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मधुमक्खी पालन के इस हब में दूसरे राज्यों के मधुमक्खी पालक कर रहे हैं रुख, जानिए इसकी खासियत

मधुमक्खी पालन मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के किसानों को देशभर में ख़ास पहचान दिला रहा है. यहां के किसानों द्वारा बड़े स्तर पर मधुमक्खी पालन किया जा रहा है. वहीं यहां दूसरे राज्यों के मधुमक्खी पालक भी अपने बॉक्स लगा रहे हैं.

श्याम दांगी
Beekeeping
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मधुमक्खी पालन एक ऐसा व्यवसाय बन चुका है, जो आज के समय में कई लोगों को रोजगार का बेहतर अवसर प्रदान कर रहा है. इसी क्रम में मधुमक्खी पालन मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के किसानों को देशभर में ख़ास पहचान दिला रहा है. यहां के किसानों द्वारा बड़े स्तर पर मधुमक्खी पालन किया जा रहा है. वहीं यहां दूसरे राज्यों के मधुमक्खी पालक भी अपने बॉक्स लगा रहे हैं. 

जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र की पहल के बाद यहां के किसान बड़ी संख्या में मधुमक्खी पालन कर रहे हैं. तो आइये जानते हैं कैसे मुरैना जिला मधुमक्खी पालन का हब बनता जा रहा है.

मधुमक्खी हब में आ रहे दूसरे राज्यों के किसान (Farmers from other states coming to Bee Hub)

बता दें कि जिले में रबी सीजन में बड़े पैमाने पर सरसों की खेती होती है. यही वजह है कि यहां उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, पंजाब जैसे प्रदेशों से मधुमक्खी पालक अपने बक्से लेकर आते हैं.

मुरैना के कृषि विज्ञान केन्द्र के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. सत्येन्द्र पाल सिंह का कहना हैं कि पहले जिले के सरसों किसान यह मानते थे कि सरसों की फसल में मधुमक्खी बॉक्स लगाने से फसल का उत्पादन घट जाता है. लेकिन अब यह भ्रांतियां दूर हो रही है और किसानों को समझ में आ रहा है मधुमक्खियों के बॉक्स रखने से सरसों के उत्पादन में इजाफा होता है.

मधुमक्खी पालन से 30 करोड़ का बिजनेस (30 crore business from beekeeping)

मुरैना जिला धीरे-धीरे मधुमक्खी पालन का हब बनता जा रहा है. यहां साल 2006 से 2007 में महज 10 किसानों के साथ मिलकर मधुमक्खी पालन शुरू हुआ था लेकिन आज यहां करीब 6000 मधुमक्खियों के बॉक्स है. वहीं सालाना मधुमक्खी पालन का 30 करोड़ का बिजनेस होता है. इसकी सबसे बड़ी वजह है सरसों की खेती यहां बड़े पैमाने पर होती है.

ये खबर भी पढ़ें: Bee Keeping: मात्र 20,000 रुपए में शुरू करें मधुमक्खी पालन, जानिए इसके व्यवसाय से जुड़ी अहम जानकारी

यहां के मधुमक्खी पालक गजेन्द्र सिंह का कहना है कि वे 2007 से पहले परंपरागत खेती करते थे लेकिन कृषि विज्ञान केन्द्र के मार्गदर्षन के बाद वे मधुमक्खी पालन कर रहे हैं. जिससे उन्हें अच्छी आमदानी हो रही है. आज उनके पास 100 से अधिक मधुमक्खी पालन के बक्से है. इसके लिए उन्होंने कई कार्यशालाओं में हिस्सा लिया था.

महिन्द्रा कृषि अवार्ड से सम्मानित (Conferred with Mahindra Agriculture Award)

जिले में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने में यहां के कृषि विज्ञान केन्द्र की अहम भूमिका है. यही वजह है कि जिले को महिंद्रा कृषि समृद्धि अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.

बता दें कि भारत ने पिछले साल अमेरिका समेत दुनिया के अन्य देशों को 633. 82 करोड़ रूपये की शहद निर्यात की गई है. इस तरह मधुमक्खी पालन का व्यवसाय काफी चलन में है. 

English Summary: Madhya Pradesh Morena district becomes beekeeping hub, beekeepers of other states are also taking a stand Published on: 27 January 2021, 06:35 PM IST

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