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चने की उन्नत किस्में और उपज, जिनसे मिलती है अधिक पैदावार

दलहनी फसलों में चना एक महत्वपूर्ण फसल है. भारत में उगाई जाने वाली दलहनी फसलों की कुल पैदावार का लगभग आधा हिस्सा चने से प्राप्त होता है. चने का मुख्य रूप सेउपयोग दाल, बेसन, सब्जी के रूप में किया जाता है. चने में पाए जाने वाले पोषकतत्त्व प्रोटीन, कोर्बोहाइड्रेट, रेषा, वसा, कैल्शियम और आयरन हमारी सेहत के लिए बहुत लाभदायी होता है.आज हम अपने इस लेख में आपको चने की उन्नत किस्मों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे उपज भी अच्छी होगी और किसानों को अच्छा लाभ भी मिलेगा.

स्वाति राव

दलहनी फसलों में चना एक महत्वपूर्ण फसल है. भारत में उगाई जाने वाली दलहनी फसलों की कुल पैदावार का लगभग आधा हिस्सा चने से प्राप्त होता है. चने का मुख्य रूप सेउपयोग दाल, बेसन, सब्जी के रूप में किया जाता है. चने में पाए जाने वाले पोषकतत्त्व प्रोटीन, कोर्बोहाइड्रेट, रेषा, वसा, कैल्शियम और आयरन हमारी सेहत के लिए बहुत लाभदायी होता है.आज हम अपने इस लेख में आपको चने की उन्नत किस्मों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे उपज भी अच्छी होगी और किसानों को अच्छा लाभ भी मिलेगा.

चने की उन्नत किस्में (Improved Varieties of Gram)

जे जी 74 (J G 74)

चने की यह किस्म 110 – 115 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म की खासियत यह है की इसकी औसतन उपज 15- 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है. इस किस्म के बीज माध्यम आकार के होते है. इस किस्म की खेती भारत के सम्पूर्ण राज्य में की जाती है.

जे जी 315  (JG 315)

चने की यह किस्म 140 –145 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म की खासियत यह है की इसकी औसतन उपज 25 – 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है. इस किस्म के बीज माध्यम आकार के होते है. इस किस्म की खेती मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ राज्य में की जाती है.

राधे (Radhe)

चने की यह किस्म 140 – 150 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म की खासियत यह है की इसकी औसतन उपज 25 – 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है. इस किस्म के बीज बड़े आकार के होते है एवं इस किस्म की पौध लम्बी एवं फलावदार होती है.  इस किस्म की खेती भारत के सम्पूर्ण राज्य में की जाती है.

अवरोधी (Avrodhi)

चने की यह किस्म 150 – 155 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म की खासियत यह है की इसकी औसतन उपज 25 – 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है. इस किस्म के पौध की लम्बाई माध्यम आकार की होती है.

विजय (Vijay)

चने की यह किस्म 120 – 125 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म की खासियत यह है की इसकी औसतन उपज 15- 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है. इस किस्म के बीज माध्यम आकार के होते है. इस किस्म की खेती भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में की जाती है.

फसलों की उन्नत किस्मों से सम्बंधित जानकारी जानने के लिए जुड़े रहिये कृषि जागरण हिंदी पोर्टल से. 

English Summary: improved varieties and yield of gram, which gives higher yield Published on: 20 September 2021, 06:16 PM IST

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