अभी तक किसान अपनी उपज को पारंपरिक तौर पर या तो सरकारी खरीद केंद्रों पर बेचते रहे हैं या फिर खुले बाजार में आढ़तियों की मनमानी का शिकार होते आ रहे हैं. यही वजह है कि किसान एक राज्य से दूसरे राज्यों में फसल को बेच पाने में असमर्थ रहते हैं, क्योंकि राज्यों के मंडी कानून इसकी अनुमति नहीं देते. मजबूरन किसान को अपनी फसल ओने-पौने दाम पर अपने राज्य में ही बेचनी पड़ती है. इस स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) की स्थापना को अपनी सात सूत्री कार्ययोजना में स्थान दिया गया है. प्रधानमंत्री द्वारा 14 अप्रैल 2016 की राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना का शुभारंभ किया गया. ई-नाम के तहत देश के सभी कृषि मंडियों को एक दूसरे से जोड़ दिया गया, जहां किसान अपनी उपज बेच सकता है. किसानों के लिए सर्वोत्तम मूल्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 18 राज्यों में 1000 मंडिया सीधे ई-नाम प्लेटफॉर्म से जुड़ चुकी है. फिलहाल ई-नाम में रजिस्टर्ड लगभग 1.68 करोड़ किसान, 1.28 लाख व्यापारी और 942 एफपीओ (Farmer Producer Organization) घर बैठे अपना सामान बेच सकते हैं. योजना के तहत एकीकृत विनियमित बाजारों में आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए बजट में सहायता राशि को बढ़ा दिया गया है.
क्या है राष्ट्रीय कृषि बाजार (What is National Agriculture Market)
राष्ट्रीय कृषि बाजार एक राष्ट्रीय स्तर का इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल आधारित बाजार है, जिसे भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने बनाया है. इससे किसानों को अपनी उपज बेचने का एक पारदर्शी प्लेटफार्म मिलता है. यह योजना किसानों के इलेक्ट्रॉनिक व्यापार के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल प्रदान करती है. यह पूरी तरह पारदर्शी है और इसमें किसानों को उनकी उपज का ज्यादा से ज्यादा प्रतिस्पर्धी मूल्य दिलाने की व्यवस्था है.
राष्ट्रीय कृषि बाजार का लक्ष्य (Target of e-NAM)
राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) का लक्ष्य यह है कि देश की सभी मंडियों को एक साथ जोड़ दिया जाए. देश के किसी भी क्षेत्र में रहने वाला किसान देश के दूसरे क्षेत्र में अपनी उपज को बेच सके, इसके लिए कृषि उपज को लाने-ले जाने और विपणन आसानी से व कम समय में किया जा सकता है. इसका सीधा लाभ किसानों, व्यापारियों और ग्राहकों को मिलता है. बड़े पैमाने पर कृषि उत्पाद का व्यापार किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम दिलाता है, वहीं व्यापारियों को भी कारोबार के अधिक मौके इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से मिलते हैं. किसान और व्यापारियों के बीच के इस कारोबार में पूरा व्यापार कृषि उपज मंडी के माध्यम से ही होता है, अतः स्थानीय कृषि उपज मंडी की आय या हित पर कोई नुकसान नहीं पहुंचता.
किसानों के लिए है फायदेमंद ई-नाम (e-NAM is beneficial for farmers)
किसान अपनी उपज को स्थानीय कृषि मंडी में ले जाते हैं, जहां व्यापारी उनके कृषि उत्पाद खरीदते हैं. e-NAM से जुड़ने के बाद कोई भी कृषि उपज मंडी राष्ट्रीय व्यापार नेटवर्क में भाग ले सकता है. किसान जब अपने उत्पाद बेचने के लिए मंडी में जाते हैं तो उन्हें स्थानीय व्यापारियों के अलावा इंटरनेट के माध्यम से देश के अन्य राज्यों में स्थित व्यापारियों से भी व्यापार करने की सहूलियत मिल जाती है. जिससे किसानों को जहां अपनी उपज का बेहतर भाव मिलता है वहीं किसान अपना उत्पाद बेचने के लिए स्वतंत्र रहते है. इससे किसानों को बिचौलियों और आढ़तियों पर निर्भर नहीं होना पड़ता.
राष्ट्रीय कृषि बाजार से जुड़ने की शर्तें (Conditions for joining the national agriculture market)
राज्य मंडी अधिनियम में इंटरनेट के माध्यम से व्यापार का प्रावधान होना आवश्यक है.
राज्य मंडी अधिनियम में भारत के अन्य राज्यों के व्यापारियों को उत्पाद खरीदने का लाइसेंस देने का प्रावधान किया जाता है, ताकि वे किसी भी मंडी में एनएएम के माध्यम से कृषि व्यापार प्रक्रिया में भाग ले सकें.
मंडी शुल्क एक स्थान पर जमा कर व्यापारी देश की किसी भी मंडी में व्यापार कर सकता है.
ई-नाम से जुड़ने की प्रक्रिया (e-NAM linking process)
सबसे पहले आपको इसकी वेबसाइट https://www.enam.gov.in/web/ पर जाना होगा. इसके बाद रजिस्ट्रेशन करने पर किसान का एक ऑप्शन दिखाई देगा. जिसे चयन करके किसान की ई-मेल आईडी देनी होगी. इसी ई-मेल के जरिए लॉगिन आईडी ओर पासवर्ड का मेल आ जायेगा. फिर आप ई-नाम की वेबसाइट https://www.enam.gov.in/web/ पर लॉगिन करके अपने KYC डॉक्युमेंट से रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है. इसके बाद कृषि उपज मंडी समिति (APMC) आपके KYC को अप्रूव करेगी, और अब आप अपना कारोबार शुरू कर पाएंगे. https://enam.gov.in/web/resources/registration-guideline पर रजिस्ट्रेशन से जुड़ी अधिक जानकारी ले सकते हैं.
Share your comments