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Paddy Variety: बासमती धान की सीधी बुवाई के लिए चुनें ये टॉप 5 किस्में, कम पानी में मिलेगी अधिक उपज

Basmati Paddy Varieties: पूसा बासमती की टॉप 5 धान किस्मों की जानकारी जो कम लागत, उच्च गुणवत्ता और बेहतर उत्पादन देती हैं. जानिए कौन-सी किस्म आपके खेत के लिए सबसे उपयुक्त है और कब करें बुवाई.

मोहित नागर
High yield basmati rice seeds
Paddy Variety: बासमती धान की सीधी बुवाई के लिए चुनें ये टॉप 5 किस्में (सांकेतिक तस्वीर)

Top 5 Paddy Variety: गेहूं की फसल की कटाई के बाद अब देशभर के किसान खरीफ की मुख्य फसल धान की खेती की तैयारी में जुट चुके हैं. खासकर उत्तर भारत के राज्यों में किसान तेजी से खेत तैयार कर रहे हैं. परंपरागत तरीकों से हटकर अब किसान आधुनिक तकनीकों और उन्नत किस्मों की ओर बढ़ रहे हैं, ताकि कम लागत में अधिक उपज मिल सके. ऐसे में यदि किसान उन्नत किस्मों की बुवाई करें, तो उन्हें पानी की बचत के साथ-साथ अधिक मुनाफा भी मिल सकता है.

आइए कृषि जागरण के इस आर्टिकल में खेती के लिए टॉप 5 बासमती धान किस्मों के बारे में विस्तार से जानते हैं.

धान की सीधी बुवाई से सिंचाई में राहत

किसानों को आमतौर पर धान की रोपाई से पहले नर्सरी तैयार करनी होती है, लेकिन अब कई किसान धान की सीधी बुवाई का तरीका भी अपना रहे हैं. सीधी बुवाई से न सिर्फ पानी की खपत कम होती है, बल्कि खेतों की तैयारी में लगने वाला समय और श्रम भी घटता है. यदि किसान उन्नत किस्मों का चयन करें तो उन्हें लागत भी कम लगती है और उत्पादन भी बेहतर मिलता है.

1. पूसा बासमती PB 1509

अगर आपके पास सिंचाई के सीमित साधन हैं, तो पूसा बासमती PB 1509 एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. यह किस्म बौनी होती है और इसकी रिकवरी अच्छी होती है. व्यापारी इसे खूब पसंद करते हैं क्योंकि इसके चावल की गुणवत्ता उच्च स्तर की होती है.

  • उपज: 25 से 28 क्विंटल प्रति एकड़
  • खासियत: कम पानी में तैयार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग

2. पूसा बासमती PB 1401

यह किस्म अर्ध-बौनी होती है और बेमौसम बारिश झेलने की क्षमता रखती है. यह 135 से 140 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इसके दाने एक समान और मजबूत होते हैं.

  • उपज: 40 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • बुवाई का समय: 20 जून तक
  • खासियत: बारिश में भी नहीं गिरती, दाने की गुणवत्ता बेहतरीन

3. पूसा बासमती PB 1728

इस किस्म में बैक्टीरियल ब्लाइट रोग से लड़ने की क्षमता होती है. यह खासतौर पर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड के किसानों के लिए उपयुक्त है. इसकी बुवाई मई के अंतिम सप्ताह से जून के अंतिम सप्ताह तक की जा सकती है.

  • उपज: 24 से 25 क्विंटल प्रति एकड़
  • बीज की आवश्यकता: केवल 5 किलो
  • खासियत: रोग प्रतिरोधक, कम बीज में ज्यादा मुनाफा

4. पूसा बासमती PB 1886

यह किस्म झुलसा और झौंका जैसी बीमारियों के प्रति प्रतिरोधी है. यह हरियाणा और उत्तराखंड के किसानों के लिए खास तौर पर लाभकारी है.

  • पकने का समय: 150 से 155 दिन
  • कटाई का समय: अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में
  • उपज: करीब 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • बुवाई का समय: 1 जून से 15 जून तक
  • खासियत: रोगों से बचाव, अधिक उत्पादन

5. पूसा बासमती PB 1847

यह किस्म पूसा बासमती 1509 का ही नया संस्करण है, जिसमें झुलसा और झौंका रोग से लड़ने की ताकत है. इसकी खास बात यह है कि यह एक एकड़ में 25 से 32 क्विंटल तक उत्पादन देती है.

  • उपज: करीब 35 क्विंटल प्रति एकड़
  • खासियत: बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता, अधिक उपज
English Summary: top 5 basmati paddy varieties for direct sowing high yield in low water Published on: 20 May 2025, 12:11 PM IST

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