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पढ़िए इस लेख में किस तरह खेतों-बगीचों में हो रहा मित्र कीटों और जैव फफूंदों से कीटों का नियंत्रण

आमतौर पर किसानों की फसल का नुकसान कीटों की वजह से होता है. ऐसे बहुत से शत्रु कीट होते हैं, जो फसल को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. इसके अलावा कई मित्र कीट भी होते हैं, जो किसानों की फसल को न सिर्फ शत्रु कीटों से बचाते हैं, बल्कि फसल का उत्पादन बढ़ाने में भी मदद करते हैं. ऐसे सी कुछ कीट हिमाचल की जैव नियंत्रण प्रयोगशाला में पैदा किए जाते हैं, ताकि फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों से बचाया जा सके.

कंचन मौर्य
pest

आमतौर पर किसानों की  फसल का नुकसान  कीटों की वजह से होता है. ऐसे बहुत से  शत्रु कीट होते हैं, जो फसल को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. इसके अलावा कई मित्र कीट भी होते हैं, जो किसानों की फसल को न सिर्फ शत्रु कीटों से बचाते हैं, बल्कि फसल का उत्पादन बढ़ाने में भी मदद करते हैं. ऐसे सी कुछ कीट हिमाचल की जैव नियंत्रण प्रयोगशाला में पैदा किए जाते हैं, ताकि फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों से बचाया जा सके. 

किसानों के खेतों में छोड़े गए कीट

कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने जानकारी दी है कि  ढाई वर्षों में 950 हेक्टेयर क्षेत्र में 14.78 करोड़ ट्राईकोग्रामा और चिलोनिश मित्र कीट किसानों के खेतों में छोड़े गए हैं, ताकि शत्रु कीट और बीमारी पर नियंत्रण हो पाए. इसके अलावा  378 हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 1105 किलोग्राम ट्राईकोडरमा बिरड़ी, बैसीलस बैसियाना, मैटराईजम जैव फफूंद और कीटनाशक, साथ ही लगभग 8,700 हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 2,900 फिरामौन ट्रैप किसानों के खेतों में कीट नियंत्रण के लिए लगाए गए. 

agriculture

हिमाचल की अर्थव्यवस्था में कृषि का अहम योगदान

कृषि मंत्री का कहना है कि हिमाचल की अर्थव्यवस्था में कृषि का अहम भूमिका है. इस राज्य के लगभग 90 प्रतिशत लोग ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं, जिनमें लगभग 62 प्रतिशत लोग कृषि क्षेत्र से जुड़े हैं. ऐसे में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों का लगभग 12.73 प्रतिशत योगदान है. उनका कहना है कि राज्य में लगभग 5.42 लाख हेक्टेयर भूमि पर खेती की जा रही है. किसानों द्वारा विभिन्न तरह की मौसमी और नकदी फसलें उगाई जाती हैं.

जानकारी के लिए बता दें कि राज्य में लगभग 87.95 प्रतिशत सीमांत और लघु वर्ग के किसान हैं, जिनसे लगभग 54.18 प्रतिशत भाग पर खेती की जाती है. इसके अलावा राज्य में लगभग 11.71 प्रतिशत किसान मध्यम श्रेणी में आते हैं, तो वहीं  0.34 प्रतिशत बड़े किसान हैं. बता दें कि राज्य की कृषि जलवायु नकदी फसलों के लिए काफी उत्तम मानी जाती है. राज्य के किसानों के लिए कृषि विभाग ने तरह-तरह की योजनाएं लागू कर रखी हैं. हर किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने के लिए कई सिंचाई योजनाएं शुरू की हैं इनके जरिए लगभग 10,428 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई सुविधा प्रदान की जाती है.

English Summary: The pests are being controlled by friendly pests and bio-molds in the fields Published on: 02 November 2020, 01:38 PM IST

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