आज के समय में कृषि यंत्रों के उपयोग से न केवल कृषि क्षेत्र का विकास होता है, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है. खेती-बाड़ी में कृषि यंत्रों के उपयोग से जुताई, बुवाई, सिंचाई, कटाई, मड़ाई और भंडारण आदि करना आसान हो जाता है, इसलिए केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को सब्सिडी पर कृषि यंत्र उपलब्ध करा रही हैं. इस योजना का लाभ लेकर सभी वर्ग के किसान सस्ती कीमत पर कृषि यंत्र खरीदकर ले सकते हैं. इसी कड़ी में बिहार सरकार द्वारा कुदरा प्रखंड के प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्सों) को कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इसके बाद किसानों को न्यूनतम किराए पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे. आइए आपको इस संबंध में पूरी जानकारी देते हैं.
क्या है ये योजना?
आपको बता दें कि बिहार सरकार पैक्सों को मुख्यमंत्री हरित कृषि यंत्र योजना के तहत कृषि यंत्र उपलब्ध करा रही है. इसके तहत कुदरा प्रखंड के 10 पैक्सों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके बाद क्षेत्र के उन किसानों को न्यूनतम किराए पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे, जिनके पास कृषि यंत्र नहीं हैं. इस तरह छोटे और मझोले किसानों को खेती में काफी मदद मिलेगी.
योजना में शामिल कृषि यंत्र
पैक्सों को ट्रैक्टर, जीरो टिल मशीन, रोटावेटर आदि कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे. बता दें कि राज्य सरकार को पैक्सों ने ऑनलाइन आवेदन किया गया था. इसके बाद सरकार ने प्रखंड के 10 पैक्सों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए चुना है. इसके अलावा जिन पैक्सों का कृषि यंत्रों के लिए चयन नहीं हुआ है, उनमें देवराढ़ कला, बहेरा, जहानाबाद, चिलबिली और मेउड़ा शामिल हैं. ऐसा बताया जा रहा है कि अगले चरण में इन प्रखड़ों को चयन किया जाएगा.
पैक्सों को मिलेंगे 15 लाख रुपए
बताया जा रहा है कि राज्य सरकार की तरफ से हर एक चयनित पैक्स को 15 लाख रुपए दिए जाएंगे, जिससे वह कृषि यंत्रों की खरीद करेंगे. बता दे कि काफी लंबे समय से पैक्सों को इस सुविधा की जरूरत थी, जिससे वह किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध करा सके. मगर पैक्सों इन्हें खरीदने में सक्षम नहीं है, इसलिए सरकार की इस योजना से कृषि यंत्रों की पूर्ति होगी. जानकारों का कहना है कि अगर सही तरीके से इस योजना का उपयोग किया गया, तो किसानों को बहुत अच्छा लाभ मिलेगा और उत्पादन में बढ़ोतरी होगी.
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