किसानों ने खरीफ फसलों की कटाई के साथ-साथ गेहूं की खेती (Wheat Cultivation) की तैयारी शुरू कर दी है. गेहूं रबी सीजन (Rabi Season) की प्रमुख फसलों में से एक है, इसलिए किसान भाईयों को इसकी खेती के समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना है, ताकि फसल का अधिक उत्पादन प्राप्त हो.
इसलिए वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शंकर लाल जाट द्वारा दी गई जानकारी हम साझा कर रहे है. इस जानकारी के माध्यम से किसान भाई वैज्ञानिक तकनीक से गेहूं की उन्नत खेती कर सकते हैं.
बुवाई का समय (Sowing Time)
अगर किसान भाई गेहूं की खेती (Wheat Cultivation) करना चाहते हैं, तो 15 अक्टूबर से 15 नवंबर तक बुवाई की प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं. मगर ध्यान दें कि बुवाई से पहले मिट्टी का परीक्षण जरुर करवा लें.
खेत की तैयारी (Farm Ready)
मक्का के बाद गेहूं की बवुाई (Wheat Cultivation) शून्य जुताई स्थिति में की जा सकती है. अगर किसान भाईयों को लगता है कि खेत में जुताई की आवश्यकता है, तो वह खेत की जुताई कर सकते हैं.
उन्नत किस्में (Improved Varieties)
गेहूं की उन्नत खेती (Wheat Cultivation) के लिए किसान भाई एचडी 3226, एचडीसीएसडब्ल्यू 18, डीबीडब्ल्यू 187, एचडी 3086 और डीबीडब्ल्यू किस्मों की बुवाई कर सकते हैं.
बीजों की मात्रा (Seed Quantity)
गेहूं की खेती (Wheat Cultivation) में लगभग 40 किलो प्रति एकड़ बीज की आवश्यकता होती है. वैसे बीज की मात्रा फसल की अवधि पर भी निर्भर करती है.
बुवाई की विधि (Sowing Method)
साधारण उठी हुए मेड़ों पर दो या नुमेटिक प्लांटर वाली मेड़ों पर तीन गेहूं की पंक्तियों को बोया जा सकता है. इसके लिए आप सीडर या जीरो टिल बेड प्लांटर का प्रयोग कर सकते हैं.
खरपतवार नियंत्रण (Weed Control)
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बुवाई के बाद पेंडीमेथालिन 30% ईसी (स्टोम्प), 1 लीटर/एकड़ के हिसाब से छिड़क दें.
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इसके साथ ही बुवाई के लगभग 30 दिनों बाद चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए 2,4-डी 58% एसएल (वीडमार), 400-500 मिली/एकड़ या मेट्सल्फ्यूरॉन मिथाइल 20% डब्ल्यूपी (एल्ग्रिप), 10 ग्राम/एकड़ के हिसाब से छिड़क दें.
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इसके अलावा चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार और घास, दोनों के लिए सल्फोसल्फ्यूरॉन 75% डब्ल्यू जी (लीडर), 13 मिली/एकड़ छिड़क दें.
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घास कुल वाले खरपतवारों के लिए क्लोडिनोफॉप-प्रोपेगिल 15% डब्ल्यू पी (टॉपिक) 165 ग्राम/एकड़ से छिड़क दें.
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इसके अलावा जंगली जई और फेलारिस माइनर (गेहूं का मामा): फेनोक्साप्रोप-पी-एथिल 10% ईसी (प्यूमा सुपर) 400 मिली/एकड़ के हिसाब से छिड़क सकते हैं.
कटाई (Harvesting)
जब गेहूं के दाने पककर सख्त हो जाएं, साथ ही नमी की मात्रा 20 प्रतिशत से कम हो जाए, तो किसान भाई कम्बाइन हार्वेस्टर से कटाई, मढ़ाई एवं ओसाई एक साथ कर सकते हैं.
डॉ शंकर लाल जाट, वरिष्ठ वैज्ञानिक
भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान, दिल्ली इकाई, दिल्ली
पोषक तत्वों की आवश्यकता (प्रति एकड़) (Nutrient Requirement (Per Acre)
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52 किग्रा डीएपी
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23 किग्रा यूरिया
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27 किग्रा एमओपी फसल बोने के साथ
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पहली और दूसरी सिंचाई में 45 किलोग्राम यूरिया
सिंचाई (Irrigation)
गेहूं की खेती(Wheat Cultivation)के लिए 4 से 6 सिंचाई की आवश्यकता होती है. ध्यान रहे कि बुवाई के 21 दिन बाद, कल्ले फूटने, फूल आने, दूधिया अवस्था और दाना भराव अवस्थाओं में सिंचाई कर दें.
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