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लौकी की BRBG-65 किस्म से मिलेगा अधिक उत्पादन, पढ़िए बुवाई का सही समय

साल के 12 माह किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि इन सभी माह में किसानों को खेती के कई कार्यों को पूरा करना होता है. किसी फसल की सिंचाई करनी होती है, तो किसी फसल की कटाई या बुवाई करनी पड़ती है.

कंचन मौर्य
Agriculture
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साल के 12 माह किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि इन सभी माह में किसानों को खेती के कई कार्यों को पूरा करना होता है. किसी फसल की सिंचाई करनी होती है, तो किसी फसल की कटाई या बुवाई करनी पड़ती है.

अभी फरवरी माह चल रहा है, तो ऐसे में किसान इस माह में होने वाले खेती संबंधी कार्यों में जुटे हैं. इसके बाद मार्च शुरू हो गया, जिसके साथ ही जायद सीजन की शुरुआत हो जाएगी. इस माह में किसान कई फसलों की बुवाई कर सकते हैं, जिनमें लौकी भी शामिल है. लौकी गर्मियों की एक अहम सब्जी है, इसलिए मार्च में किसान लौकी की खेती करना शुरू कर सकते हैं. तो आइए हम अपने इस लेख के माध्यम से बताते हैं कि किसान भाईयों के लिए लौकी की खेती में किस उन्नत किस्म की बुवाई करना चाहिए, ताकि उन्हें फसल का अधिक से अधिक उत्पादन मिल सके.

लौकी की उन्नत किस्म (Improved Variety of Bottle Gourd)

आपको बता दें कि बिहार कृषि विश्वविध्यालय सबौर, भागलपुर के वैज्ञानिक द्वारा छोटे परिवारों को ध्यान में रखते हुए लौकी की एक नई किस्म विकसित की गई है, जिसका नाम बीआरबीजी–65 है. ध्यान रहे कि यह किस्म बिहार के लिए उपयुक्त मानी गई है. इसके साथ ही खेती वर्ष भर की जा सकती है.

इसे पढ़ें - इस तकनीक से लौकी की एक बेल से 800 लौकियां लीजिए

बीआरबीजी–65 किस्म की खासित (Variety of BRBG-65)

इस किस्म के फलों की लंबाई 32 से 35 से.मी. होती है और वजन 800 ग्राम से एक कि.ग्रा. तक होता है. इस किस्म का फल देखने में बहुत खूबसूरत, छोटे और एक समान रूप से बेलनाकार होता है.  तो आइए इस किस्म की खेती की पूरी जानकारी देते हैं.

लौकी बीआरबीजी–65 किस्म की खेती कब करें (When to Cultivate Gourd BRBG-65 Variety)

बता दें कि लौकी की बीआरबीजी–65 किस्म की बुवाई गर्मी, बरसात और अगेती शरद तीनों मौसम के लिए उपयुक्त है. वैज्ञानिक का जदावा है कि इसके फल उच्च गुणवत्तायुक्त है. उनके अनुसार, किसान वर्ष भर इसकी खेती कर मुनाफा कमा सकते हैं.

कितनी मिलेगी उपज?(How Much Will You Get?)

बीएयू के वैज्ञानिकों का दावा  है कि लौकी की इस नई किस्म से औसत उपज 540 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होगी. जो एनी किस्मों की अपेक्षा बहुत ज्यादा है. बता दें कि इसकी खेती बरसात के मौसम में भी झालरी व पंडाल पद्धति से की जा सकती है.  

English Summary: More than BRBG-65 variety of gourd will be produced Published on: 08 February 2022, 04:13 PM IST

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