Onion Farming Tips: किसान प्याज की बुवाई रबी सीजन में अक्टूबर-नवंबर से करना शुरू करते है और यह जनवरी तक चलती है. इस सीजन में प्याज को तैयार होने में लगभग 4 महीनों का समय लग जाता है. बुवाई के बाद प्याज अप्रैल से लेकर मई के अंत तक निकलती है. यदि आप भी प्याज की खेती करने का विचार बना रहे हैं, तो आज हम आपके लिए रबी सीजन में प्याज की खेती से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए हैं.
आइये जानें, रबी सीजन में प्याज की अच्छी पैदावार के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना होता है जरूरी?
मिट्टी की गुणवत्ता और उर्वरक क्षमता
किसानों को प्याज की बुवाई करने से पहले मिट्टी की गुणवत्ता और उर्वरक क्षमता की अच्छी तरह से जांच कर लेनी चाहिए. यदि मिट्टी की गुणवत्ता और उर्वरक क्षमता में किसी भी तरह की कमी आ रही है, तो इसका उपचार करना चाहिए. खेती से अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए आपको खेत की मिट्टी को गहरी जुताई करनी होती है, जिससे मिट्टी हवादार हो जाती है. इसके अलावा, बेहतर उपज के लिए खेत की मिट्टी में पोषक तत्वों का भरपूर मात्रा में होना बेहद आवश्यक होता है. मिट्टी के पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए आप संतुलित उर्वरक का प्रयोग कर सकते हैं.
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बीज उपचार और नियमित सिंचाई
प्याज की सफल खेती में सबसे अहम बीज का चयन होता है. आपको प्याज के बीजों का चयनअ करते वक्त उस किस्म का चुनाव करना चाहिए, जो आपके क्षेत्र की जलवायु के अनुसार उपयुक्त हो. साथ ही बीज खरीदते वक्त आपको उच्च गुणवत्ता और रोग प्रतिरोधक किस्मों को प्राथमिकता देनी चाहिए. बीजों को उपचारित करके ही आपको बुवाई करनी चाहिए, जिससे बीज अच्छे से अंकुरित हो सकते हैं. सिंचाई के वक्त भी आपको इसकी फसल को नियमित रुप से संतुलित पानी ही देना चाहिए. ज्यादा या कम सिंचाई करने से बचाव करना चाहिए, क्योंकि इससे प्याज की फसल प्रभावित हो सकती है.
कीटनाशक और उर्वरकों का उपयोग
प्याज की खेती से अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए आपको इसकी फसल की सही देखभाल करनी चाहिए. फसल में समय-समय पर सही मात्रा में कीटनाशक और उर्वरकों का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके अलावा, आप रबी सीजन की फसल के साथ-साथ सही तकनीकों और विधियों को अपनाकर प्याज की खेती करके भी अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं.
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