अब किसान धान और मक्का जैसी परंपरागत खेती को छोड़कर दूसरी नकदी फसलों पर भी ध्यान दे रहे हैं. इसमें मिर्च की खेती भी शामिल है. मिर्च एक नकदी फसल है, जिसकी व्यवसायिक खेती करके किसान ज्यादा मुनाफ़ा कमा सकते हैं. मिर्च को हमारे भोजन का प्रमुख हिस्सा माना जाता है. इसमें विटामिन ए, सी समेत कई मुख्य लवण पाए जाते हैं. इसका इस्तेमाल अचार, मसालों और सब्जी बनाने में किया जाता है. ऐसे में किसान मिर्च की खेती करके अतिरिक्त लाभ कमा सकते हैं.
अगर किसान मिर्च की उन्नत किस्मों की बुवाई करते हैं, तो उनसे अच्छा उत्पादन मिलना संभव होता है. इसके साथ ही अनुकूल जलवायु, मिट्टी, जल-निकासी प्रंबंध की उचित व्यवस्था होनी चाहिए. जब इसकी बुआई करें, तो बीज और मिटटी में उत्तम सम्पर्क होना चाहिए, इससे बीज का अंकुरण अच्छा होता है और किसानों को फसल की अच्छी पैदावार प्राप्त होती है. इसके साथ ही मिर्च उत्पादकों को ध्यान देना चाहिए कि इसकी खेती में उन्नत किस्मों की ही बुवाई करें, तो आइये आपको मिर्च की उन्नत और संकर किस्मों की विशेषताओं और पैदावार की जानकारी देते हैं.
मिर्च की उन्नत और संकर किस्मों की जानकारी
पूसा ज्वाला
इस किस्म का पौधा बोना होता है, जिसके फल मध्यम तीक्ष्णता वाले हल्के हरे के होते हैं. इनकी लंबाई लगभग 9 से 10 सेंटीमीटर की होती है. यह पकते समय लाल रंग में परिवर्तित हो जाते हैं, जिससे प्रति हेक्टेयर लगभग 75 से 80 क्विंटल हरी मिर्च मिल जाती है, तो वहीं सूखी मिर्च लगभग 7 से 8 क्विंटल मिल जाती है.
पंजाब लाल
इस किस्म के पौधे बोने और गहरी हरी पत्तियों वाले होते हैं. इसके फलों का आकार मध्यम होता है, जिस पर लाल रंग के फल लगते हैं. यह लगभग 120 से 180 दिन में पक जाते हैं, तो वहीं प्रति हैक्टेयर लगभग 100 से 120 क्विंटल हरी मिर्च की पैदावार देते हैं और सूखी मिर्च लगभग 9 से 10 क्विंटल देते हैं.
कल्याणपुर चमन
यह मिर्च की संकर किस्म में शामिल है. इसकी फलियां लाल रंग की होती हैं, जोकि आकार में लंबी और तीखी पाई जाती हैं. इससे प्रति हेक्टेयर लगभग 25 से 30 क्विंटल सूखी मिर्च की पैदावार प्राप्त हो जाती है.
भाग्य लक्ष्मी
मिर्च की इस किस्म को सिंचिंत और असिंचित, दोनों क्षेत्रों में उगाया जाता है. यह किस्म असिंचित क्षेत्र में प्रति हेक्टेयर लगभग 8 से 10 क्विंटल पैदावार दे देती है. इसके अलावा सिंचित क्षेत्र में लगभग 15 से 18 क्विंटल शुष्क फल देती है.
आंध्रा ज्योति
मिर्च की इस किस्म को पूरे देश में उगाया जाता है. इससे प्रति हेक्टर लगभग 18 से 20 क्विंटल सूखी मिर्च की पैदावार प्राप्त होती है.
आर्को लोहित
इस किस्म के फल तीखे होते हैं, साथ ही इनका रंग लाल होता है. यह किस्म लगभग 200 से 210 दिन में तैयार हो जाती है, जो कि प्रति हेक्टर लगभग 35 क्विंटल पैदावार दे सकती
पंजाब लाल
यह एक बहुवर्षीय किस्म है, जो कि प्रति हेक्टर लगभग 47 क्विंटल पैदावार दे सकती है. इसमें वायरस रोग से लड़ने की अच्छी क्षमता होती है.
एन पी 46 ए
इस किस्म के फल लंबे पाए जाते हैं, साथ ही यह पतले और बहुत तीखे होते हैं. इनके पकने की अवधि लगभग 120 से 130 दिन की होती है. यह किस्म प्रति हेक्टेयर लगभग 70 से 90 क्विंटल हरी मिर्च की पैदावार दे सकती है.
जाहवार मिर्च 283
मिर्च की इस किस्म को काफी उन्नत माना जाता है. इस किस्म में सडन डाई बैक, माइट्स और थ्रिप्स के प्रति सहनशील होती है. बता दें कि हरी मिर्च लगभग 105 से 110 दिन में पक जाती है और लाल मिर्च लगभग 130 से 135 दिन में तैयार होती है. इससे प्रति हेक्टेयर लगभग 85 से 95 हरी मिर्च प्राप्त हो जाती है, तो वहीं लगभग 18 से 22 क्विंटल लाल मिर्च प्राप्त हो सकती है.
जाहवार मिर्च 148
यह किस्म जल्द पक जाती है, जो कि कम तीखी मिर्च होती है. इसमें कुर्करा रोग का प्रकोप कम होता है. हरी मिर्च लगभग 100 से 105 दिन में तैयार हो जाती है, तो वहीं लाल लगभग 120 से 125 दिन तैयार होती है. इससे प्रति हेक्टेयर लगभग 85 से 100 क्विंटल हरी और लगभग 18 से 23 क्विंटल सूखी मिर्च प्राप्त हो जाती है.
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