High Yield Wheat Variety: भारत एक कृषि प्रधान देश होने के साथ ही विश्व का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है. वहीं, देश में पंजाब, हरियाणा, यूपी और मध्य प्रदेश में गेहूं की खेती प्रमुखता से होती है. कुछ राज्यों के किसानों ने रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई शुरू भी कर दी है. अगर आप एक किसान हैं और गेहूं की ऐसी किस्मों की तलाश में हैं जिनकी खेती से अधिक उपज प्राप्त किया जा सके, तो आप सही जगह पर हैं. दरअसल, आज हम आपको गेहूं की तीन ऐसी किस्मों के बारे में बताएंगे जिनकी खेती कर आप प्रति हेक्टेयर 74 क्विंटल तक उपज प्राप्त कर सकते हैं.
ऐसे में आइए गेहूं की इन तीन उन्नत किस्मों Wheat Variety HD 3406 (Unnat HD 2967), Wheat Variety HD-3385, Wheat Variety HI 1634 (Pusa Ahilya) के बारे में विस्तार से जानते हैं-
गेहूं की किस्म एचडी 3406 (उन्नत एचडी 2967)/ Wheat Variety HD 3406 (Unnat HD 2967)
गेहूं की उन्नत किस्म एचडी 3406 (उन्नत एचडी 2967) की खेती पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर संभाग को छोड़कर) और पश्चिमी उत्तर प्रदेश (झांसी संभाग को छोड़कर), जम्मू-कश्मीर के जम्मू और कठुआ जिले, ऊना जिला और हिमाचल प्रदेश की पोंटा घाटी और उत्तराखंड के तराई क्षेत्र के किसान आसानी से कर सकते हैं. इसके अलावा, इस किस्म की औसत उत्पादन क्षमता 54.73 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जबकि अधिकतम उत्पादन क्षमता 64.05 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. वहीं, गेहूं की उन्नत किस्म एचडी 3406 (उन्नत एचडी 2967) रतुआ रोग प्रतिरोधी है. दरअसल, यह पर्ण/भूरा रतुआ रोग और धारीदार/पीला रतुआ रोग के प्रति रोग प्रतिरोधी है. वहीं इसमें गेहूं के झुलसा रोग और करनाल बंट को लेकर प्रतिरोध का स्तर भी अच्छा पाया जाता है.
गेहूं की एचडी-3385 किस्म/Wheat Variety HD-3385
गेहूं की एचडी-3385 किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा दिल्ली के द्वारा विकसित किया गया है, जो 123-147 दिन में तैयार हो जाती है. एचडी-3385 किस्म की औसत उपज 62.1 क्विंटल/हेक्टेयर है और अधिकतम उपज 73.4 क्विंटल/हेक्टेयर है. एचडी-3385 किस्म में कई तरह के रोग नहीं लगते हैं. दरअसल, यह किस्म धारीदार रतुआ, पत्ती रतुआ, करनाल बंट, पाउडरी मिल्ड्यू, गेहूं के झुलसा रोग और फ्लैग स्मट रोग के प्रतिरोधी है. वहीं, गेहूं की यह किस्म उत्तर पश्चिमी और उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र के लिए उपयुक्त है.
गेहूं की किस्म HI 1634 (पूसा अहिल्या)/ Wheat Variety HI 1634 (Pusa Ahilya)
गेहूं की किस्म HI 1634 (पूसा अहिल्या) को भारतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान इंदौर द्वारा विकसित किया गया है. भारत के मध्य क्षेत्र मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, राजस्थान (कोटा और उदयपुर संभाग) और उत्तर प्रदेश (झांसी संभाग) के किसान आसानी से इस किस्म की खेती कर सकते हैं. हालांकि, अन्य प्रदेशों में भी इस किस्म की पैदावार होती है. अगर औसत उत्पादन क्षमता की बात करें तो 51.6 क्विंटल/ हेक्टेयर है, जबकि अधिकतम उत्पादन क्षमता 70.6 क्विंटल/हेक्टेयर है.
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