Tomato Cultivation: टमाटर की खेती करने वाले किसानों के लिए टमाटर की उन्नत किस्म पूसा टमाटर हाइब्रिड 6 बेहद लाभकारी है. टमाटर की यह किस्म खास तौर पर उन किसानों के लिए अच्छा विकल्प है, जो खरीफ और रबी दोनों ही सीजन में टमाटर की अच्छी पैदावार/ Tomato yield पाना चाहते हैं. बता दें कि टमाटर की इस बेहतरीन किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR) द्वारा विकसित किया गया है. यह टमाटर की संकर किस्म है. टमाटर की इस उन्नत किस्म से किसान साल भर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.
इस किस्म के टमाटर में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक है और साथ ही उच्च पैदावार में भी अव्वल है. ऐसे में आइए आज के इस लेख में हम पूसा टमाटर हाइब्रिड 6 किस्म/ Pusa Tomato Hybrid 6 Variety के बारे में विस्तार से जानते हैं. ताकि किसान इसकी खेती कर अच्छी पैदावार पा सके.
रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक
टमाटर की खेती के लिए सबसे बड़ा खतरा रोगों का होता है, जो पैदावार को नष्ट कर किसानों को आर्थिक नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में किसानों के लिए टमाटर की यह किस्म काफी लाभकारी है. क्योंकि पूसा टमाटर हाइब्रिड 6 को विशेष रूप से चार प्रमुख रोगों के प्रति प्रतिरोधी होने के लिए तैयार किया गया है, जिसके नाम कुछ इस प्रकार से हैं...
टमाटर पत्ती कुंचन रोग (टीओएलसीडी): यह सफेद मक्खियों द्वारा फैलने वाला विषाणु जनित रोग है, जो पत्तियों के मुड़ने, विकास अवरुद्ध होने तथा उपज में कमी का कारण बनता है.
लेट ब्लाइट (लेट ब्लाइट): एक फफूंद जनित रोग जो आर्द्र परिस्थितियों में पनपता है तथा टमाटर के पौधों को तेजी से नष्ट करने के लिए जाना जाता है.
फ्यूजेरियम विल्ट: एक मृदा जनित फफूंद रोग जो पौधों में जल और पोषक तत्वों के प्रवाह को अवरुद्ध कर देता है, जिससे पौधे मुरझा जाते हैं और मर जाते हैं.
जीवाणु जनित विल्ट: मिट्टी के जीवाणुओं के कारण होने वाला यह रोग पौधों को अचानक मुरझाने पर मजबूर कर देता है और वही एक बार मिट्टी में उपस्थित हो जाने पर इसका प्रबंधन करना अत्यधिक चुनौतीपूर्ण होता है.
रासायनिक कीटनाशकों के प्रभाव कम
किसान पूसा टमाटर हाइब्रिड 6 किस्म को लगाकर रासायनिक कीटनाशकों और कवकनाशकों की ज़रूरत को काफ़ी हद तक कम कर सकते हैं. साथ ही इनपुट लागत को कम कर सकते हैं और पर्यावरण पर होने वाले प्रभाव को कम कर सकते हैं. हाइब्रिड की मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता फसलों के लिए ज़्यादा सुरक्षा प्रदान करती है और बढ़ते मौसम में स्वस्थ पौधे सुनिश्चित करती है.
परिपक्वता और फल की विशेषताएं
पूसा टमाटर हाइब्रिड 6 के पौधे रोपण के बाद 130 से 150 दिन में पक जाते हैं. यह मध्य-से-देर-मौसम की परिपक्वता किसानों को फसल की कटाई में समय लगाने और श्रम और बाजार की मांग को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने की अनुमति देती है. वही, यह टमाटार दिल के आकार के होते हैं और इनका वजन 80 से 90 ग्राम के बीच होता है. फल में एक मोटा पेरिकार्प (0.5 सेमी) होता है, जो परिवहन और भंडारण के दौरान इसकी स्थायित्व को बढ़ाता है. यह मोटा छिलका टमाटर को चोट लगने से भी बचाता है, कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करता है और शेल्फ लाइफ को बढ़ाता है. टमाटर की पूसा टमाटर हाइब्रिड 6 किस्म से किसान खरीफ मौसम में प्रति हेक्टेयर 900 क्विंटल और रबी मौसम 600 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.
पूसा टमाटर हाइब्रिड 6 में विटामिन की मात्रा
पूसा टमाटर हाइब्रिड 6 में उच्च पोषण मूल्य पाया जाता है, जो इसे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाता है. इस संकर द्वारा उत्पादित टमाटर विटामिन सी से भरपूर होते हैं, जो प्रति 100 मिलीलीटर रस में 29 मिलीग्राम प्रदान करते हैं. बता दें कि विटामिन सी मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने के लिए आवश्यक है और इस किस्म में इसकी प्रचुरता टमाटर की पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ के रूप में बाजार में बिक्री को बढ़ाती है.
इन राज्यों में मिलेगी अच्छी पैदावार
पूसा टमाटर हाइब्रिड 6 किस्म को विशेष रूप से छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में खेती के लिए अनुशंसित किया जाता है. ये राज्य, जहां अलग-अलग जलवायु परिस्थितियां होती हैं, मानसून और सर्दियों दोनों मौसमों के लिए हाइब्रिड की अनुकूलता से देश के किसान लाभ उठा सकते हैं.
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