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मक्का की फसल पर आर्मी वर्म कीट का हमला, जानिए रोकथाम का तरीका

टिड्डी दल के आकम्रण से उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा मध्य प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बुंदेलखंड क्षेत्र समेत कई राज्य के किसान दहशत में हैं. कई किसानों की फसलों को टिड्डियों के दलों ने अपना शिकार बनाया है. जहां किसान टिड्डी के दल को भगाने का पूरा प्रयास कर रहे थे कि उत्तर प्रदेश के किसानों के सामने एक और समस्या आकर खड़ी हो गई है.

कंचन मौर्य
Maize Farming
Maize Farming

टिड्डी दल के आकम्रण से उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा मध्य प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बुंदेलखंड क्षेत्र समेत कई राज्य के किसान दहशत में हैं. कई किसानों की फसलों को टिड्डियों के दलों ने अपना शिकार बनाया है. जहां किसान टिड्डी के दल को भगाने का पूरा प्रयास कर रहे थे कि उत्तर प्रदेश के किसानों के सामने एक और समस्या आकर खड़ी हो गई है.

दरअसल, उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में जायद की फसल में मक्का की फसल प्रमुख मानी जाती है. मगर कृषि विभाग ने मक्का की फसल में आर्मी वर्म के हमले की आशंका जताई है.

उनका कहना है कि इस वक्त मक्का की फसल को आर्मी वर्म से काफी नुकसान पहुंच सकता है. इसके लिए कृषि विभाग ने एडवाइजरी भी जारी की है, ताकि किसानों को मक्का की फसल में नुकसान न उठाना पड़े.  

क्या होता है आर्मी वर्म (What is army worm)

मक्का की फसल में लगने वाले आर्मी वर्म को प्रमुख कीट माना जाता है, जो कि फसल को काफी नुकसान पहुंचा सकता है. इस कीट का लार्वा मक्के के छोटे पौधों के तनों में अंदर घुस जाता है और अपना भोजन प्राप्त करता है.

आर्मी वर्म की पहचान (Army Worm Identification)

इस कीट की पहचान पत्तियों पर लार्वा के मलमूत्र से होती है. यह कीट मक्का की पत्तियों पर भूसे के बुरादे जैसा दिखाई देता है. इसके लिए किसानों को अपनी फसलों पर नियमित रूप से निगरानी रखना चाहिए.

अगर फसल पर इस कीट के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत उसका उपचार कर देना चाहिए. बता दें कि इस कीट  के लिए गर्म और नम, दोनों मौसम काफी अनुकूल रहता है.

ऐसे करें आर्मी वर्म की पहचान (How to identify Army Worm)

  • पत्तियों पर छिद्र दिखाई देते हैं.

  • लार्वा हल्के पीले, भूरे, हरे रंग और काले रंग के होते हैं.0

  • किनारों पर पट्टियां पड़ जाती हैं, साथ ही पीठ पर पीली सी रेखा पड़ जाती है.

आर्मी वर्म की रोकथाम (Army Worm Prevention)

  • थायोमेक्थासोम 6 प्रतिशत, लेम्डा सायलाथ्रिन 9.5 प्रतिशत, क्लोरोपायरीफॉस 50 प्रतिशत, सायपरमेथ्रिन 5 प्रतिशत के मिश्रण का छिड़काव कर दें.

  • अधिकतर प्रयास करते रहें कि दवा का छिड़काव बढ़वार वाले भाग के अंदर तक पहुंच सके.

ऐसी ही कृषि सम्बंधित जानकारियां पाने के लिए जुड़े रहें हमारी कृषि जागरण हिंदी वेबसाइट के साथ...

English Summary: Method of prevention of army worm pest in maize crop Published on: 13 June 2020, 03:54 PM IST

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