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ट्रैक्टर से लेकर खुरपी तक खरीदने पर मिल रही 80 प्रतिशत सब्सिडी

किसान छोटा हो या बड़ा, लेकिन उसके लिए कृषि यंत्रों की भूमिका अहम होती है, क्योंकि इनके द्वारा खेती-बाड़ी के कार्यों को सुगमतापूर्वक किया जा सकता है. मौजूदा समय में अधिकतर किसान परंपरागत तरीके से खेती छोड़ आधुनिक तकनीक से खेती कर रहे हैं. ऐसे में खेती-बाड़ी में कृषि यंत्रों और मशीनों का उपयोग भी लगातार बढ़ रहा है.

कंचन मौर्य
कंचन मौर्य
Farm Machinery
Farm Machinery

किसान छोटा हो या बड़ा, लेकिन उसके लिए कृषि यंत्रों की भूमिका अहम होती है, क्योंकि इनके द्वारा खेती-बाड़ी के कार्यों को सुगमतापूर्वक किया जा सकता है. मौजूदा समय में अधिकतर किसान परंपरागत तरीके से खेती छोड़ आधुनिक तकनीक से खेती कर रहे हैं. ऐसे में खेती-बाड़ी में कृषि यंत्रों और मशीनों का उपयोग भी लगातार बढ़ रहा है.

इनके उपयोग से खेती की लागत कम होती है, साथ ही श्रम और समय भी कम खर्च होता है. किसान भाईयों की इन्हीं जरूरत को ध्यान में रखते हुए केंद्र और राज्य द्वारा कई योजनाएं संचालित की जाती हैं, ताकि किसानों को सब्सिडी पर कषि यंत्र उपलब्ध हो सकें. इसी कड़ी में बिहार सरकार ने भी किसानों के लिए कृषि बैंक योजना शुरू की है. खास बात यह है कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान आवेदन कर सकते हैं, तो आइए किसान भाइयों इस योजना के बारे में और अधिक जानकारी देते हैं.

क्या है बिहार की कृषि बैंक योजना (What is the agriculture bank scheme of Bihar)

इस योजना के तहत इच्छुक व्यक्ति आवेदन कर सब्सिडी का लाभ लेकर कृषि यंत्र बैंक की स्थापना कर सकते हैं. इस योजना के तहत लाभार्थियों को 80 प्रतिशत की सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है. बता दें कि बिहार के 13 जिलों के 164 प्रखंडों का चुनाव किया जा चुका है. इन जगहों पर कृषि यंत्र बैंक की स्थापना के लिए सब्सिडी दी जा रही है. इस योजना के तहत लाभार्थी अधिकतम 10 लाख रुपए तक के कृषि यंत्र खरीद सकते हैं. यानी आपको आधिकतम 8 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाएगी. 

बिहार के किसानों के लिए योजना का महत्व (Importance of the scheme for the farmers of Bihar)

जानकारी के लिए बता दें कि बिहार अधिक आबादी घनत्व वाला राज्य है और कृषि रकबा छोटा है. ऐसे में सभी किसानों के लिए कृषि यंत्र खरीद पाना संभव नहीं होता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए सब्सिडी पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जो कि कृषि बैंक की स्थापना के लिए है. इस योजना का लाभ उठाकर किसान आसानी से खेती कर सकते हैं, साथ ही किराए पर दूसरे किसानों को कृषि यंत्र दे भी सकते हैं.

इन जिलों के किसान करें आवेदन (Farmers of these districts should apply)

बिहार में कृषि बैंक स्थापना के लिए 13 जिलों का चुनाव किया गया है. इन 13 जिलों के किसान समूह और अन्य समूह आवेदन कर सकते हैं. इनमें बिहार के शेखपुरा, अररिया, बांका, औरंगाबाद, कटिहार, जमुई, बेगुसराय, गया, खगडिय़ा, मुज्जफरपुर, पूर्णिया, नवादा व सीतामढ़ी का नाम शामिल है. बता दें कि इन जिलों के लगभग 164 प्रखंडों में योजना को लागू किया गया है. जानकारी के लिए बता दें कि किसानों के उसी समूह को योजना का लाभ दिया जाएगा, जिसमें कम से कम 12 सदस्य शामिल होंगे. इसके साथ ही किसान समूहों को कम से कम 6 माह अपना समूह सफलता पूर्वक संचालित करने का अनुभव भी होना चाहिए.    

