Mushroom Improved Varieties: भारतीय किसान पारंपरिक खेती से हट कर गैर-पारंपरिक खेती की ओर अपना रुख कर रहे हैं और इसमें सफलता भी हासिल कर रहे हैं. देश के अधिकतर किसान सब्जियों की खेती करना पंसद कर रहे हैं, क्योंकि इनकी खेती से कम लागत और समय में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है. इनमें मशरूम की खेती भी शामिल है. मशरूम की खेती किसानों के लिए फायदेमंद और लाभदायक बिजनेस है. इसकी खेती के लिए कम जमीन, पानी और समय की जरूरत होती है. अन्य सब्जियों की खेती की तुलना में मशरूम की खेती करने में किसानों की कम लागत आती है और इससे अच्छी आय भी प्राप्त की जा सकती है. यदि किसान मशरूम की उन्नत किस्मों की खेती करते हैं, तो अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं.
आज हम आपको कृषि जागरण के इस आर्टिकल में टॉप 7 मशरूम की किस्मों की जानकारी देने जा रही है.
भारत में मशरूम की टॉप 7 किस्में
1. सफेद बटन मशरूम
भारत में सबसे अधिक सफेद बटन किस्म मशरूम की खेती की जाती है. यह काफी स्वादिष्ट होती है और इसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी मदद करते हैं. सब्जी बनाने से लेकर पिज्जा और पास्ता जैसे व्यंजनों में मशरूम की इस किस्म का इस्तेमाल किया जाता है. इस किस्म को कच्चा या पकाकर कैसे भी खाया जा सकता है. मशरूम की यह मार्केट में सबसे अधिक बिकने वाली किस्म है. इसकी खेती के लिए 22 से 26 डिग्री सेल्सियस का तापमान उपयुक्त माना जाता है.
2. ऑयस्टर मशरूम
भारत में ऑयस्टर मशरूम को किसानों के बीच ढींगरी मशरूम के नाम से भी पहचाना जाता है. इस किस्म के मशरूम देखने में भूरे रंग के होते हैं. इस किस्म के मशरूम दिखने में डस्की होते हैं, इसलिए इन्हें ऑयस्टर कहा जाता है. महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, बंगाल और उड़ीसा में इस किस्म के मशरूम की मुख्यतौर से खेती की जाती है. ऑयस्टर मशरूम की खेती के लिए 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त माना जाता है और यह 3 महीनों में तैयार हो जाती है.
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3. मिल्की मशरूम
मिल्की मशरूम जिसे भारत में समर मशरूम के नाम से पहचाना जाता है. यद दिखने में मशरूम की सफेद बटन किस्म जैसे ही होते है, लेकिन यह अन्य किस्मों के मुकाबले अधिक टिकाऊ होते हैं. मिल्की किस्म के मशरूम में विटामिन डी की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जिस वजह से मार्केट में इसकी हमेशा ही मांग रहती है. इस किस्म के मशरूम को केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में दूसरी फसलों के साथ उगाया जाता है.
4. शिटाके मशरूम
शिटाके किस्म के मशरूम दुनिया में सबसे अधिक खाए जाने वाले मशरूम है और यह औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. इस किस्म के मशरूमों की भारत में खेती करके विदेशों में निर्यात किया जाता है. शिटाके मशरूम विटामिन और प्रोटीन से भरपूर होते हैं और इन्हें हिमाचल और नॉर्थ ईस्ट जैसे राज्यों में उगाया जाता है. यह मशरूम डायबिटीज जैसी बीमारियों में बेहद फायदेमंद माना जाता है.
5. क्रेमिनी मशरूम
क्रेमिनी, बटन मशरूम की ही एक किस्म है. यह स्वाद में अवल होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी काफी लाभदायक मानी जाती है. इस किस्म के मशरूम पर एक मोटी लेयर होती है और इसका रंग कॉपी का होता है. यदि किसान इस किस्म के मशरूम की खेती करते हैं, तो इससे दोगुना आमदनी कमा सकते हैं.
6. पोर्टोबेलो मशरूम
मशरूम की इस किस्म में कैलोरी, वसा और सोडियम काफी कम होता है, इसमें एंटीऑक्सिडेंट मौजूद होते हैं. दुनिया में सबसे अधिक खाए जाने वाले मशरूमों की किस्म में एक यह किस्म भी शामिल है. इसे सब्जी और सलाद दोनों ही तरीको से देश और विदेश में खाया जाता है. इसे सिर का आकार काफी बड़ा होता बै और इसका रंग भूरे, सफेद या ऑफ-व्हाइट हो सकता है.
7. शिमेजी मशरूम
शिमेजी किस्म के मशरूम की खेती समुद्र तट के मृत पेड़ों पर की जाती है. अधिकतर लोग इस किस्म के मशरूम खाना पंसद करते हैं, क्योंकि यह पकने के बाद कुरकुरे की तरह स्वादिष्ट हो जाते हैं. शिमेजी मशरूम में काफी अच्छी मात्रा में विटामिन बी2 और डी पाया जाता है. इस किस्म के मशरूम में मौजूद आहार मोटापा कम करने और कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है.
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