आलू के किसान अगर कम भूमि में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो ये खबर आपके लिए है. दरअसल केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला ने एक खास तरह का प्रयोग कर आलू की तीन किस्मों को तैयार किया है. अनुसंधान की मानें, तो इन तीन किस्मों के सहारे किसानों को अधिक लाभ मिलेगा.
फिलहाल उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रों में आलू की खेती की जाती है. लेकिन संस्थान द्वारा तैयार किए गए नए किस्मों को बाकि राज्यों में भी लगाया जा सकेगा.
आलू की तीनों किस्मों के नाम (Name of all three varieties of potato)
केंद्रीय आलू अनुसंधान द्वारा विकसित की गई किस्मों को कुफरी गंगा, कुफरी नीलकंठ और कुफरी लीमा का नाम दिया गया है. संस्थान के मुताबिक इन किस्मों को खराब मौसम और कम सिंचाई में भी उगाया जा सकता है. आलू के इन तीनों किस्मों को सब्सिड़ी पर देने की योजना है.
आलू की किस्मों की खासियत (Characteristics of potato varieties)
इन तीन किस्मों को देखा जाए, तो ये आकार में बड़े मालुम होते हैं. इसके साथ ही इन्हें पकाना आसान है. विशेषज्ञों के मुताबिक इनका स्वाद आम आलू के मुकाबिले अधिक स्वादिष्ट होगा.
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फायदें
विशेषज्ञों के मुताबिक मार्केट में इस आलू की मांग सामान्य आलू से अधिक होने होगा. सेहत के लिहाज से इसे अधिक फायदेमंद माना जा रहा है. इसमें मौजूद विटामिन, कैल्शियम और मैग्नीशियम गठिया को प्रभावी रूप से समाप्त करने में सक्षम है. इसके अलावा इसमें अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट मौजूद है, जो पाचनतंत्र को दुरुस्त रखने में काफी मददगार है.
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