प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को आत्मनिर्भर बनने का जो आह्वान किया है उस लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में बायो गैस प्लांट एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है. हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चोटाला ने हिसार स्थित नया गांव में सामुदायिक बायोगैस प्लांट ( Biogas Plant ) की दूसरी यूनिट की शुरुआत की है. चौटाला ने प्रदेश के 138 खंडों के कम से कम एक गांव में इसी तर्ज पर बायोगैस प्लांट लगाए जाने के आदेश दिए हैं. इस पर सरकार का कहना है उनका मुख्य उद्देश्य तेल और गैस का आयात कम करने के लिए बायोगैस सेक्टर में आत्मनिर्भर बनाने पर काम करना बहुत जरूरी है. इस सामुदायिक बायोगैस प्लांट से गोबर गैस को पाइप लाइन द्वारा हर घर तक पहुंचाया जा रहा है.इसकी सफलता को देखते हुए सरकार ने अब राज्य के 138 खंडों के हर एक गांव में बायोगैस प्लांट लगाने का फैसला लिया है.
अब केंद्र सरकार बॉयोगैस (Biogas) बनाने की तकनीक के नए प्रोजेक्ट (New Project) को जारी करने पर काम कर रही है. केंद्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस एवं इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के मुताबिक, केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश में बायोगैस बनाने के 5 हजार प्रोजेक्ट स्थापित करना चाहती है. इससे कई लोगों के लिए रोजगार के भी साधन खुलेंगे और प्रदेश की महिलाएं भी अपनी छोटी कंपनी बनाकर घरों व खेतों के कचरे और पराली से बायोगैस उत्पादन (Biogas Production) कर सकती हैं.
कितनी होगी कीमत
दुष्यंत चौटाला के मुताबिक, इस गोबर गैस प्लांट से गांव के लोगों को सभी तरह के खर्च को शामिल करके 1 सिलेंडर जितनी गैस 300 रुपए से भी कम कीमत पर प्राप्त होगी.
ये होंगे इसके फायदे:-
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इसे एलपीजी (LPG) की तरह किचन में प्रयोग करना बहुत ही आसान व सुरक्षित है.
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ये दुर्गंध रहित गैस की आपूर्ति करता है.
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यह एलपीजी से 25 फीसद ज्यादा तेज है
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डीजल या फिर इंडस्ट्रियल भट्टी में भी इसका आसानी से प्रयोग किया जा सकेगा.
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गोबर की वजह से होने वाली गंदगी और बीमारियों से भी छुटकारा मिलेगा.
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गांव के युवाओं के लिए रोजगार के साधन खुलेंगे.
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अब गोबर की दुर्गंध और फेंकने की झंझट से भी मुक्ति मिलेगी.
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