हमारे देश के किसानों के द्वारा आलू की खेती सबसे अधिक मात्रा में की जाती है. देखा जाए तो बाजार में सालभर आलू की मांग बनी ही रहती है, जिससे किसानों को अच्छा लाभ प्राप्त होता है. आलू से कई तरह के व्यंजनों को तैयार किया जाता हैं, जिसके चलते आलू को सब्जियों का राजा भी कहा जाता है. अगर आप भी अपने खेत में आलू की खेती करना चाहते हैं, तो आज हम आपको आलू के ऐसी पांच बेहतरीन किस्मों के बारे में बताएंगे, जिसकी मदद से आप अच्छी उपज और अधिक कमाई कर सकते हैं. दरअसल, जिन आलू की किस्मों की हम बात कर रहे हैं, वह केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (CPRI), शिमला ने द्वरा तैयार की गई पीले और सफेद आलू की किस्में है, जिनका नाम कुफरी पुष्कर, कुफरी सदाबहार, कुफरी गरिमा, कुफरी गौरव और कुफरी मोहन है. जिसकी उपज क्षमता लगभत 90 से 160 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है.
भारत के ज्यादातर किसान आलू की खेती पारंपरिक बीजों से करते हैं. लेकिन अब वैज्ञानिकों ने आलू की नई किस्मों को विकसित किया है, जिसकी मदद से किसान अच्छी वैरायटी की खेती कर लाभ कमा सकते हैं. आइए इसके बारे में जानते हैं-
आलू की पांच नई किस्में
कुफरी पुष्कर
आलू की यह किस्म लगभग 90 से 100 दिनों के अंदर ही तैयार हो जाती है. यह आलू पीले रंग, अंडाकार व मध्यम होता है. इस किस्म की प्रति हेक्टेयर उत्पादन क्षमता 120 से 140 क्विंटल तक है.
कुफरी सदाबहार
इस आलू के नाम से ही पता चलता है कि यह किस्म खेत में साल भर पैदावार देने वाली है. इस किस्म के आलू हल्के सफेद, पीले रंग की अंडाकार होते हैं. वहीं कुफरी सदाबहार किस्म खेत में लगभग 80 से 90 दिन में ही तैयार हो जाती है. आलू की यह किस्म झुलसा रोग के प्रतिरोधी है.
कुफरी गरिमा
आलू की कुफरी गरिमा की किस्म गंगा के मैदानी और पठारी क्षेत्रों के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है. इस किस्म का आलू हल्के पीले रंग का होता है. यह 80 से 90 दिनों में तैयार होती है और वहीं इसकी उपज क्षमता 120 से 140 क्विंटल प्रति एकड़ तक है.
कुफरी गौरव
कुपरी गौरव किस्म का आलू काफी बड़ा होता है और यह चपटा, अंडाकार, सफेद छिलके और मध्यम सफेद वाला होता है. आलू की यह किस्म अच्छी भंडारण क्षमता के लिए जानी जाती है. इसकी उत्पादन क्षमता 120 से 140 प्रति हेक्टेयर क्विंटल तक है. यह किस्म भी झुलसा रोग की प्रतिरोधी है.
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कुफरी मोहन
आलू की यह किस्म खेत में 90 से 100 दिन के अंदर ही तैयार हो जाती है. इसकी उत्पादन क्षमता 140 से 160 प्रति हेक्टेयर क्विंटल तक है. कुफरी मोहन आलू की किस्म को पूर्व मैदानी इलाकों में रहने वाले किसान अधिक करते हैं.
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