किन किसानों को मिलेगा योजना का लाभ  (Which farmers will get the benefit of the scheme)

आपको बता दें कि बिहार में लघु तथा सीमांत किसानों की संख्या ज्यादा है, इसलिए इस योजना का लाभ किसी एक किसान को नहीं दिया जा रहा है. इस योजना का लाभ जीविका के समूह / ग्राम संगठन / क्लस्टर फेडरेशन, आत्मा से सम्बद्ध फार्मर्स इंट्रेस्ट ग्रुप (एफआईजी), नाबार्ड / राष्ट्रीयकृत बैंक से संबद्ध किसान क्लब, farmer, producer organization (FAP) एवं स्वयं सहायता समूह को दिया जाएगा. ग्रामों का चुनाव जिला प्रशासन द्वारा किया जाएगा. इनका चुनाव (वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 1000 से अधिक जनसंख्या वाले ग्राम) पिछड़ापन के आधार पर किया जाना है.      

इन कृषि यंत्रों पर मिलेगा अनुदान  (Grant will be given on these agricultural machines)  

इस योजना के तहत किसान समूहों को रोटावेटर, रीपर बाइंडर, धान थ्रेसर, गेहूं थ्रेसर, जीरो टिलेज, ट्रैक्टर, हार्वेस्टर समेत किसी भी तरह के कृषि यंत्र खरीदने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी. खास बात यह है कि किसानों को कृषि यंत्र का संचालन करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. इसके साथ ही कृषि विभाग द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाएगा.

कितनी मिलेगी कृषि यंत्रों पर सब्सिडी  (How much will you get subsidy on agricultural machinery)

इस योजना के तहत जीविका से जुड़े किसान समूहों को ट्रैक्टर से लेकर खुरपी पर सब्सिडी मिलेगी. इसके पहले चरण में जिला के सभी 6 प्रखंड के 2-2 गांवों के किसान समूहों को लाभ मिलेगा. फिलहाल, जिले के 4 प्रखंड शेखपुरा, शेखोपुरसराय, अरियरी और चेवाड़ा में जीविका से जुड़े किसान समूह कार्य कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि ट्रैक्टर को छोडक़र सभी कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी. इसके साथ ही ट्रैक्टर पर 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी.

कृषि बैंक की स्थापना के लिए आवेदन की तारीख  (Date of Application for Establishment of Agricultural Bank)

कृषि यंत्रों पर सब्सिडी लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया है. इसके लिए ऑनलाइन आवेदन 2 अगस्त 2021 से शुरू हो गए हैं. इच्छुक उम्मीदवार 31 अगस्त 2021 तक आवेदन कर सकते हैं.

कृषि बैंक की स्थापना के लिए आवेदन प्रक्रिया (Application process for setting up agricultural bank)

इस योजना का लाभ उठाने के लिए बिहार सरकार के कृषि विभाग के प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) पर पंजीकरण होना अनिवार्य है. इसके बाद प्राप्त पंजीकरण संख्या के जरिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आप आवेदन के लिए कृषि विभाग की बेवसाइट http://farmech.bih.nic.in/FMNEW/Homenew.aspx पर जाए. अगर इस योजना से जुड़ी अधिक जानकारी चाहिए, तो इससे संबंधित जिले के सहायक निदेशक (कृषि अभियंत्रण) / जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं.   

अगर किसी किसान भाई को कृषि यंत्रों पर सब्सिडी लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया में तकनीकी समस्या का सामना कर पड़ रहा है, तो वह तकनीकी सहायता के लिए नीचे दिए गए नंबर पर संपर्क कर सकते हैं. किसान भाईयों को बता दें कि संपर्क करने का समय सुबह 09:30 बजे से सायं 06:00 बजे तक का है. आप शनिवार, रविवार एवं अवकाश के दिन छोड़ कर कभी भी संपर्क कर सकते हैं.   

नाम - रवि शंकर प्रसाद

मोबाइल नंबर -  9835198654        

ई-मेल आईडी - statenodalmec18@gmail.com

English Summary: bihar government is giving 80 percent subsidy on buying agricultural machinery Published on: 06 August 2021, 02:39 IST

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