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अक्टूबर में करें इस विधि के साथ चकुंदर की खेती, कम समय में मिलेगी बंपर पैदावार!

Beetroot Cultivation Tips: चुकंदर कई गुणों से भरपूर होता है, इसके सेवन से खून की कमी, एनीमिया, हृदय रोग, पित्ताशय विकारों, गुर्दे के विकार और बवासीर जैसी समस्या को दूर करने में मदद मिलती है. इसके औषधीय गुणों के चलते बाजार में चुकंदर की अच्छी मांग रहती है. ऐसे में किसान कुछ बातों का ध्यान रखकर चुकंदर की खेती करके अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं.

मोहित नागर
अक्टूबर में करें इस विधि के साथ चकुंदर की खेती (प्रतीकात्मक तस्वीर)
अक्टूबर में करें इस विधि के साथ चकुंदर की खेती (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Chukandar Ki Kheti: भारत के अधिकतर किसान कम समय में अधिक कमाई के लिए पारंपरिक खेती से हटकर गैर-पारंपरिक खेती में हाथ अजमा रहे हैं और सफल भी हो रहे हैं. ज्यादातार किसान सब्जियों की खेती करना पसंद कर रहे हैं, इसकी के अंतर्गत चुकंदर की खेती किसानों के लिए काफी लाभकारी हो सकती है. चुकंदर की खेती अक्टूबर-नवंबर का महीना सबसे उपयुक्त माना जाता है. चुकंदर कई गुणों से भरपूर होता है, इसके सेवन से खून की कमी, एनीमिया, हृदय रोग, पित्ताशय विकारों, गुर्दे के विकार और बवासीर जैसी समस्या को दूर करने में मदद मिलती है. इसके औषधीय गुणों के चलते बाजार में चुकंदर की अच्छी मांग रहती है. ऐसे में किसान कुछ बातों का ध्यान रखकर चुकंदर की खेती करके अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं.

आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानें, चुकंदर की खेती से अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए किसानों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

उपयुक्त मिट्टी

वैसे तो किसान चुकंदर की खेती पूरे साल कर सकते हैं, लेकिन इसकी बुवाई के लिए ठंडा मौसम सबसे उपयुक्त माना जाता है. इसलिए अधिकतर किसान अक्टूबर-नवंबर में इसकी खेती करते हैं. इसकी खेती के लिए दोमट व बलुई मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है. चुकंदर की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 बीच होना जरूरी है.

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चुकंदर की उन्नत किस्में

किसान चुकंदर की खेती से अच्छी गुणवक्ता और उपज लेने के लिए इसकी उन्नत किस्मों का चयन कर सकते हैं. अक्टूबर-नवंबर में चुकंदर की बुवाई करने के लिए किसान अर्ली वंडर, डेट्रॉइट डार्क रेड, मिस्त्र की क्रॉस्बी, रूबी रानी, रोमनस्काया, क्रिमसन ग्लोब और एमएसएच 102 चुकंदर किस्म लगा सकते हैं.

ऐसे करें खेत की तैयारी

चुकंदर की खेते तैयार करने के लिए किसानों को सबसे पहले खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए, इसके बाद सही तरीके से खरपतवार नियंत्रण करके इसकी मिट्टी में गोबर की खाद डालकर खेत तैयार कर लेना चाहिए. अब खेत में क्यारी बनाकर मेड़ पर बुवाई करें, इससे फसल अच्छी होती है. आपके चुकंदर के बीज 2 सेमी की गहराई और 10 सेमी की दूरी पर बोने चाहिए, इससे कंद काफी अच्छा और विकसित होता है.

इन बातों का रखें ध्यान

  • चुकंदर के खेत में हर समय नमी रहना जरूरी होता है, इससे अच्छी उपज प्राप्त होती है.
  • इसकी फसल ठंडे या नमी वाले क्षेत्र में उगाने पर उपज में शक्कर की मात्रा अच्छी होती है.
  • इसके खेत को अधिक बारिश की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे बारिश से इसकी फसल प्रभावित नहीं होती है.
  • इसकी खेती के लिए 20 डिग्री तापमान सबसे अच्छा माना जाता है.
  • अगर किसान एक हेक्टेयर में चुकंदर की बुवाई करते हैं, तो इसके लिए उन्हें 14 से 15 किलोग्राम बीजों की आवश्यकता होती है.
  • चुकंदर के खेत में जल भराव होने से बचाना चाहिए, ज्यादा पानी की वजह से कंद सड़ भी सकते हैं.
  • चुकंदर की बुवाई के लगभग 60 दिनों के बाद इसकी फसल तैयार हो जाती है.
English Summary: tips for cultivate beetroot farmers become rich and get bumper production Published on: 11 October 2024, 05:06 PM IST

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