वित्त वर्ष 2021-22 के लिए केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट पेश कर दिया है. इस साल के बजट में भी सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य तय किया गया है. इसके साथ ही कृषि क्षेत्र के क्रेडिट टारगेट को बढ़ा दिया गया है.
इस टारगेट को 15 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 16 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है इसके अलावा बजट में किसानों के लिए E-Nam का जिक्र भी किया गया है. इसके लिए 1000 नई मंडियां शुरू करने का ऐलान हुआ है. बता दें कि अब तक देश की 585 मंडियों को E-Nam स्कीम के तहत जोड़ा जा चुका है. आइए आपको बताते हैं कि आखिरकार E-Nam स्कीम क्या है और ये कैसे काम करती है, साथ ही इससे किसानों को क्या फायदा होता है?
क्या है E-Nam स्कीम
इसका पूरा नाम ई- नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट है. ये देश की एक बड़ी स्कीम है, जिसके जरिए किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. यह एक ई-खेती पोर्टल है. अनुमान है कि इस प्लेटफॉर्म पर पहले से ही करीब 1.68 करोड़ किसान रजिस्टर हो चुके हैं.
18 राज्य मिलकर बनते हैं 1 मंडी
इस स्कीम के तहत 18 राज्यों के किसानों को जोड़ा गया है. इन राज्यों में अलग-अलग खेती मंडियां बनाई गई हैं, जिन्हें ऑनलाइन किया गया है. ये सभी ऑनलाइन जुड़े हैं इसलिए ये सारे राज्य मिलकर एक मंडी बन जाते हैं.
किसानों को फायदा
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इस स्कीम की मदद से किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य मिलता है.
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बिचौलियों का रोल खत्म होता है.
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इससे पहले बिचौलियों के जरिए कृषि उपज कम कीमत पर किसान से ली जाती थी.
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किसानों के मंडी आने और उपज की बिक्री के लिए इंतजार करने का समय भी बच रहा है.
साल 2016 में शुरू हुई E-Nam स्कीम
इस स्कीम को साल 2016 में शुरू किया गया था. इसके शुरू होने के सालभर बाद तक किसानों में इसे लेकर जागरूक नहीं थी. यही कारण है कि साल 2017 से तक इससे सिर्फ 17 हजार किसान ही जुड़ पाए थे. अब धीरे-धीरे इसकी जानकारी बढ़ रही है, साथ ही किसान इसके प्रति जागरुक होकर ऑनलाइन पोर्टल से जुड़ रहे हैं.
कैसे E-Nam स्कीम से जुड़ सकते हैं किसान
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किसान मोबाइल एप या फिर रजिस्टर्ड एजेंट के जरिए भी जुड़कर सीधे अपनी उपज दूसरे राज्यों में बेच सकते हैं.
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ऑनलाइन मंडी हिंदी व अंग्रेजी समेत 8 भाषाओं में उपलब्ध है.
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इस पोर्टल पर रजिस्टर्ड किसान अपनी भाषा में लेनदेन कर सकते हैं.
यहां करना होगा रजिस्ट्रेशन
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E-Nam एप पर रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन वेबसाइट enam.gov.in पर जाना होगा.
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यहां रजिस्ट्रेशन में जाकर ई-मेल दी जाएगी.
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इसके बाद एक अस्थायी ID दिए गए ई-मेल पते पर आएगी.
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अब जरूरी कागज ऑनलाइन ही जमा करने होंगे.
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ऑनलाइन ये प्रक्रिया पूरी होने के बाद किसान आसानी से अपनी फसल की खरीद-बिक्री कर सकते हैं.
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