योगदान 25.56 फीसदी है. इसलिए इस क्षेत्र पर राज्य सरकार फोकस कर रही है, ताकि इसे और विकसित किया जा सके. सरकार ने इस दिशा में बढ़ती स्कोप को देखते हुए अब जाकर विशेष रूप से ध्यान देना शुरू कर दिया है.
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