किसान भाई अपनी फसल को लेकर हमेशा परेशानी में रहते हैं. कहीं बारिश अच्छी ना होने की वजह से तो कहीं फसल में उगाने वाली पार्थेनियम घास से किसान बहुत परेशान हैं. आपको बता दें कि सब्जी और प्याज की खेतों में उगा पार्थेनियम घास किसानों की फसल को बर्बाद कर रहा है. लाख बचाव के बाद भी किसान अपनी फसल को इस घास से छुटकारा नहीं दिला पा रहे हैं. पार्थेनियम घास ने दिन पर दिन किसानों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. जहां एक तरफ दियारांचल में प्याज की खेती सहित सिमरी, डुमरी, चक्की, काजीपुर, भेड़िया, अरक, धनंजयपुर, कठार, जवही आदि की खेती अच्छी हुई है. वहीं उत्तरी इलाका में पार्थेनियम घास ने इनकी खेती को बुरी तरह से अपना प्रभाव डाला है.
प्याज के साथ अन्य फसल भी आई चपेट में (Along with onion, other crops were also affected)
उत्तरी इलाकों के किसानों का कहना है कि फसलों में पार्थेनियम घास के उगने से प्याज के साथ-साथ अन्य फसल भी धीरे-धीरे इसकी चपेट में आ रही है. अपनी इस परेशानी का हल निकालने के लिए किसानों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) से भी बात की है, कि वह किसानों को पार्थेनियम की इस समस्या से जल्द ही निजात दिलाए. किसानों का कहना है कि दियारांचल में एक चौथाई फसल से अधिक इसकी चपेट में आ चुकी है.
किसानों का कहना है, कि पार्थेनियम घास पिछले चार दशक से किसानों के लिए परेशानी बनी हुई है. अपनी इस परेशानी को किसानों ने बिहार विधानसभा तक उठाया है, लेकिन इसके उन्हें अभी तक कोई फायदा नहीं प्राप्त हुआ है. पार्थेनियम घास को लेकर किसानों का कहना हैं, कि जब हम इसे फसल के बीच से उखाड़ते है, तो इसे हाथों में खुजली व एलर्जी(itchy hands and allergies) हो जाती है. कृषि वैज्ञानिकों के पास भी इस परेशानी का अभी तक कोई ठोस हल नहीं मिला है.
दियारांचल के किसानों की परेशानी को लेकर किसान युवराज चंद्रविजय सिंह ने भी मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, कृषि विभाग के प्रधान सचिव तथा वीर कुंवर सिंह कृषि विश्वविद्यालय (agricultural university) के वैज्ञानिकों को पत्र भी लिखा है, लेकिन अब तक सरकार की तरफ से इससे जुड़ी किसी भी की भी परेशानी पर कोई काम शुरू नहीं किया गया है.
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क्या है पार्थेनियम घास ? (What is parthenium grass?)
पार्थेनियम घास (parthenium grass) को लेकर वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज के वैज्ञानिकों द्वारा बताया गया है कि यह घास उत्तरी अमेरिका के उष्ण भागों में सबसे अधिक पाई जाती है और भारत में यह घास गेहूं के बीज के साथ मिलकर आया है. यह एक शाकीय पौधा है, जो लगभग 90 सेमी लेकर एक मीटर तक ऊंचा है.
फिलहाल के लिए इसके बचाव के लिए किसानों को समय रहते पार्थेनियम घास को फूल आने से पहले ही नष्ट कर दें, ताकि यह अपने बीज ना फैला पाए और साथ ही छोटे पौधों (small plants) को अपने हाथों से उखाड़ दें. ध्यान रहे कि पौधों को उखाड़ते वक्त अपने हाथों में दस्ताने जरूर पहने. जिससे की यह आपके हाथों को नुकसान ना पहुंचा सके.
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