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दलहन फसलों को कीटों से बचाने के लिए अपनाएं ये उपाय, जानें कैसे करें पहचान

दलहनी फसलें प्रोटीन का मुख्य स्रोत होने के साथ मिट्टी की उर्वरता बनाए रखती हैं। लेकिन दलहनी फसलों में प्रमुख कीटों में कजरा कीट और जाला कीट का प्रकोप सबसे अधिक देखने को मिलता है. कजरा कीट अंकुरित बीजों को नष्ट करता है, जबकि जाला कीट पत्तियों को खाता है। यहां जानें इन कीटों की पहचान एवं प्रबंधन के तरीके क्या है?

लोकेश निरवाल
दलहन फसल में कीट की पहचान एवं प्रबंधन (Image Source: Pinterest)
दलहन फसल में कीट की पहचान एवं प्रबंधन (Image Source: Pinterest)

Pulse Crops in Agriculture Sector: कृषि क्षेत्र में दलहन फसलें को प्रमुख स्थान है, क्योंकि यह प्रोटीन युक्त आहार का मुख्य स्रोत होता है. दलहन फसलों में मुख्य रूप से अरहर, मूंग, उड़द, चना, मसूर, और राजमा आदि फसलें शामिल है. दलहनी फसलों की खेती किसानों के लिए काफी लाभदायक होती है. क्योंकि बाजार में इन फसलों के दाम काफी उच्च होते हैं, जिससे किसान की आय में बढ़ोत्तरी होती है और साथ ही मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने में भी ये फसलें सहायक होती हैं, क्योंकि ये नाइट्रोजन स्थिरीकरण में मदद करती हैं.

वही, पानी में हुबे क्षेत्र से पानी की निकासी के पश्चात उस क्षेत्र में प्रायः कजरा कीट, जालाकीट एवं बाद में फली छेदक कीटों का आक्रमण होता है. टाल क्षेत्रों में इनके आक्रमण की संभावना अधिकतम रहती है. ऐसे में आइए इस आर्टिकल में दलहन फसल में कीट की पहचान एवं प्रबंधन के बारे में जानते हैं...

दलहन फसल में कीट की पहचान एवं प्रबंधन/Identification and Management of Pests in Pulse Crops

कजरा कीट (कट कमी): इस कीट का पिल्लू काले-भूरे रंग का 3-4 सेमी. लम्बा होता है. यह कीट रात भर सक्रिय रहकर अंकुरित हो रहे बीज को क्षतिग्रस्त करते हैं और नवांकुर पौधों को जमीन की सतह को काटकर गिरा देते हैं.

प्रबंधन

(क) क्लोरोपायरीफॉस 20 प्रतिशत ई.सी. का 6 मिली./ किग्रा. की दर से बीजोपचार करें.

(ख) खड़ी फसल में क्लोरोपायरीफॉस 20 प्रतिशत ई.सी. का 2.5 मिली./ लीटर पानी की दर से छिड़काव करें.

ये भी पढ़ें: दलहनी फसलों में लगने वाले प्रमुख रोग और उनकी रोकथाम

जाला कीट (लूसर्न कैटरपिलर)

इसका पिल्लू पीले-हरे रंग का लगभग 2 सेमी लम्बा होता है, जो पत्तियों को जाल बनाकर बांध देता है और हरितमा को खाता है.

प्रबंधन

  • खेत को खरपतवार से मुक्त रखें.
  • जैव कीटनाशी वैसिलस थुरिंजिनिसिस का 1 ग्राम/लीटर पानी की दर से छिड़काव करें.
  • इमामेक्टीन बेन्झोएट 5 प्रतिशत एस.जी. का 200-250 ग्राम या फ्लीबेन डियामाइड 39-35 प्रतिशत एस.सी. का 100 मिली. प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें.
English Summary: Protect pulse crops from pests effective measures Published on: 21 November 2024, 01:49 PM IST

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