कर्नाटक के बेंगलुर शहर के बाहरी क्षेत्र हेसरघट्टा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीआर) तथा भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान की ओर से 28 और 29 मई को बेहद ही अनूठा मेला आयोजित किया गया था. जिसमें आम और कटहल को अलग-अलग तरह से प्रदर्शित किया गया है. यहां मेले में 530 किस्म के आम 70 किस्म के कटहल को प्रदर्शित किया गया है. आईआरसीआर के निदेशक के मुताबिक, देश में चार हजार वर्षों से आम का उत्पादन किया जा रहा है. यहां विश्व में 1000 हजार से अधिक आम की किस्म का उत्पादन होता है. उसी तरह से देश के विभिन्न राज्यों में 100 से अधिक किस्म के कटहल का उत्पादन होता है.
कई राज्यों में है आम का उत्पादन
पंजाब, हिमाचल प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, महाराषट्र्, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना कर्नाटक, केरल, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा समेत विभिन्न राज्यों में विभिन्न किस्म के आम का उत्पादन किया जाता है. लेकिन अधिकांश किसानों को आम की गुणवत्ता, उससे बनने वाले उत्पाद के विपण्न की जानकारी नहीं है. इससे कई तरह के किस्मों के कटहल का वाणिज्यिक फसल के रूप में लाभ नहीं लिया जा सकता है. विश्व में पूरे आम उत्पादन में से 54.2 फीसद उत्पादन भारत में ही होता है. देश में उत्पादित आम आमेरिका, आस्र्ट्रेलिया, ब्रिटेन समेत अन्य खाड़ी देशों में निर्यात होते है.
यह है देश के विभिन्न किस्में
बिहार में ग्रीन चौसा, दशहरी, फाजिल, किशनभोग, हिमसागर, लंगडा, हिमाचल प्रदेश में चौसा, दशहरी एवं लगड़ा, उत्तर प्रदेश में बांबे ग्रीन चौसा, दशहरी, मध्य प्रदेश में अलंफांसों,बांबे ग्रीन, चौसा, आंध्र प्रदेश में बनगानपल्ली, सुवर्णरेखा, नीलम तथा तोतापुरी, पश्चिम बंगाल में फाजिल, गुलाबखास, हिमसागर, किशनभोग, लंगड़ा, कर्नाटक में अल्फांसो, तोतापुरी, बनगानपल्ली, राजस्थान में चौसा दशहरी किस्म के आमों का काफी उत्पादन होता है.
दुर्लभ किस्म के आम के बीजों का संरक्षण
भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान की ओर से विभिन्न अनूठे किस्मे के आम और कटहल के बीजों का संरक्षण किया जाता है. आने वाले दिनों में ऐसे फलों के अधिक उत्पादन के प्रोत्साहन करना मेले का लक्ष्य है. इसके माध्यम से उपभोक्ताओं को पता चलेगा कि देश में कितने तरह की किस्म के आम और कटहल उपलब्ध है.मेले के माध्यम से म उत्पादक किसानों को उनके उत्पाद सीधे बाजार में बेच सकेंगे.
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