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Medbandi: उन्नत खेती के लिए मेडबंदी क्यों है जरुरी, जानिए क्या है तरीका

अगर आप भी अपने फसल से अधिक पैदावार प्राप्त करना चाहते है, तो बारिश शुरू होने से पहले ही अपने खेत के टूटे हुए मेड़बंदी को ठीक कर लें. ताकि खेतों में बारिश का पानी एकत्रित हो सके...

लोकेश निरवाल
Kharif crop preparation
Kharif crop preparation

अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए किसान कई चीजों पर निर्भर रहते है. ऐसे में फसलों को सही समय पर सही कार्य करने की जरुरत होती है. अगर धान की फसल की बात करें तो इसमें अधिक पानी की जरूरत होती है.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि, कम पानी में भी अच्छी खेती की जा सकती है. अगर किसान बारिश के पानी का सही से इस्तेमाल करें तो खरीफ मौसम (Kharif season) में किसान औसतन लगभग 500 मिमी बारिश के पानी से भी अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं.

खरीफ फसल की तैयारी (Kharif crop preparation)

जैसा कि आप सब लोग जानते हैं, खरीफ मौसम शुरू हो चुका है. देश के किसान भाई अपने खेत में धान, मक्का, अरहर, उरद, मूंग, कुल्थी, ज्वार, बाजरा, मड़ुआ, मूंगफली, तिल, सोयाबीन, सूर्यमुखी, सरगुजा, अरंडी सहित अन्य दलहन एवं तेलहन फसलों की खेती की तैयारी में जुटे हुए हैं. अगर आप किसान है, तो आप यह जानते होंगे कि खरीफ मौसम करीब 4 महीने तक रहता है. इन चार महीनों तक किसान अपने खेतों में कई तरह की विभिन्न फसलों की बुवाई करते हैं.

बारिश से पहले खेत में बनाए मेडबंदी (The bunds made in the field before the rain)

किसान, बारिश शुरू होने से पहले ही अपने खेत में मेडबंदी (ramming in the field) करना शुरू कर दें. दरअसल, खेत के टूटे हुए मेड के चलते किसान के खेत में बारिश का पानी जमा नहीं हो पाता है. इसलिए खेत में पानी जमा करने के लिए किसानों को अपने खेत के टूटे हुए मेड को ठीक कर लेना चाहिए. ताकि सही तरह के बारिश का पानी खेत में एकत्रित हो सके. जिससे किसान भाइयों को खेती करने के लिए पानी की सुविधा सरलता से मिल सके.

खेती के लिए बारिश के पानी की कितनी जरूरत है

देखा जाए तो जून माह में खेती (farming in june) के लिए किसानों को लगभग 200 मिमी बारिश की जरूरत पड़ती है. मानसून आगमन (monsoon arrival 2022) से पहले ही 4.4 मिमी बारिश हो चुकी है, जो किसान भाइयों के लिए एक अच्छा संकेत है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, किसान खेत से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए जैविक उर्वरकों (organic fertilizers) के साथ-साथ रासायनिक उर्वरकों (chemical fertilizers) का भी इस्तेमाल करते हैं. जो बाजार में विभिन्न कीमतों पर किसानों को दिए जाते हैं.

निर्धारत दरों पर उर्वरकों की कीमत (Fertilizers price)

जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार के द्वारा इफफो कंपनी का यूरिया खाद की कीमत (iffo company's urea fertilizer price) 266.50 रुपये और वहीं DAP खाद की कीमत (DAP compost price) 1350 रुपए प्रति बोरी है. ठीक इसी प्रकार से अन्य खाद कंपनियों की कीमत भी तय की गई है. जो कुछ इस प्रकार से है...

  • एनएफएल यूरिया 50 रुपये प्रति बोरी

  • यारा यूरिया 50 रुपये प्रति बोरी

  • केएफएल/केआरआईबीएचसीओ कंपनी का यूरिया 50 रुपये प्रति बोरी है.

  • इंडोरामा कंपनी का यूरिया 50 रुपये प्रति बोरी है.

  • एमओपीखाद 1700 रुपये प्रति बोरी है.

  • एसएसपी-जी उर्वरक 650 रुपये प्रति बोरी है.

  • पीपीएल डीएपी खाद 1350 रुपये प्रति बोरीहै.

  • मैटिक्स यूरिया 50 रुपये प्रति बोरीहै.

  • एसएसपी-पी(जेडएन) उर्वरक 675 रुपये प्रति बोरी है.

  • एमओपी उर्वरक 1700रुपये प्रति बोरी है.

  • DAP खाद 1350 रुपये प्रति बोरी है.

  • आईपीएल यूरिया 50 रुपये प्रति बोरीहै.

  • साई ssp-p उर्वरक 610 रुपये प्रति बोरी है.

  • बता दें कि सभी कंपनियों की खाद बोरी लगभग 45 किग्रा बैग से 50 किग्रा तक की बोरी में होती है.

English Summary: Why is Medbandi necessary for advanced farming, know what is the method Published on: 14 June 2022, 04:20 PM IST

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