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मक्के की 10 उन्नत किस्में, जिनसे मिलती है अधिक पैदावार

मक्का एक प्रमुख खाद्य फसल है. वहीं, मक्के की खेती ज्यादातर पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में की जाती है. मक्का की खेती के लिए सभी तरह की मिट्टी उपयुक्त होती है. भारत में मुख्य रूप से मक्के की खेती आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में की जाती है

स्वाति राव
Maize Varieties
Maize Varieties

मक्का एक प्रमुख खाद्य फसल है. वहीं, मक्के की खेती ज्यादातर पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में की जाती है. मक्का की खेती के लिए सभी तरह की मिट्टी उपयुक्त होती है. भारत में मुख्य रूप से मक्के की खेती आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में की जाती है

लेकिन एमपी, छ्त्तीसगढ़, झारखंड, गुजरात आदि में इसका काफी महत्व है. तो आइए जानते हैं कि मक्के की 10 उन्नत किस्मों के बारे में, जिनसे मिलती है अधिक उपज-

डी. 941 (D. 941)

यह संकुलित किस्म का मक्का है. इसकी खेती हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में की जाती है. प्रति हेक्टेयर जमीन से लगभग 40 से 45 क्विंटल फसल प्राप्त होता है. इसके फसल को तैयार होने में 80-85 दिन का समय लगता है.

प्रकाश - जे.एच. 3189 (Prakash -JH 3189)

यह संकर किस्म जल्दी पकने वाली क़िस्मों में से एक है. इसकी खेती पूरे भारत में की जाती है. इस किस्म की फसल 80-85 दिन में तैयार हो जाते हैं. इस किस्म से प्रति हेक्टेयर लगभग 40 से 45 क्विंटल फसल प्राप्त होता है.

गंगा 5 (Ganga 5)

मक्के की इस किस्म को तैयार होने में लगभग 90 से 100 दिन लगते हैं. प्रति हेक्टेयर जमीन से करीब 50 से 60 क्विंटल फसल प्राप्त किया जा सकता है. इस किस्म की फसल के मक्के के दाने पीले रंग के होते हैं. यह सबसे ज्याद उगाई जाने वाली किस्म है.

पार्वती (Parvati)

मक्का की इस किस्म के पौधे मध्यम लम्बाई के एवं भुट्टे पौधे के बीच में थोड़ा ऊपर व पौधे में प्राय: दो भुट्टे लगते हैं. इसके दाने नारंगी-पीले रंग के व कठोर होते हैं. यह किस्म 110 से 115 दिनों में तैयार हो जाती है और पैदावार 14 क्विंटल प्रति एकड़ के लगभग है.

पूसा हाइब्रिड 1 (Pusa Hybrid 1)

यह मक्का की जल्दी पकने वाली किस्म है, जो 80 से 85 दिनों में पक जाती है. इसका दाना चपटा होता है और इसकी औसत पैदावार 30  से 35  क्विंटल प्रति एकड़ होती है. इस किस्म की खेती उत्तर प्रदेश में की जाती है.

शक्ति 1 (Shakti1)

यह मक्का की जल्दी पकने वाली किस्म 90  से 95 दिनों में पक जाती है. इसकी खेती भारत में सभी जगह की जाती है. इस किस्म की औसत पैदावार 50 क्विंटल प्रति एकड़ होती है.  

एस.पी.वी - 1041 (SPV-1041)

इसकी खेती मध्य प्रदेश में की जाती है. इसके दाने सफेद रंग के होते हैं. इस किस्म की फसलों को पकने में 110 से 115 दिन समय लगता है. इस किस्म की फसल से औसत पैदावार प्रति हेक्टेयर लगभग 30-32 क्विंटल होती है.

शक्तिमान (Shaktiman)

इसकी खेती मध्य प्रदेश में की जाती है. इसके दाने नारंगी होते हैं. इस किस्म की फसलों को पकने में 100 से 110 दिन का समय लगता है. इस किस्म की फसल से औसत पैदावार प्रति हेक्टेयर लगभग 70 क्विंटल होती है.

शक्तिमान 2 (Shaktimaan 2)

इसकी खेती मध्य प्रदेश में की जाती है. इसके दाने नारंगी होते हैं. इस किस्म की फसलों को पकने में 100 से 110  दिन समय लगता है. इस किस्म की फसल से औसत पैदावार प्रति हेक्टेयर लगभग 70 क्विंटल होती है.

मक्के की इन उपयुक्त किस्मों से फसल का अच्छा उत्पादन होगा एवं किसानों को इस किस्म की फसल से अच्छा मुनाफा भी होगा. इसलिए सभी किसान अपनी फसल की अच्छी उपज के लिए इन किस्म को उपयोग में लें सकते हैं. 

ऐसे ही फसलों से सम्बंधित जानकारी जानने के लिए जुड़े रहिये कृषि जागरण हिंदी पोर्टल से. 

English Summary: 10 improved varieties of maize, which give more yield Published on: 16 September 2021, 02:24 PM IST

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